किसी न किसी को तो हिम्मत करना ही होगा
वरना सारे अंकों में स्थगित अंक का पैबंद लगता चला जाएगा
पाँच से चार में है आज
कल शायद फिर पाँच हो जाए
सादर
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
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हम सुरक्षित
जवाब देंहटाएंदेश सुरक्षित
स्वार्थ साधकों से सावधान
आभार..
सादर..
साधुवाद
जवाब देंहटाएंअपना और अपनों के स्वास्थ्य के कारण मनोस्थिति विरक्ति की ओर
वापसी की कोशिश
बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय सर,
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर और सामयिक प्रस्तुति। हर एक रचना सुंदर और प्रेरणादायक है । आदरणीया अनीता मैम की रचना बहुत ही सुंदर और अध्यात्म भाव से भरी हुई है और हमें अपने आनंदित और निर्मल स्वभाव का स्मरण कराती है । आदरणीय ज्योति सर की गुहार महामारी के समय और भ्रष्ट व्यवस्था का मार्मिक सत्य उजागर करती है। आदरणीय विश्वमोहन सर की रचना बहुत प्रेरक है और बहुत सुंदर संदेश देती है । आदरणीया श्वेता मैम की रचना पढ़ कर मन सदा की तरह आनंदित हो गया, सुंदर भावों को सहेजी कोमल रचना बहुत प्यारी है । सुंदर प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार व आप सबों को प्रणाम।
पठनीय रचनाओं से सजी सुंदर प्रस्तुति !सभी स्वस्थ रहें और अपने अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह करते रहें।
जवाब देंहटाएंसभी को आभार..
जवाब देंहटाएंसादर..
कल की कलम भाई रवींद्र जी की..
जवाब देंहटाएंअग्रिम आभार..
सादर..
सुंदर प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन।
जवाब देंहटाएंदिग्विजय भाई, क्या बात है मुझ से कोई गलती हुई है क्या? कई दिनों से मेरी कोई रचना पांच लिंको का आनंद में शामिल नहीं की गई है।
सारी रचनायें बेहतरीन हैं
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