शीर्षक पंक्ति: आदरणीय अशर्फ़ी लाल मिश्र जी की रचना से।
सादर अभिवादन।
रविवारीय अंक लेकर हाज़िर हूँ। आइए पढ़ते हैं आज की पाँच पसंदीदा रचनाएँ-
एक तरफ थी करतल ध्वनि,
दूजे गड़गड़ाहट
यान की।
वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत,
भारत के सम्मान की।।
पहले असफल रहे पर कोशिश करते रहे
कभी सफलता की
कोशिश से
मुंह ना मोड़ा
हमारे वैज्ञानिकों ने
पर
असफल हुए विक्रम की असफल कोशिश में
सॉफ्ट लेंडिग
ना कर पाए थे चन्द्र पर |
गिड़गिड़ाए
उम्मीद के परिंदे
उजड़ने के वक्त!
बेरहमी से
काट दिया उसने
दिल का वो दरख़्त!!
वीडियो-फोटो बनते देख गुस्सा हुआ बाघ | Angry tiger watching video-photo being made |
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फिर मिलेंगे।
रवीन्द्र सिंह यादव
सुंदर अंक,
जवाब देंहटाएंआभार
सादर
सराहनीय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंउम्दा लिक्समेरी रचना को स्थान देने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब - दिगंबर नासवा
जवाब देंहटाएंचंद्रयान के सफल प्रक्षेपण को समर्पित रचनाओं के साथ सुन्दर और भावपूर्ण लेखों से सजी अत्यंत सराहनीय प्रस्तुति रवींद्र जी। सभी रचनाकारों को बहुत -बहुत बधाई और शुभकामनाएं ।आपको हार्दिक आभार इस सुन्दर लिंक संयोजन के लिए 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
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