हाज़िर हूँ...! उपस्थिति दर्ज हो...
इसी पल भर जिन्दगी है ऐसा वर्षों से मानती आ रही हूँ। विचलित होना नहीं जानती लेकिन आसक्ति से विमुख हूँ। चार्ली चैपलिन बनना चाहती हूँ लेकिन ऊपर वाले ने एक का एक ही साँचा बनाता है। नकल योग्य अक्ल भी नहीं बाँटता है। पन्द्रह महीने के बाद पटना वापसी पर घर के धूल ने जो स्वागत किया वह बेहद असरदार रहा... पैसे के बल पर सामानों को बदल लिया जा सकता है.. शारीरिक स्थिति भी नियंत्रण में लेकिन...
हीमोफीलिया
हर साल 'वर्ल्ड फ़ेडरेशन ऑफ़ हीमोफ़ीलिया' (डब्ल्यूएफएच) के
संस्थापक फ्रैंक कैनेबल के जन्मदिन 17 अप्रैल के दिन
'विश्व हीमोफ़ीलिया दिवस मनाया जाता है।
फ्रैंक की 1987 में संक्रमित ख़ून के कारण एड्स होने से मौत हो गई थी।
सीधा-सादा डाकिया जादू करे महान
एक ही थैले में भरे आँसू और मुस्कान
ये किस काल भूमि पर ला रोका है तूने हमें,
यहाँ तो अहंकार चिंघाड़ रहा है,
और प्रेम स्वार्थ की बलि पर टंगा है,
अँधेरे फन फैला रहे हैं,
घायल रूहें तड़प रही हैं,
सबसे नाजुक सुई सी ज़िन्दगी औरउसमें नौ गज की लगी धागे सी परेशानियाँ
कवि देश के युवाओं को कर्तव्य के प्रति जागृत करते हैं | वे युवाओं को ललकारते हैं कि तुम्हारे पूर्वजों ने अपने रक्त और श्वेद से सींच कर समाज को यह मुकाम दिलाया है | विकास के इस पथ को अवरुद्ध मत होने दो | इस गाड़ी को रुकने मत दो | अपने कंधों के जोर से इसे आगे बढ़ाओ | आगे बच्चन जी कहते हैं कि यदि तुम्हारी शिराओं (नाड़ी/नस) में अपने पूर्वजों का गंभीर स्वर गूंज रहा है, तुम्हारी हड्डियों में उनके अस्थियों की नाद (गूंज) उमर रही है तो तुम डरो नहीं | अपने कंधों पर युग का जुआ उठा लो और आगे बढ़ो |
सुलझाने की कोशिश में
जो मिल गया उसका सकून भी छीन गया
जब कर्म खेल दिखलाता है
भगवान भी नही बच पाता है ।
तब मानव की भी क्या बिसात
जो काट सके भाग्य की बात
जब राम चले गए वन में
तो दशरथ भी गए शयन में ।
गर जिंदगी उलझे ख़्वाबों के भंवरजाल में
सुन, यारा मेरे तू मुस्कुराते रहना हर हाल में
किसी को देता है सोने की कटोरी मे दूध भात,
किसी को सुखी रोटी को तरसाता है !
किसी की झोली खुशियो से भर देता ..
किसी का दामन एक फूल भी न छू पाता है !
कोई इठलाता अपनी सियासत पर..
कोई अपनी मन की वेदना भी न कह पाता !
>>>>>>><<<<<<<
पुन: भेंट होगी...
>>>>>>><<<<<<<
अत्यंत आवश्यक विषय पर एक सुंदर और जागरूक करती प्रस्तुति । हेमओफिलिया एक खतरनाक रोग है जिसके बारे में हम सब को पता होना चाहिए और उस रोग से बचने का उपाय जानना चाहिए साथ ही उस रोग से पीड़ित व्यक्तियों की सहायता करनी चाहिए । हमारी भारतीय संस्कृति में दान का बहुत बड़ा महत्व है और हर युग में अलग-अलग प्रकार के दान को ऊंचा माना गया है । उस दृष्टि से रक्त-दान आज के समय के लाइ सब से बड़ा दान और एक बहुत ही बड़ा सेवा कार्य है जो जीवन में हर एक को जीवन में एक बार तो जरूर करना चाहिए
जवाब देंहटाएंबहुत आभार इस अत्यंत सुंदर प्रस्तुति के लिए व आप सबों को प्रणाम
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाती सुंदर प्रस्तुति,सादर शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंउपयोगी विषय पर जानकारी साथ बहुत अच्छी रचनाओं का चयन किया आपने ... आभार
जवाब देंहटाएं