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रविवार, 28 जुलाई 2024

4200 ...दो वे पल, दो उस पल की बातें,

 नमस्कार

आज किसी के बारे में
कुछ बताना चाहता हूं ...

वे कौन से सेना अधिकारी थे जिसने नेहरू को सबके सामने “थप्पड़” मारा था ?



आपको यह बताना चाहूंगा कि थप्पड़ इस संदर्भ में नही की उनके मुह पे या 
गाल पे मारा था थप्पड़ मारा था नेहरू की उस गंदी सोच को जिसमे उन्होंने ये कहा था कि 
हमारे पास कोई अनुभवी जनरल नही जो देश की सेना की कमान संभाल सके उस समय 
उस मीटिंग में कई बड़े नेता और अधिकारी मौजूद थे उन सबको इस बात से बहुत बुरा लगा 
क्योंकि नेहरू किसी अंग्रेज को नियुक्त करना चाहते थे।इस बात को सुन के 
जनरल नाथूराम सिंह राठौड़ ने कहा था कि इस हिसाब से तो 
हमे प्रधानमंत्री भी ब्रिटिश रखना चाहिए।इसी बात को कहते है कि नेहरू के गाल पे थप्पड़ मारा था।
उनकी इस बात के बाद में हमें अपने देश का पहला आर्मी जनरल मिला था 
फील्ड मार्शल कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा के रूप में

अब आनंद लीजिए मिली-जुली रचनाओं का



मैं कहता हूँ, और तुम उत्तर मत दो,
मत पूछो कि यह मुझे क्यों प्रसन्न करता है।
तारे पूरी रात भोर तक जलते रहते है।
मै भी उनके तरह जल रहा हूँ।





उसे डर था कि बिना पैसों के कोई फ्री में नहीं पढ़ायेगा। तथापि उसने हिम्मत जुटाई और भोपाल के कोचिंग हब एमपी नगर पहुँच गया। जहाँ सबसे पहले बोर्ड ऑफिस के सामने वाली एक बहुमंजिला नामी-गिरामी कोचिंग संस्था में पहुंचा। जहां कोचिंग में उसके टीचर ने कुछ साइंस के प्रश्न पूछे, जिनके उत्तर वह नहीं दे पाया




फ्रीडम ऑफ़ एक्सप्रेशन के लिए
नारे लगते हैं
आंदोलन चलते हैं
और जिन्हें हम अपने बच्चे मानते हैं
परिवार का सदस्य कहते हैं
गले लगाते हैं
मल उठाने को तत्पर रहते हैं
उन्हें ही भौंकने से रोक देते हैं





दो वे पल, दो उस पल की बातें,
वो, किनको बतलाते,
मन के तहखाने, मन की, सारी बातें,
अनसुने ही रह जाते,
कुछ पल, बस छलने को चल आते!





जीवन के सफर में
कई साथी मिले चल रहे हैं साथ कुछ
यादें अपनी देकर कुछ छोड़ चले गए
और
बंधनों से घिरा
मैं चलता ही गया





वास्तव में कभी-कभी हमारे जीवन में संघर्ष ही वो चीज होती है, जिसकी हमें सचमुच आवश्यकता होती है। यदि हम बिना किसी प्रयत्न के सब कुछ पाने लगे, तो हम भी एक अपंग के समान हो जायेंगे। बिना परिश्रम और संघर्ष के हम कभी उतने मजबूत नहीं बन सकते, जितना हमारी क्षमता है। इसलिए जीवन में आने वाले कठिन पलों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखिये, वो कठिन पल कुछ ऐसा सीखा जायेंगें, जिससे हम अपनी ज़िन्दगी की उड़ान को सफल बना पायेंगे..!!

आज बस
सादर

7 टिप्‍पणियां:

  1. ये जीवन एक संघर्ष ही है
    उत्तम अंक
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति में हमारी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार,,,

    जवाब देंहटाएं
  4. सुन्दर प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
  5. सुंदर रचनाओं की अच्छी हलचल, इसमें मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं

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