।। उषा स्वस्ति ।।
"तुम बंजर हो जाओगे...
यदि इतने व्यवस्थित ढ़ँग से रहोगे
यदि इतने सोच समझकर
बोलोगे ,चलोगे,
कभी मन की नहीं कहोगे ,
सच को दबाकर झूठे प्रेम के गाने गाओगे
तो मैं तुमसे कहता हूँ ,तुम बंजर हो जाओगे..!!"
भवानी प्रसाद मिश्रा ..हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक, दूसरा सप्तक के प्रथम कवि, गांंधी-दर्शन का प्रभाव तथा नम मिट्टी की अभूतपूर्व झलक अपनी कविताओं में रखने वाले साहित्यकार आ० भवानी प्रसाद मिश्रा.. विनम्र नमन..
जिनके लिए कविता अभिव्यक्ति नहीं बल्कि अनुभव का माध्यम है..✍️
इसी क्रम को आगें बढ़ातें हुए आज कुछ कवित्त लेखनी से रूबरू होते हैं.. रचनाकारों के नाम क्रमानुसार पढ़ें...
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झरें होंगे चाँदनी मे , हरसिंगार...
झरें होंगे चाँदनी मे ,
हरसिंगार...
निकलेंगे अगर घर से,
तो देख लेंगे ।
नीम की टहनी पर,
झूलता सा चाँद..
मिला फिर से अवसर
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संस्कृत और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: समय है अपनी जड़ों की ओर वापसी का
प्लास्टिक से निर्मित डेकोरेटिव पौधे चाहे कितने ही सुंदर क्यों ना हों, उनको देखकर न तो मन शांत होता है और न ही प्रफुल्लित, जबकि वास्तविक पौधों की देखभाल में अनेक झंझट रहते हुए भी सुकून उन्हीं से मिलता है। यही बात देवभाषा संस्कृत के बारे में है, जहां हमारे हीनभाव ने अंग्रेजी जैसी डेकोरेटिव भाषा को तो घरों में सजा लिया और वास्तविक आनंद देने वाली ‘संस्कृत’ को गंवारू भाषा ठहरा दिया। ..
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ना टोली बनाना
ये मौसम करोना का है-२
श्याम दूर से ही फाग गाना,
ना मौज मनाना..
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बड़ी ही अजीब होती है ख़यालों की दुनियां
वास्तविकता से परे तो आभाषी में भी जीवंत सी
लाखों ख्वाहिशों में लिपटी सी
मन मे अलग उथलपुथल रख दे
बिना बात धकड़नों के तीव्र वेग..
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बताएँ क्यूँ के हमको अब तलक क्या क्या नहीं आया
हाँ ये है सामने वाले को भरमाना नहीं आया
जो कहना था न कह पाए हों शायद हम सलीके से
है मुम्क़िन यह भी शायद उनको ही सुनना नहीं आया..
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।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️
सुंदर रचनाएं
जवाब देंहटाएंआभार..
सादर..
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति ।।।। शुभ प्रभात। ।।।
जवाब देंहटाएंअच्छे लिंक्स से सजी बढ़िया प्रस्तुति ।भवानी मिश्र जी की बेहतरीन कविता पढ़वाने के किये शुक्रिया ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन और लाजवाब प्रस्तुति । भवानी प्रसाद मिश्र
जवाब देंहटाएंजी की कविता बहुत अच्छी लगी। आज के संकलन में मेरी रचना को मान देने के लिए हृदयतल से आभार।
वाह!बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंवाह पम्मी जी, सभी ब्लॉग पोस्ट एक से बढ़कर एक हैं...खासकर भवानी प्रसाद मिश्र की कविता तो पढ़कर मन तृप्त हो गया ...इतनी बढ़िया रचनायें पढ़वाने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति है, सभी रचनाएं बहुत अच्छी हैं। सभी को खूब बधाई
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहद सुंदर भूमिका और सराहनीय सूत्रों से सजा आज का अंक बहुत अच्छा लगा प्रिय पम्मी दी।
जवाब देंहटाएंसस्नेह
सादर।
बेहद खूबसूरत रचनाओं की फुलवारी।
जवाब देंहटाएंसादर।