सादर अभिवादन।
गुरुवारीय अंक में आपका स्वागत है।
शाइर ने
शेर सुनकर कहा-
"क्या रेड़ मारी है आपने शेर की।"
जगज़ाहिर है
प्रतिशोधभरी
रेड (Raid) आयकर विभाग की।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-
रात ढ़ली काली
पाखी चहके
जंगल में देखो
किंशुक दहके
आलस अब भागा
मन इतराया।।
"पगडंडियों पर भागने वाले अक्सर मुँह के बल भी गिरा
करते हैं।"- शांत भाव से विनय ने नसीहत दी।
शेष समयावधि में हँसी और कानाफूसी सिमट कर कक्ष की दीवारों में समा गई और पंखे की खड़-खड़ विनय के जूतों की आवाज के साथ सुर-ताल बिठाने के प्रयास में लगी रही।
मनस्वी की बुद्ध से प्रीत…अनीता सैनी
मन टूटा, तन टूटा,टूटा न अटूट विश्वास
मोह-माया का टूटा पिंजर मुक्त हुई हर श्वाँस
देह धरती पर जले दीप-सी आत्मा में उच्छवास
मनस्वी को मिला बुद्धत्व पहना उन्हीं-सा लिबास।
जग भर में जितने सस्त्र हैं,
सभी से यह ही है वरिष्ठ।
तलवार-कृपाण,छूरी-फरसा,
हर धारदारों से बलिष्ठ।
बहुत बड़ा हथियार हमारा,
सदा इसपर अभिमान करो।
महाशक्ति प्रदान...
सांझ के दरवाजे पर... संदीप कुमार शर्मा
मैं
जानता हूं
तुम्हें सिंदूरी सांझ
इसलिए भी पसंद है
क्योंकि वह
तुम्हें अंदर से
सिंदूरी रखती है।
सत्य यही है कि संसार में दो नियम हैं जन्म और मृत्यु!
नाश का ज्ञान रखने वाला क्या कभी पाप करेगा ? वह तो जितने दिन रहेगा, स्नेह और समता से ही इस संसार में रहेगा। आदमी जब तृष्णा, अहंकार और ईर्ष्या से शीघ्र ही कुछ प्राप्त कर लेने के लिए काम करता है, तब वह अपने भीतर ही असहिष्णु हो जाता है। अहंकार उसकी नींवों को ठोस भूमि पर खड़ा नहीं रहने देता।
और अब चलते-चलते 'उलूक टाइम्स' की तीखी-कड़वी किंतु सच्ची बात-
बकवास बिना कर लगे है करिये कोई नहीं है जो कहे सब पैमाने में है... डॉ.सुशील कुमार जोशी
पता नहीं क्या क्या सुना गया लिखा गया
याद कुछ नहीं रहा बस एक मेरे लिखे को
तेरे समझ लेने की चाह में
वो सारे
तलवार लिये बैठे हैं हाथ में
सालों से
कलम छोड़ कर बेवकूफ
तू लगता है
ले कर बैठेगा एक कलम भी कब्रगाह में
उनके साथ हैं
उन की जैसी सोच के लोग हैं
*****
आज बस यहीं तक
फिर मिलेंगे अगले गुरुवार।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
आभार..
जवाब देंहटाएंअच्छी प्रस्तुति..
सारी पढ़ी जाएंगी आज
सादर..
आभार रवीन्द्र जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर...। आभार आपका
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने हेतु सादर आभार।
सादर
बहुत सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंशानदार लिंक चयन।
सभी रचनाएं सुदृढ़ आकर्षक।
सभी रचनाकारों को बधाई
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
सादर।
बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाओं का संकलन, आभार रवींद्र जी !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएं सुन्दर। सभी रचनाकारों को बधाई
मेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से सादर आभार।
बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन से सुसज्जित यह चर्चा .
जवाब देंहटाएंबढिया संकलन
जवाब देंहटाएंवाह!सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअगर आप लाल बहादुर सशत्री और भी महापुरुषों के सुविचार जानना चाहते है तो यहा क्लिक करेt
जवाब देंहटाएंआप सभी को फ्री मे श्रीमद भगवद गीता चाहिए तो यहा क्लिक करे
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