।। उषा स्वस्ति ।।
"जाने कितनी सुबहें होंगी
कितनी होंगी शाम
कटती-बँटती रही जिंदगी
हो रही तमाम
कदमताल इस काल-चक्र पर-
चढ़ कितना नाचूँगा
मूँदे नयन भाग्य-लिपि अपनी-
यों कब तक बाचूँगा
उस अदृश्य को साँस-साँस में मिले न कभी विराम"
विमल राजस्थानी
जीवन में पल - पल होने वाले परिवर्तन को दर्शातीं पंक्तियाँ ,जो हर मोड़ पर नित्य नवरंगों को सजाती जिसे अवसर की तरह ही लेना चाहिए,तो फिर इसी अवसर का सदुपयोग करते हुए नज़र डालें लिंकों पर...✍️
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बेटी ..एक नायाब हीरा
बेटी की विदाई
यह एक शब्द है
पर क्या हम वाकई
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कब तक आशा –दीप जलाऊँ ,
इस अल्हड़ मन को समझाऊँ |
जनम जनम से मन की राधा ,
खोज रही अपना मनभावन
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विवाह के इक्कीसवीं वर्षगाँठ पर
इक्कीस साल पूरे हो गए
अपने विवाह को
बच्चे भी हो रहे हैं बड़े
लेकिन एक तुम हो कि हर दिन
ऐसे पेश आती हो कि
लगता है आज पहला दिन हो
अपने साथ का ।
तुम और मैं
दोनों ही हो गए हैं
धीरे धीरे मोटे
और हमे पता ही नहीं चला
लेकिन हमारी मोटाई का?
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एक शून्य है सबके भीतर
एक शून्य चहुँ ओर व्यापता,
जाग गया जो भी पहले में
दूजे में भी रहे जागता !
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।।इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️
बेहतरीन अंक..
जवाब देंहटाएंसारी रचनाएँ अप्रतिम..
सादर..
बेहतरीन अंक ।सुंदर चयन ।
जवाब देंहटाएंअपने ब्लॉग से यदि मैं किसी ब्लॉग पर जा कर टिप्पणी करने चाहूँ तो संभव नहीं हो पा रहा । जो लिंक फेसबुक पर हैं उन पर ही मैं कमेंट कर पा रही हूँ । समस्या के समाधान का प्रयास जारी है ।यदि कोई मदद कर सकता हो तो कृपया सलाह दें ।आभारी रहूँगी ।
सादर नमन
हटाएंरश्मि प्रभा दीदी का ब्लॉग है महिला दिवस
http://lifeteacheseverything.blogspot.com/2021/03/blog-post_8.html
आलोक सिन्हा..
हटाएंकब तक आशा दीप जलाऊँ
https://aloksinha1508surbhi.blogspot.com/2021/03/blog-post.html
बाकी सब पर आपकी प्रतिक्रिया मौजूद है
हटाएंसादर नमन
यहाँ से सब लिंक्स पर कमेंट हो रहे । लेकिन जब मैं अपने ब्लॉग से रीडिंग लिस्ट , या जिन बलॉस के लिंक मैंने ब्लॉग पर लगाये हैं या जो मेरे ब्लॉग पर पाठक आया और उसके नाम को क्लिक कर उसके ब्लॉग तक पहुँचती हूँ तो वहां कमेंट नहीं कर पाती । पाँच लिंकों का आनंद और मुखरित मौन क्यों कि फेसबुक पर शेयर होता है तो यहाँ से मैं ब्लॉग पर जा के कमेंट कर पा रही ।बड़ी समस्या हो रही ।कोई हल बता सकता है तो कृपया बताएं ।
हटाएंपठनीय रचनाओं से सजी हलचल, आभार ! संगीता जी, एक बार रिफ्रेश करके देखिए।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सराहनीय अंक | सभी रचनाएँ मधुर प्रशंसनीय |बहुत बहुत बधाई ,हार्दिक शुभ कामनाएं |
जवाब देंहटाएंबहुत रमणीय प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर अनंदकर प्रस्तुति। हर प्रकार की सुंदर रचनाओं और भावों का समावेश। पढ़ कर बहुत आनंद आया। सभी रचनाएँ माँ और नानी को भी सुनाई।
जवाब देंहटाएंअत्यंत आभार इस प्यारी सी प्रस्तुति के लिये व आप सबों को प्रणाम।
बहुत सुंदर संकलन ।मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत शुक्रिया।
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