निवेदन।


फ़ॉलोअर

सोमवार, 21 अक्तूबर 2024

4283 ..पर सच बताना … ये इंतज़ार है चाँद का... या ?

 सादर अभिवादन

इस माह और अगले माह
सारे विशिष्ठ उत्सव
न लिखने का समय और
न ही पढ़ने का समय
बस खाने-खिलाने का  समय
चलिए करें ....
आज की शुरुआत

मैं तुमसे नहीं कहूँगा


कि आजकल चाय बनाते वक़्त
मेरे हाथ काँपते हैं,
यह भी नहीं कहूँगा
कि आजकल मेरे घुटनों में
बहुत दर्द रहता है.






अमन की बातें परिंदे कैसे मेरी मानते
रक्त में डूबा हुआ एक पर था मेरे सामने

अब तलक भूली नहीँ बचपन की मुझको वो सजा
मैं खड़ा था धूप में और घर था मेरे सामने




हंसना कि हंसने से रोशन होती है सारी फिज़ा ,
मिट जाता है गुबार,
आसमान का रंग थोड़ा और नीला हो जाता है
और धरती!
थोड़ी और हरी।।





पर सच बताना … ये इंतज़ार है चाँद का
या आवारा से किसी प्यार के झोंके का ...

जानता हूँ ये करवा चौथ का व्रत
अभिव्यक्ति है प्रेम के अनकहे एहसास की
समर्पण के उस भाव की
जो शिव कर देता है हर बंधन …




टहनियाँ फूल से
भरने लगी हैं

बंजरों की झाड़ काटी
कंटकों की बाड़ छाँटी
मृत पड़ी माटी जगाईं
और कुछ ऐसे जगाईं
मरुधरा विकसित-हरित
खिलने लगी है॥




पूछ लेना तुम सभी नक्षत्र पिंडों की हदों से
पूछ लेना आज अपने आसमाँ की सरहदों से
चार वेदों की ऋचाओं से , पुराणों के पदों से
पूछ लेना देवताओं की सुरा के मयकदों से


आज बस
वंदन

6 टिप्‍पणियां:

  1. आप बताइए
    कैसा लगा
    आज का अंक
    वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. यशोदा जी, त्यौहारों की गहमा गहमी के बीच आज कई दि‍नों बाद कुछ चैन म‍िला तो हलचल पढ़ने बैठ गई ...सभी पोस्ट एक से बढ़ कर एक हैं...वाह....राम राम

    जवाब देंहटाएं
  3. शानदार अंक सभी रचनाएं बहुत ही उत्कृष्ट ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुंदर रचनाओं का चयन। सभी रचनाकारों को बधाई🌹

    जवाब देंहटाएं
  5. शानदार लिंक्स … आभार मेरी रचना को शामिल करने के लिए …

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...