रथयात्रा की हार्दिक शुभकामनाएँ।
भारत के उड़ीसा राज्य में प्रति वर्ष आयोजित होने वाली भगवान जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्द रथयात्रा आषाढ़ मास की तिथि शुक्ल पक्ष द्वितीया को जगन्नाथ मंदिर से आरंभ होकर गुंडिचा मंदिर तक जाती है जिसमें भगवान जगन्नाथ जी (विष्णु अवतार श्रीकृष्ण जी), उनके बड़े भाई बलभद्र जी एवं बहन देवी सुभद्रा जी भव्य रथ पर सवार होकर निकलते हैं जिन्हें श्रद्धालु भक्तगण खींचते हैं। सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार ये तीनों देवी-देवता अपनी मौसी के घर सात दिन रुककर वापस जगन्नाथ मंदिर आते हैं। इस दस दिवसीय समारोह में अनेक धार्मिक आयोजन होते हैं।
सन 2015 की जगन्नाथ पुरी रथयात्रा के प्रथम दिन ही आपके ब्लॉग 'पाँच लिंकों का आनन्द' का शुभारंभ हुआ था (तारीख़ 19 जुलाई 2015) अतः हम हरेक वर्ष पुरी की पवित्र रथयात्रा के प्रथम दिन ही अपने ब्लॉग की वर्षगाँठ मनाते हैं।
इस सफ़र में आज तक हम 1,134,544 क्लिक का शानदार आँकड़ा आप जैसे सुधि पाठकों व स्नेहीजनों के आशीर्वाद और समर्थन से पार कर चुके हैं। इस पड़ाव तक पहुँचने में ब्लॉग 'पाँच लिंको का आनन्द' की आरंभकर्ता आदरणीया यशोदा अग्रवाल जी एवं उनके जीवनसाथी आदरणीय दिग्विजय अग्रवाल जी के अथक परिश्रम को ब्लॉग जगत कभी नहीं भुला सकता है। उन्होंने हर हाल में ब्लॉग की निरंतरता को बनाए रखने में हरसंभव प्रयास किया है जो आज तक अनवरत जारी है। साहित्य-सेवा के उनके जज़्बात सर्वथा चर्चित हुए प्रशंसनीय रहेंगे।
इस सामूहिक ब्लॉग को नियमित चर्चाकार के रूप वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका आदरणीया विभा रानी श्रीवास्तव जी ने अपनी विशिष्ट प्रस्तुतियों के ज़रिये लंबे अरसे तक बख़ूबी नवाज़ा और अन्य चर्चाकारों का मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित किया। ब्लॉग के लिए उनका योगदान श्लाघनीय है।
वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका आदरणीया पम्मी सिंह 'तृप्ति' जी चर्चाकार के रूप में अपनी नियमित प्रस्तुति के साथ रसमर्मज्ञ पाठकों के लिए कुछ न कुछ ख़ास लेकर आती हैं। उनका योगदान इस ब्लॉग के लिए अविस्मरणीय है।
वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका आदरणीया श्वेता सिन्हा जी का नियमित चर्चाकार के रूप में इस ब्लॉग की निरंतरता को बनाए रखने में अतुलनीय योगदान है। सप्ताह में एक से अधिक प्रस्तुतियों के साथ वे सुधि पाठकों के बीच ज्वलंत विषयों पर विचारणीय एवं गहन भूमिकाओं के साथ विमर्श को आरंभ करती हैं।
ब्लॉगर आदरणीय कुलदीप सिंह ठाकुर जी लंबे अंतराल तक इस ब्लॉग के एडमिन रहते हुए नियमित चर्चाकार रहे। उनकी प्रस्तुतियाँ सदैव पाठकों को आकर्षित करती रहीं। दृष्टिबाधित होते हुए भी उनकी रूचि और लगन ब्लॉग को अपना सर्वश्रेष्ठ देती रही। भाई कुलदीप जी के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका आदरणीया संगीता स्वरुप जी ने ब्लॉग को नया स्वरुप देते हुए गति देने का अहम योगदान दिया। उनकी विस्तृत एवं गहन विमर्श से ओतप्रोत प्रस्तुतियाँ पाठकों को रसानंद से भरती रहीं।
आमंत्रित विशिष्ट चर्चाकार के रूप में ब्लॉगर आदरणीय डॉ. सुशील कुमार जोशी जी, ब्लॉगर आदरणीया दिव्या अग्रवाल जी, वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका आदरणीया मीना शर्मा जी, वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका मीना भारद्वाज जी, वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका आदरणीया रेणु बाला जी,वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका आदरणीया अनीता सैनी जी, वरिष्ठ ब्लॉगर एवं लेखिका आदरणीया कामिनी सिन्हा जी आदि ने समय-समय पर 'पाँच लिंकों का आनन्द' ब्लॉग को अपना स्नेह एवं आशीर्वाद प्रदान करते हुए अतुलनीय योगदान प्रदान किया है। जो नाम मेरी स्मृति से विलोपित हो गए हैं उनका उल्लेख न कर पाने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।
पॉंच लिंकों का आनन्द परिवार अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने नियमित सुधि पाठकों व नियमित लेखन से जुड़े ब्लॉगरों को समर्पित करता है।
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आइए पढ़ते हैं चंद चुनिंदा रचनाएँ-
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काका हाथरसी आज होते
जो हास्य कविता सुनाने वाले,
पढ़ कविता यमदूत* भगाने वाले,
बोर कर बाबा फक्कड़* को मारने वाले,
हाथरस में थे बाबा कब फिर बचने वाले ? ...
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साँझी लेखनी साँसे कोई प्रत्युत्तर अंकित इस
राज की
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बहक उलझ गयी थी केशें उस हसीं चित्रण ख्वाब
की ll
अंतरंगी डोर वैतरणी रूपरेखा उस खोई पहेली शाम
की l
सतरंगी साजों धुन पिरो रही छलकती ओस बूँदों
ख़ास की ll
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बाढ़ और सुखाड़ पर फणीश्वरनाथ रेणु ने तब लिखा था ये रिपोर्ताज, आज भी स्थिति जस की तस है
नासूर बनते इस घाव का उपचार बहुत सोच-समझ कर, बड़ी सूझ-बूझ और सतर्कता से तुरंत करना बेहद जरुरी है नहीं तो जाति, धर्म, आरक्षण के कारण बंटते देश-समाज की सिरदर्दी बढ़ाने के लिए एक और जमात सदा के लिए आ खड़ी होगी ! जिसके मुंह में मुफ्तखोरी का खून लग चुका होगा ! आज देश की हालत और समय का तकाजा है कि मुफ्त में मछली देने के बजाय मछली पकड़ना सिखाया जाए, ताकि अपने पैरों पर खड़ा हुआ जा सके ! आबादी के परमाणु बम पर बैठे देश को मुफ्तखोरों, परजीवियों की नहीं कर्म-वीरों की जरुरत है !
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रथयात्रा की शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंआभार
सादर वंदन
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जवाब देंहटाएंहैप्पी बर्थ डे "पांच लिंकों का आनन्द"
जवाब देंहटाएं१९ जुलाई के लिए :) जन्मदिन १९/०७/२०१५
हटाएंरचना को सम्मिलित कर मान देने हेतु अनेकानेक धन्यवाद ! स्नेह बना रहे !
जवाब देंहटाएंकिशोरावस्था की ओर अग्रसर पांच लिंकों के आनंद को स्नेहाशीष ! साथ ही पूरे "पंचामृत" परिवार (हम सभी) को दसवीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंजन्मदिवसस्य शुभाशया:!!! रथयात्रा की हार्दिक बधाई और अखंड शुभकामनाएँ!!!!
जवाब देंहटाएंवर्षगांठ के अवसर पर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सभी सुधी पाठको और रचनाकारों का हमारे पाँच लिंक परिवार का हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंरवींद्र जी ने सभी चर्चा कारों को प्रबुद्ध शब्दों से मान दिया। उनके लेखन और विचारोंं की चर्चा के बिना यह अंक अधूरा है।
रवींद्र जी के पास ज्ञानवर्द्धक एवं रोचक जानकारियों का ख़ज़ाना है।
बात चाहे राजनीति की हो , ऐतिहासिक हो,
साहित्यिक हो या किसी समसामयिक संदर्भों में हो आपकी रचनाएँ समाज का दर्पण है।
अपनी व्यस्तताओं में समय निकाल कर प्रस्तुतियाँ बनाना आसान नहीं।
बेहतरीन प्रस्तुति सराहनीय संकलन के लिए बधाई आपको बहुत आभार।
सादर।
जी ! .. नमन संग आभार आपका .. हमारी बतकही को मंच तक लाने हेतु .. वह भी हिंदी पंचांग के अनुसार मंच के अवतरित होने के सुअवसर वाले दिन ...
जवाब देंहटाएंऐसे पावन दिन के लिए मंच को भी नमन .. मंच की सृष्टि करने वाले और उसको आगे सँवारने वाले सभी प्रस्तुति बनाने वालों को नमन ...
आपकी भूमिका में मंच से जुड़ी जानकारियों को सभी के समक्ष विस्तारपूर्वक परोसने के लिए पुनः नमन .. बस यूँ ही ...
वर्षगांठ के इस अवसर पर सभी विद्वजनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।पांच लिंकों का आनंद से ही एक ब्लागर के रुप में मैंने पहचान पाई।आप जैसे श्रेष्ठ विद्वजनों का साथ मेरे लिए अनमोल बन गया।आप लोगों से जुड़ा यह आभासी रिश्ता इस मंच की देन है।यह मंच अनवरत सफलता के सोपान चढ़ता रहे और आप लोगों से यह रिश्ता यूं ही जुड़ा रहे।यही कामना है। बेहतरीन प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं सादर
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