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मंगलवार, 18 जुलाई 2023

3822 ..पर्यावरण के लिए अपनी जनसंख्या नियंत्रित कीजिए।


सादर नमस्कार
श्रावण का एक पक्ष गुज़र गया कल
कल से श्रावण मास का पुरुषोत्तम पक्ष प्रारंभ होगा
पवित्र पक्ष कहा जाता है इसकी गणना खर-मास में नहीं होती
बहरहाल रचनाएं देखे....


बेहिसाब प्रेम ....इन्दु सिंह




उसने प्रेम के हिसाब में
'बे' की वैल्यू शून्य निकाली।
उसके पास बहुत से खाते थे
और हर खाते का पक्का हिसाब भी
वह एक ही खाते में सब बेहिसाब रखकर
कंगाल हो गया।


भावार्थ ....

कणन कंचन कामना तू,
मैं पुलक पुरुषार्थ का।

वासना के पार मैं,
वैराग्य के भावार्थ -सा।


जो ये चट्टाने हिमशिखर
दूर से मन को भा रही, 
ये जंगल झरने और नदियाँ 
तस्वीरों में लुभा रही, 
मिजाज इनके समझने को 
शीत तुषार को सहना होता।
पर्वत को समझना है तो......

एक बांसुरी की सरगम दिल ....




प्रेम गुज़ारिश, एक बंदगी 

फ़रमानों की भेंट चढ़ गया, 

जहां सरसता उग सकती थी 

अरमानों का रक्त बह गया !







जाते-जाते "हरेला" की औपचारिक शुभकामनाओं के साथ-साथ पुनः हम अपनी बात दोहराना चाहते हैं कि हम "दिवस" के हदों में "दिनचर्या" को क़ैद करने की भूल करते ही जा रहे हैं। नयी युवा पीढ़ी के समक्ष हम बारम्बार "दिनचर्या" की जगह "दिवस" को ही महत्वपूर्ण साबित करने की भूल करते जा रहे हैं। साथ ही हम सभी मिलकर पर्यावरण का मतलब पेड़-पौधों तक ही सीमित कर के पर्यावरण के विस्तृत अर्थ को कुंद करते जा रहे हैं। जबकि पर्यावरण के तहत हमारे आसपास मौजूद समस्त प्राणियों और समस्त प्राकृतिक सम्पदाओं का संरक्षण और संवर्धन ही सही मायने में "हरेला" है .. शायद ...


आज बस इतना ही
फिर मिलते रहेंगे
सादर

8 टिप्‍पणियां:

  1. यह जो चट्टाने हिम शिखर मन को भा रहे हैं...
    उत्कृष्ट भाब सृजन

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। आभार और बधाई! 🌹🌹🌹

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह! एक से बढ़कर एक रचनाओं से रूबरू कराती सुंदर प्रस्तुति, आभार 'मन पाये विश्राम जहां' को भी शामिल करने के लिए दिग्विजय जी!

    जवाब देंहटाएं
  4. जी ! नमन संग आभार आपका यहाँ मौका देने के लिए ...🙏 ... दरअसल अभी पड़ताल करने पर मेरी बतकही को इस मंच पर आज की प्रस्तुति में जगह देने वाला आपका संदेश मेरे 'स्पैम' में हमको दिख पाया ...

    जवाब देंहटाएं
  5. जी ! नमन संग आभार आपका यहाँ मौका देने के लिए ...🙏 ... दरअसल अभी पड़ताल करने पर मेरी बतकही को इस मंच पर आज की प्रस्तुति में जगह देने वाला आपका संदेश मेरे 'स्पैम' में हमको दिख पाया ...

    जवाब देंहटाएं
  6. प्रकृति और प्रेमिल रचनाओं पर आधारित सुन्दर और भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए आभार और बधाई 🙏

    जवाब देंहटाएं

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