हिरणी जैसी चाल।
शायर की मद मस्त शायरी
रूपसी का भ्रम जाल।
अक्षर आसव आप्लावित,
शब्द छंद मकरंद।
कलि कुसुम मन मालती,
मधु मिलिंद सुगंध।
आज बस
कल आएगी पम्मी सखी
सादर
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सराहनीय प्रस्तुति आदरणीया यशोदा दी।
जवाब देंहटाएंमेरी लघुकथा को स्थान देने हेतु दिल से आभार।
सादर नमस्कार।
एक से बढ़ कर एक लिंक्स , रूपसी के भ्रमजाल से लेकर शिवलिंग तक सभी बढ़िया ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ बहुत सुन्दर हैं।
जवाब देंहटाएंछोटी से भूमिका के साथ पठनीय लिंक्स की सुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंकों का संयोजन। बधाई और आभार!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लाॅग पर भी एक नजर अवश्य डाले
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