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शनिवार, 27 जुलाई 2024

4199 बिन्दी वापस लौट नहीं पाई चुटकी, झुमके, पायल ले गई

 नमस्कार

जुलाई की विदाई में
आप सब मेरा साथ अवश्य देंगे
चलिए चलें
मिली-जुली रचनाओं की ओर

मैं केशव का पाञ्चजन्य भी
गहन मौन में खोया हूँ
उन बेटों की आज कहानी
लिखते-लिखते रोया हूँ
जिस माथे की कुमकुम
बिन्दी वापस लौट नहीं पाई
चुटकी, झुमके, पायल ले गई
कुर्बानी की अमराई
कुछ बहनों की राखियां
जल गई हैं बर्फीली घाटी में
वेदी के गठबन्धन खोये हैं
कारगिल की माटी में
पिछले अंक में प्रकाशित
हरिओम पंवार की रचना का अंश

अब आगे


मैं तो इस पल का राही हूँ
इस पल के बाद कहीं और !
एक मेरा वक़्त है आता जब
जकड लेता हूँ उस पल को !
कौन केहता है ये पल मेरा नहीं
मुझे इस पल को जानना है !





बौद्धिक विचारों के लिबास से लिपटे लोग
अक्सर कहते हैं -
खुद के लिए जियो,
खुद के लिए पहले सोचो"
... खुद के लिए ही सोचना था





अच्छे काम वो करती है
सबकी हेल्प वो करती है।।

दौड़ गई वो स्ट्रॉ लाने ।
उस कौवे की प्यास बुझाने।।  

कौवा बड़ा सयाना था ।
पानी पीना ठाना था।।

चोंच में फिर स्ट्रॉ दबाई
पानी पीकर प्यास बुझाई।।





नंद-यशोदा हर्षित होते,कैसा
अद्भुत लाल।
माखन चोर फोड़ता मटकी,गोपीं
हो बेहाल।

पांचाली के आर्तनाद पर,तुरत
बढ़ाया चीर।
कायरता का चरम हुआ अब,
शंख फूंक दो वीर।






एक रोज लड़के ने
लड़की के माथे पर टाँक दिया चुंबन
दुनिया सुनहरी ख्वाबों की आश्वस्ति से
भर उठी

एक रोज दुनिया भर की किताबें
प्रेम पत्रों में बदल गईं
और सारे मौसम बन गये डाकिये






पारसाल ईंटा गिरगा
सीमिंट अबहिं नाहीं आई
लागत है अबकी चुनाव म
नेंय कय साइत होय जाई
दिहिन दिलासा तब परधान
जब पंच घेरि कय बैठि गए
फिर सबर किहिन जोंधई क दुलहिन
लरिकव किताब दुइ पढ़ि पाई


आज बस
सादर

15 टिप्‍पणियां:

  1. सारे मौसम बन गये डाकिये
    बेहतरीन अंक
    वंदन

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात
    बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

    जवाब देंहटाएं
  4. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

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  5. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

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  6. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

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  7. लाजवाब प्रस्तुति सभी लिंक्स बेहत उत्कृष्ट....
    सभी रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  8. एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार आदरणीय बड़े भाई! सभी रचनाएँ पढ़ी बहुत अच्छी lagi! शूरवीरों के बलिदान के गौरवपूर्ण 25 वर्ष! मानो कल की ही बात है! सभी निश्चिंत पर जिन्होंने अपने अपार संभावनाओं से भरे बेटे, भाई और पति गंवाये उनकी व्यथा आप किसी लेखनी में नही समाती! फिर भी कृतज्ञ ह्रदय से बलिदानियों को कोटि कोटि नमन!

    तेरी हस्ती रहे सलामत
    कर खुद को कुर्बान चले ,
    तुझे दिया वचन निभा
    तेरे वीर जवान चले !
    हम ना रहेंगे और आयेंगे
    लाल तेरे बहुतेरे माँ
    पड़े ना तुझ पर तम की छाया
    नित लायेंगे नये सवेरे माँ ;
    तेरी खुशियाँ कभी ना हो कम
    कर अपने घर- आँगन वीरान चले
    लिपट तिरंगे में घर आये
    बढ़ा जीवन की शान चले !!!
    🙏🙏💐💐

    जवाब देंहटाएं
  9. एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिए हार्दिक आभार आदरणीय बड़े भाई! सभी रचनाएँ पढ़ी बहुत अच्छी lagi! शूरवीरों के बलिदान के गौरवपूर्ण 25 वर्ष! मानो कल की ही बात है! सभी निश्चिंत पर जिन्होंने अपने अपार संभावनाओं से भरे बेटे, भाई और पति गंवाये उनकी व्यथा आप किसी लेखनी में नही समाती! फिर भी कृतज्ञ ह्रदय से बलिदानियों को कोटि कोटि नमन!

    तेरी हस्ती रहे सलामत
    कर खुद को कुर्बान चले ,
    तुझे दिया वचन निभा
    तेरे वीर जवान चले !
    हम ना रहेंगे और आयेंगे
    लाल तेरे बहुतेरे माँ
    पड़े ना तुझ पर तम की छाया
    नित लायेंगे नये सवेरे माँ ;
    तेरी खुशियाँ कभी ना हो कम
    कर अपने घर- आँगन वीरान चले
    लिपट तिरंगे में घर आये
    बढ़ा जीवन की शान चले !!!
    🙏🙏💐💐

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  10. कारगिल के अमर बलिदानियों को कोटि कोटि नमन 🙏🙏🙏

    तेरी हस्ती रहे सलामत
    कर खुद को कुर्बान चले ,
    तुझे दिया वचन निभा
    तेरे वीर जवान चले !
    हम ना रहेंगे और आयेंगे
    लाल तेरे बहुतेरे माँ
    पड़े ना तुझ पर तम की छाया
    नित लायेंगे नये सवेरे माँ ;
    तेरी खुशियाँ कभी ना हो कम
    कर घर- आँगन वीरान चले
    लिपट तिरंगे में घर आये
    बढ़ा जीवन की शान चले !!!
    🙏🙏💐💐

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  11. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय सादर

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