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बुधवार, 23 अक्टूबर 2024

4285.. चाँद पर जाने की ज़िद..

 

।।प्रातःवंदन। ।


ज़िंदगी दुश्वार है उफ़! ये गिरानी देखिए
और फिर नेताओं की शोलाबयानी देखिए।
भीख का लेकर कटोरा चाँद पर जाने की ज़िद,
ये अदा, ये बाँकपन ये लंतरानी देखिए !
अदम गोंडवी
कवि/शायर अदम गोंडवी (रामनाथ सिंह) की जयंती पर उन्हें याद करते हुए...✍️

देव और असुर 


किन्हीं सबल क्षणों का नाम देव 

और दुर्बल क्षणों का नाम असुर रखकर 

मानव ने मुक्ति पा ली !


जब मन स्वस्थ है, सजग है ..

✨️

दो पल


बहला गया, पल कोई, दो पल,
कुछ समझा गया, 
मन को!

वो सपना, बस इक सपन सलोना,
पर लगता, वो जागा सा!..
✨️

आज हिंदुस्तान मेरे घर आया,
दिल्ली की खुशबु भी साथ लाया,
इस immigrant की ज़िन्दगी में ऐसा लम्हा,
कभी-कभी ही हाथ आया।  
आज हिंलेखक और उसका आचरण
✨️
किसी भी लेखक के लेखन में उसके व्यक्तित्व या उसके आचरण की झलक दिखना आवश्यक तो नहीं होता फिर हम उसे ढूँढने की कोशिश ही क्यों करते हैं ! लेखक सर्वप्रथम एक इंसान है और लेखन दुस्तान मेरे घर आया। ..
।।इति शम।।
धन्यवाद 
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍️

4 टिप्‍पणियां:

  1. वाह सुन्दर संकलन

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात! ज़ोरदार शेर के रूप में भूमिका और पठनीय रचनाओं के सूत्र, आभार पम्मी जी!

    जवाब देंहटाएं
  3. मुझे आज की हलचल में शामिल किया, दिल से आभार पम्मी जी ! सप्रेम वन्दे !

    जवाब देंहटाएं

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