बस ‘उलूक’ को पता है उसका राम है उसका अल्लाह है उसका जीजस है और सब एक है बाकी सांप है जहर है सांप है तो जहर भी है काटता भी है तो मरता भी है सुबह से लेकर शाम तक जिंदगी और मौत है लेकिन कड़क धूप है तो है दोपहर
आदरणीय मेम , मेरी लिखी रचना " कितना सुकून है जनाब " को इस गरिमामय अंक पर शामिल करने लिये बहुत धन्यवाद एवं आभार । सभी संकलित रचनायें बहुत ही उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत बधाइयाँ एवं शुभकामनायें । सादर ।
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जी ! .. सुप्रभातम् सह नमन संग आभार आपका .. मेरी बतकही को अपनी प्रस्तुति में स्थान देने के लिए ... सादर ! .. बस यूँ ही ...
जवाब देंहटाएंआभार यशोदा जी |
जवाब देंहटाएंसावन की खूबसूरत और प्रभावी रचनाएं
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सूत्र संयोजन
सभी रचनाकारों को बधाई
सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
जवाब देंहटाएंआदरणीय मेम ,
जवाब देंहटाएंमेरी लिखी रचना " कितना सुकून है जनाब " को इस गरिमामय अंक पर शामिल करने लिये बहुत धन्यवाद एवं आभार ।
सभी संकलित रचनायें बहुत ही उम्दा है , सभी आदरणीय को बहुत बधाइयाँ एवं शुभकामनायें ।
सादर ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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