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बुधवार, 14 सितंबर 2022

3516..वो सफ़ेदी तलाशती

 ।।उषा स्वस्ति।।

हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ। विगत दसकों से निश्छल भाव से गंगा तुल्य बहती, साहित्यिक पृष्ठभूमि को सिचती हुई ,हिन्दी भाषा कई पडावों से गुजर रही। महज आयोजन बढाने के बजाय नई पीढियों को हिन्दी की मुखयधारा से जोड़ने की जरूरत है। भावात्मक भाषा हिंदी,जो सभ्यता, संस्कृति और समृद्धि लाने में सक्षम है।

सरल,सुबोध भाव लगें, सरस सम शब्दविधान।
निज भाषा बोलिए, यहीं हमारी शान।।

(ये भाव हैं हमारी पर..खरी खरी ये बात हैं कि 75वर्ष बाद भी तकनीकी क्षेत्र में हिन्दी की समृद्ध पुस्तकों का आभाव है। सर्वमान्य भाषा का स्थान देने के लिए इसे उच्चतम शिक्षा, विश्व ज्ञान और कमाई का माध्यम बनाना होगा। अन्यथा हम दिवस ही मनाते रहेंगे। और हम कहाँ चूक गए...?
चलिए आज सुबह की वजह इसे ही मान ले तलाश शुरू किया तो इन लिकों पर नजर ठहरीं तो फिर आप सब भी जरूर पढिये..✍️



हम हर साल हिंदी दिवस मनाते हैं और अपने कर्तव्य की इति श्री कर लेते हैं।पता नहीं यह कैसा चलन है कि अब किसी के प्रति अपने भाव अभिव्यक्त करने के लिए या अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए एक दिन सुनिश्चित कर लिया गया है।उस दिन जोर-शोर से कार्यक्रम होते हैं,सब अपनी भागीदारी ..
🔶🔶

काँटों की चुभन है नाक़ाम इश्क़
रहने नहीं देती जो चैन से
महसूस होता है रिस्ता दर्द, रह-रह के चुभती कील सरीखे
 
एक अन्तहीन दौड़ की दौड़ 
क्या प्रेम की प्राप्ति के लिए ? 
या भटकता है खुद की तलाश में इन्सान ?

🔶🔶

गुस्ताखी

एक उम्र दहलीज का फासला था मेरी इश्क गुस्ताखी में l

जब कभी आईना पूछता हौले से परदा कर लेता उससे ll

वो सफ़ेदी तलाशती फिरती मेरे रुखे बिखरे बालों में l

भूला दुनिया सुकून से मैं सो जाता उसकी बाहों में ll

🔶🔶


मेरा उद्देश्य

लिए चौमुख दियना हाथ में

दिया ढका आँचल से

बचाया उसे हलकी बयार से

चली साथ में रौशन हुआ समस्त मार्ग 

 आवश्यक नहीं कोई 

 अन्य रौशनी के स्रोत का  

🔶🔶

 एक व्यंग्य : ---’टैग करने वालों से’

रेडियो पर गाना बज रहा है। झूठ। आइपैड, आइपोड के ज़माने में रेडियॊ।

अच्छा, तो मोबाइल पर गाना बज रहा है--

"अल्लाह बचाए नौज़वानो से ,

-- ---  ---

 तौबा है ऐसे इन्सानों से ,

   अल्लाह बचाए----"

और इधर मैं गा रहा था--

बाते हैं मीठी मीठी , रचना है फीकी फीकी।

कहता हूँ मै सीधे सीधे, कविताएँ उल्टी-पुल्टी  

अल्लाह बचाए ’टैग वालों ’ से । अल्लाह !

अल्लाह बचाए---

गाना जो भी हो, दर्द एक -सा है। फ़र्क इतना है कि वो गा रही हैं मैं गा रहा हूँ। वह मनचले नौज़वानो से परेशान है

मैं ज्ञानी टैग वालों से ।

"टैग करना" क्या होता है? "शो-रूम" पीढ़ी वाले फ़ेसबुकिया नौज़वान अच्छी तरह जानते होंगे ,

और जो "म्यूजियम मैटिरल" वाले लोग है,[जैसे मैं ], तो उन्हे स्पष्ट कर दूँ कि यह एक मानसिक बीमारी है

जिसमे आप अपनी रचना को श्रेष्ठ मानते है और-  मान न मान मैं तेरा मेहमान- वाली शैली में।..

🔶🔶

छोड़ें जा रहे हैं साकारात्मक भावों संग समृद्ध हिन्दी की..शब्दों को महसूस करें..✍️

।।इति शम।।

धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️



8 टिप्‍पणियां:

  1. राष्ट्रीय हिन्दी दिवस पर अशेष शुभकामनाएँ
    हमारी हिन्दी -प्यारी हिन्दी
    हिंदी में चरण शब्द के पर्यायवाची आठ नौ हैं पर अंग्रेजी में मात्र लेग या फुट
    शानदार अंक
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. हिंदी दिवस हर दिन मनाया जाए ।
    एक ऐसा भी दिन आए ।

    जवाब देंहटाएं
  3. आज के हिन्दी उत्सव में कुछ अपनी भी भागीदारी हो, इसलिए साझा कर रहे हैं -
    https://noopurbole.blogspot.com/2022/09/blog-post_13.html?m=0

    जवाब देंहटाएं
  4. आप सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
    बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को चयनित करने के लिए सहृदय आभार सखी सादर

    जवाब देंहटाएं
  5. आप सभी को हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई
    बेहतरीन भुमिका के साथ शानदार प्रस्तुति पम्मी जी, सही कहा आपने इसे कमाई का जरिया बनाना भी बहुत जरूरी है तभी हिंदी जगत समृद्ध होगा।

    जवाब देंहटाएं
  6. निज भाषा की शान बढ़ाती हुई अति सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ।

    जवाब देंहटाएं
  7. हिंदी दिवस पर सुंदर अंक । सभी रचनाकारों को हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुंदर भूमिका के साथ अच्छी प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं

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