तुम्हारे रक्त का चंदन
लगाकर मातृभूमि
शृंगार करती है।
कहानी शौर्य की
अविश्वसनीय वीरता की
गाथाएँ अचंभित,
सुनकर, पढ़कर, गर्वित होकर
श्रद्धानत वंदन
भीरू मन को भी
धधकता अंगार करती है।
कल का विशेष अंक लेकर
आ रही हैं प्रिय विभा दी।
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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जबरदस्त अंक
जवाब देंहटाएंभारत रत्न अटल जी की रचना पसंद आई
आभार
सादर
अद्धभुत
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह! अति सुंदर अंक
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंराष्ट्र बलिदानों का कर्ज़दार है
जवाब देंहटाएंकरबद्ध नत हिय श्रद्धाहार है
प्रथम नमन है वीर सपूतों को
जो मातृभूमि के खरे श्रृंगार हैं।
भारत माँ के वीर सपूतों एवंअमर शहीदों के सम्मान में अद्भुत एवं प्रेरक भूमिका के साथ लाजवाब प्रस्तुति।
मेरी रचना को भी विशेषांक में सम्मिलित करने हेतु सस्नेह आभार एवं धन्यवाद प्रिय श्वेता ! सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
प्रिय श्वेता,आजादी का मोल अपने प्राणों से चुकाने वाले अमर बलिदानियों को समर्पित ये अविस्मरणीय अंक अपने आप में बहुत विशेष और महत्वपूर्ण है।जो राष्ट्र अपने बलिदानियों को भुला देता है और इतिहास से अनभिज्ञ वह कभी तरक्की नहीं कर सकता।इस आज़ादी और देश की सुरक्षा की जिम्मेवारी का निर्वहन करने के लिए एक सैनिक कितने मर्मांतक पड़ावों से गुजरता है ये वही जान सकता है।हम आम जन तो उनके कारण चैन की नींद सो रहे हैं यही ज्ञात है बस।कोई भी लेखनी उनके बलिदान को लिखने में सक्षम नहीं।सच है यही खरे शृंगार हैं माँ भारती के।बहुत ही प्यारे शब्दों में भूमिका के माध्यम से वीरों की अभ्यर्थना की है तुमने।सभी रचना कारों ने बहुत ही भावपूर्ण और संवेदनशील रचनाएँ लिखी हैं सबने।सबको स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बधाई।अमर वीरों को कोटि-कोटि नमन 🙏🙏
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