शीर्षक पंक्ति: आदरणीय ए.के. शुक्ला जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
2022 का अंतिम गुरुवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ।
कहावत है-"वक़्त गुज़र जाता है, यादें रह जाती हैं।"
तीन दिनों के बाद 2022 भी इतिहास बन जाएगा।
आइए पढ़ते हैं आज की पसंदीदा रचनाएँ-
रंग बिरंगी तितलियाँ उड़तीं
पुष्पों से अटखेलियाँ करतीं
बहुत सुन्दर दिखतीं
मन उनके साथ भागता
चाहता सभी को समेट ले
अपनी बाहों में।
इन सारे प्रश्नों का हल है मेरे पास
होंठों पर एक मुस्कान
बच्चे खेलने गये हैं आस-पास
उनके लौटते ही
मेरे चेहरे पर होगी वही मुस्कान।
चलते-चलते पढ़िए एक सारगर्भित जीवनोपयोगी लेख-
आंतरिक शारीरिक रक्षा शक्ति -सतीश सक्सेना
फिर मिलेंगे 2023 में पहले गुरुवार को।
रवीन्द्र सिंह यादव।
बाईस तू बड़ा अच्छा था ये
जवाब देंहटाएंबना रहे न यहीं पर
पर लालच है ये देखने की
मेरा आने वाला पोता तेईस
जो बाईस का लड़का है
बड़ा ही होनहार है
नौ अंकों से शुरू होने वाला
ये वर्ष प्रभावशाली ही होगा
...
अच्छा अंक दिया आपने
आभार
सादर
अच्छा अंक
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति। मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
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