कवि हृदय तिरंगे की शान में खुद को कुर्बान कर देना चाहता है .... ‘‘मेरे प्यारे वतन, ऐ दुलारे वतन’’ अपने पावों को रुकने न दूँगा कहीं, |
बहुत खूबसूरत गीत लिखा है करण समस्तीपुर ने .... हे मातृभूमि शत कोटि नमन!गिरिवर मुकुट, सुवन मेखला, सागर पाँव पखारे। संतति को पयपान कराते गंग-यमुन युग धारे ॥ शस्य श्यामला आँचल तेरा, तू बसुधा का दर्पण। हे मातृभूमि शत कोटि नमन!! |
लहरा रहा हमारा अभिमान है तिरंगा। घर-घर फहर रहा है जय गान है तिरंगा। तन कर खड़ा गगन में यह दृश्य है विलक्षण। उर भारती सुशोभित परिधान है तिरंगा।। |
तिरंगा फहरा दिया , अब यह जान लें कि आखिर 15 अगस्त सब भारतीयों के जीवन में क्या महत्त्व रखता है ... स्वतंत्रता दिवस " एक त्यौहार " 15 अगस्त" वो दिन, जिस दिन पहली बार हमारे देश का ध्वज "तिरंगा" लहराया और हमें भी उन्मुक्त होकर उड़ने की आजादी मिली।हम हिन्दुस्तानियों के लिए हर त्यौहार से बड़ा, सबसे पावन त्यौहार है ये |
बच्चों को घर में राष्ट्रधर्म की सीख भी मिलेअपनी मातृभूमि, राष्ट्रीय प्रतीक, संस्कृति- सभ्यता और जीवन दर्शन का सम्मान किसी भी देश के नागरिकों का धर्म भी है और कर्तव्य भी । *************************************************** ********************************************************* केवल राष्ट्रीय धर्म की सीख से ही काम नहीं चलेगा , ज़रूरी है कि हमे कितने बलिदानों के बाद आज़ादी मिली है इसका इतिहास भी पता होना चाहिए । इसी बात पर रविन्द्र जी अपने लेख में प्रमुखता से कह रहे हैं - उन्हें पता होना चाहिए कि वे स्वतंत्रता सेनानी कौन थे जिन्होंने भारत की आज़ादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया? उन पर क्या बीती होगी जब अपने प्राणों का बलिदान किया होगा? अपने माँ-बाप, भाई-बहन और बीबी-बच्चों को किसी के सहारे छोड़ा था या उन्हें इसका मौक़ा ही नहीं मिला? |
समय की रेत पर अंधाधुंध भागते पैरों के निशान गवाह हैं कि चीरकर गुलामी को फेंफड़ों में भर दी गयी गई थी |
उन्मुक्त गगन के भाल पर उड़े तिरंगा शान से कहे कहानी आज़ादी की लहराये सम्मान से |
कह दो क़ुदरत क़ायनात से कुछ ऐसा, कश्मीर-सा सुन्दर उपहार सजा दे, करूँ नमन प्रतिपल वीर शहीदों को, हृदय को उनका द्वार दिखा दे | |
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कहानी पर गहराई से नज़र डालें तो इस बात का स्पष्ट आभास मिलता है कि यह संघर्ष यात्रा भी पूरी तरह इस देश के सनातन माटी के संस्कार से सिक्त होकर ही निकली है।वैचारिक विभिन्नताओं की अनगिनत धाराओं का अद्भुत समागम है- हमारी आज़ादी की प्राप्ति यात्रा । |
अरे अम्मा हम तौ क़हत रहे कि झण्डा तौ फिरी म मिलि रहा बस लगाना है।” “अच्छाऽऽ” “हाँ सही कह रहे अम्मा ! पूरी बस्ती म झण्डा बँटि रहा, बड़े-बड़े साहब नेता सब बांटि रहे, ढूँढ-ढूँढ सबै दे रहे । |
मुझे नमन करना है शहीदों को मुझे नमन करना है उन योगियों को नींद से बोझिल मुँदी पलकों में सारी रात भटका किए |
ऐसा नहीं है कि इसके पहले या बाद में इस दुर्ग ने जुल्मों-सितम नहीं देखे ! सालों बाद एक बार फिर 1945 में ब्रिटिश हुकूमत ने आजाद हिंद फौज के जांबाजों, जी एस ढिल्लन, कैप्टन शाहनवाज तथा कैप्टन सहगल पर यहीं मुकदमा चला उन्हें सजा देने की कोशिश की थी ! पर उस समय सारा देश उनके पीछे खड़ा हो गया था ! |
आजादी के महापर्व पर हो बस ये संकल्प हमारा गगन चूमता रहे तिरंगा उन्नत भारतवर्ष हमारा। |
राजू एकदम से घबरा गया। ''कुछ नहीं साब। डीपी पर तिरंगे की सुंदर फोटो है यह सुनकर तिरंगे को देखने की इच्छा को दबा नहीं पाया इसलिए...'' ''तू क्या जाने डीपी क्या होती है और देशभक्ति क्या होती है?'' दूसरे दोस्त ने कहा। |
स्वतंत्रता संग्राम की १५० वीं और स्वतंत्रता प्राप्ति की ६० वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में हर तरह उत्सव भरा माहौल है. सरकारी विभागों में भी खुशी मनाने की तैयारी है. बच्चे परेड, नृत्य और गीत की तैयारी कर रहे हैं. स्कूलों में एक बालूशाही, एक समोसा, एक लड्डू और एक केला के पैकेट तैयार होने की तैयारी में हैं, जो बच्चों को स्कूल की परेड में आने के लिये ललचायेंगे. |
अभी एक बाल पत्रिका के सम्पादकीय में एक प्रसंग है कि किसी स्कूल में आजादी के अमृतमहोत्सव में अध्यक्ष बच्चों को बताते हैं कि हमारे देश को आज़ाद हुए 75 वर्ष हो चुके हैं लेकिन असली आजादी मिलनी अभी बाकी है . इस तरह के रटे रटाए भाषण मंचों पर अक्सर सुनने मिल जाते हैं . मैं चकित हूँ ..इन्हें और कितनी आजादी चाहिये ? |
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
निवेदन।
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सोमवार, 15 अगस्त 2022
3486 / आज़ादी का अमृत महोत्सव .
38 टिप्पणियां:
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उन्मुक्त गगन के भाल पर
जवाब देंहटाएंउड़े तिरंगा शान से
कहे कहानी आज़ादी की
लहराये सम्मान से
स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं
सादर प्रणाम
आभार
हटाएंस्वतंत्रता का गीत दिव्यात्माओं का उपहार है
जवाब देंहटाएंशौर्य गाथा पीढ़ियों की स्वदेश प्रेम का सार है
नमन है उनको प्रथम, बलिदान जो अज्ञात हैं
हो विलोपित पटल से हृदय में शीर्षांकित हो गये।
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स्वतंत्रता दिवस की हम सभी को बहुत-बहुत बधाई।
प्रिय दी,
इस शानदार,इंद्रधनुषी विशेषांक की हर रचना देश की विविधापूर्ण संस्कृति की तरह सुंदर है सारयुक्त है। सभी को शुभकामनाएं ।
वापस मिलते है सारी रचनाओं का पूर्णतया अवलोकन करने के बाद।
सप्रेम
प्रणाम दी।
सादर।
नमन बलिदानियों को ।।
हटाएंबहुत अच्छी सामयिक हलचल में मेरी ब्लॉग पोस्ट सम्मिलित करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंसभी ब्लॉगर साथियों और पाठकों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामना
सराहना हेतु आभार
हटाएंस्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंवंदेमातरम्, जय भारत भारती।
अमृत महोत्सव के दिन आपकी ये विशेष प्रस्तुति ब्लॉग जगत को एक अमूल्य उपहार है आदरणीय संगीता जी।
बहुत उत्कृष्ट और श्रमसाध्य, वृहद लिंक्स के साथ सामायिक परिप्रेक्ष्य पर सुंदर संकलन।
सभी रचनाएं बहुत आकर्षक और चिंतन से भरी हैं।
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई।
मेरी रचना को इस विशेष उत्सव में शामिल करने के लिए हृदय से आभार।
सादर सस्नेह।
वंदेमातरम्।
हलचल की प्रस्तुति तभी सार्थक है जब पाठक लिंक्स तक जाएँ । सराहना के लिए हार्दिक आभार ।
हटाएं🙏 नमस्कार दी
जवाब देंहटाएंआजादी की अमृत महोत्सव को समर्पित आज का यह श्रमसाध्य अंक निश्चय ही संग्रहणीय है।आने वाली पीढ़ी के लिए ये एक धरोहर सदृश है। और इस संग्रहणीय अंक में मेरी रचना को भी स्थान देने के लिए हृदयतल से धन्यवाद एवं आभार आपका।
सभी ब्लॉगर साथियों को आजादी की अमृत महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई 🙏
सराहना हेतु हार्दिक आभार ।
हटाएंहमारा सौभाग्य है कि हम देश के स्वतंत्रता की ७५वीं वर्षगाँठ देख सकें
जवाब देंहटाएंयानि हम गुलाम देश में जन्म नहीं लिए
गुलामी देखे होते तो शायद ज्यादा समझ पाते स्वतंत्रता को
आजादी के अमृत महोत्सव की शुभकामनाओं के संग बधाई
उम्दा संकलन के लिए साधुवाद
सच कहा कि गुलामी देखे होते तो आज़ादी का अर्थ ज्यादा अच्छे से समझते । सराहना हेतु हार्दिक आभार
हटाएंआजादी की वर्षगांठ मना रहे हैं.
जवाब देंहटाएंइस संदर्भ में रचनाकारों का लिखा
सब पढ़ें इस बात को आपने समझा और सुंदर संकलन कर प्रसिद्ध ब्लॉग पर प्रस्तुत किया.
इस प्रस्तुति के पहले जो भूमिका लिखी है आपने,वह अपने आप में बहु कुछ कहती है,सभी रचनाओं का निचोड़ है.
सार्थक और सटीक भूमिका के लिए साधुवाद.
सभी रचनाकारों को बधाई
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर
भूमिका में आपने अपनी पैनी दृष्टि डाली , इसके लिए आभार ।
हटाएंसच है कि लेखकों का लिखा नया पुराना पढ़ते रहना चाहिए ।
देश भक्ति के स्वाधीन खुशनुमा रंग, बहुत ही सुन्दर लग रहे हैं
जवाब देंहटाएंजय हिन्द जय भारत
आभार भारती
हटाएंसभी ब्लाग देख लिये । उत्कृष्ट चयन है । आभार संगीता जी मेरी रचना को शामिल करने के लिये .
जवाब देंहटाएंआप हर ब्लॉग तक पहुँची जिनके लिंक्स मैंने लगाए हैं । इसके लिए हृदयतल से आभार । मैंने आपके हस्ताक्षर देखे थे इन लिंक्स पर और बहुत खुशी हुई थी और ये प्रस्तुति लगाना सार्थक लगा था । आभार गिरिजा जी ।।
हटाएंआजादी के अमृत-महोत्सव के अवसर पर इस श्रमसाध्य प्रस्तुति के लिए आपका हार्दिक अभिनंदन। प्रस्तुति में जो पुरानी रचनाओं के लिंक लगाए जाते हैं उसके लिए कितना प्रयास करना पड़ता होगा उसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। सभी साथी रचनाकारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। मुझे भी शामिल करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी ,
हटाएंआपने सही कहा कि पुराने लिंक्स ढूँढने में काफी पढ़ना पड़ता है ,लेकिन यदि पाठक वहां तक पहुंचते हैं तो मेहनत सफल हुई लगती है ।
सराहना हेतु आभार ।
बहुत ही अच्छे लिंक्स हैं | मुझे शामिल किया, आभार |
जवाब देंहटाएंआभार मोनिका
हटाएंआजादी के अमृत उत्सव पर पांच लिंकों का पंचामृत आनंद!!! सुंदर, सार्थक और संग्रहणीय।
जवाब देंहटाएंआभार । ये पंचामृत आपको पौने चार बार पीना पड़ेगा यदि पाँच लिंकों का आंनद मान रहें हैं तो 😆😆😆।
हटाएंसराहना हेतु पुनः आभार ।
बहुत ही सुंदर सराहनीय संकलन।
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने हेतु हृदय से आभार आदरणीय दी। समय मिलते ही सभी ब्लॉग पर जाने का प्रयास रहेगा।
सादर नमस्कार
प्रिय अनिता , ब्लॉग्स पर जाने का प्रयास कीजियेगा । सराहना हेतु आभार ।
हटाएंस्वतन्त्रता दिवस के अमृत महोत्सव पर देशभक्ति से परिपूर्ण श्रमसाध्य, सारगर्भित और संग्रहणीय अंक । मैने सभी लिंक्स पर भ्रमण किया, विचारणीय संदर्भों के साथ ही रोचक और प्रशंसनीय सृजनात्मकता ने मन मोह लिया , आपके श्रम को हार्दिक नमन है मेरी लघुकथा इस अंक का हिस्सा बनी, मेरे लिए हर्ष का विषय है, सादर आभार....
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी की देशभक्ति से ओतप्रोत प्रेरक रचना
कुसुम जी की तिरंगे की शान मे सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति
और कितनी आज़ादी..दीदी गिरजा कुलश्रेष्ठ जी के नेताओ के अधूरी आज़ादी वाले रटे रटाए भाषणों का सटीक विश्लेषण
हे मातृभूमि शतकोटि नमन..कर्म समस्तपुरी की राष्ट्रप्रेम से सज्जित सुंदर सराहनीय रचना
यादों के गलियारे की सैर करता कविता रावत जी का सुंदर आलेख
देवेन्द्र पाण्डेय का एक जनगणना मकान यथार्थपरक कहानी
वसीयत उषा किरन जी की सराहनीय रचना
गगन शर्मा जी का आजादी की रात का, स्वतंत्रता दिवस और लाल किला पर सारगर्भित आलेख
अभिलाषा चौहान जी की रचना, हो संकल्प हमारा
ज्योति जी की कहानी देशभक्ति
समीर लाल जी का आलेख ये देश है वीर जवानों का, यथार्थ का सटीक चित्रण
विश्वमोहन जी का आलेख,स्वतंत्रता.. एक सनातन संस्कार..हर काल खंड में सारगर्भित आलेख।
अनीता सैनी की रचना आज़दी का पर्व सार्थक रचना
श्वेता सिन्हा की ओज से भरपूर राष्ट्र को समर्पित सुंदर कविता
ज्योति खरे जी की सचेत करती, चिंतनपूर्ण कविता
स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में कामिनी सिन्हा जी का विचारणीय आलेख ।
आज़ादी पर मोनिका शर्मा जी का बच्चों में संस्कार को प्रेरणा देता आलेख
वीरेन्द्र सिंह जी का स्वतंत्रता का मूल्य बताता आलेख
...सभी रचनाकारों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई 💐💐👏👏
प्रिय जिज्ञासा ,
हटाएंहर ब्लॉग पर तुम्हारी दस्तक देख मन संतुष्ट है । साहित्यिक कार्यक्रमों में व्यस्त रहते हुए भी इतने ब्लॉग्स पढ़ कर हर सूत्र पर प्रतिक्रिया देना दर्शाता है कि दी हुई प्रस्तुति की अहमियत को समझा है । इसके लिए हृदय से आभार ।
प्रिय दी,
जवाब देंहटाएंसर्वप्रथम क्षमा चाहते हैं बहुत देर से प्रतिक्रिया लिख रहे।
आपके सौजन्य से
आज़ादी के अमृतोत्सव का अमृत छककर पी लिये।
विविध विषयों को समेटकर आपने एकसाथ रखा है इतने सारे अपठित और बेहद सराहनीय सूत्र पढ़वाने के लिए हृदय से बहुत-बहुत आभारी हूँ।
आपकी इतनी सारी मेहनत को विशेषकर प्रणाम।
रचनाओं के लिए क्या कहें दी देशभक्ति रस मे डूबी सभी रचनाएँ नमन योग्य है।
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स्वतंत्रता दिवस एक पावन पर्व आज़ादी का
स्वतंत्रता एक सनातन संस्कार
स्वतंत्रता दिवस एक त्योहार
मेरे प्यारे वतन,दुलारे वतन
हे मातृभूमि शतकोटि नमन
हो बस ये संकल्प हमारा
बच्चों को घर में राष्ट्रधर्म की सीख भी मिले
नई पीढ़ी को स्वतंत्रता का मूल्य समझाना जरूरी
स्वतंत्रता दिवस और लाल किला
स्वतंत्रता दिवस का वह एक दिन
देशभक्ति में
उडे तिरंगा शान से
वसीयत
आज़ादी की
ये देश है वीर जवानों का
एक जनगणना मकान पूछता है
चुनाव आवे वाला है का
अरे बोलो न और कितनी आज़ादी?
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जी दी, हम अधिकतर रचनाओं पर जाकर कल ही प्रतिक्रिया लिख आये पर आज जब दुबारा से गये न कुछ प्रतिक्रिया प्रकाशित नहीं दीख रही शायद स्पेम में हो आप सभी ब्लागर्स से विनम्र निवेदन है कि कृपया समय समय पर स्पेम चेक करते रहे।
अगले अंक की प्रतीक्षा में
सप्रेम प्रणाम दी
सादर।
प्रिय श्वेता ,
हटाएंअमृत महोत्सव पर यदि सच ही उत्सव अमृत पी लिया है तो मेरा प्रयास सफल हुआ ।
हर सूत्र पर जा कर विशेष प्रतिक्रिया मिलते ही सारी थकान उतर जाती है ।
सार्थक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार ।
आज कल ब्लॉग पर कमेंट्स स्पैम में जा रहे हैं सभी ब्लॉगर्स से निवेदन है कि कमेंट स्पैम में चैक करते रहें ।
उत्कृष्ट लिंको से सजी शानदार अमृत महोत्सवी श्रमसाध्य प्रस्तुति... मैं तो कल से महोत्सव मना रही अब जाकर समापन कर पायी । आपके चयन एवं श्रम को देखकर हैरान हूँ।🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंप्रिय सुधा ,
हटाएंआपने इस महोत्सव को मन से मनाया , मैं तो आपके धैर्य को देख हैरान हूँ ।
हृदयतल से आभार ।
वाकई संगीता जी आपने आज़ादी के विभिन्न रंगों से रंगी रचनाओं से अपने विशेष अंक का गुलदस्ता सजाया है जो स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव पर एक विशेष उपहार है। जिसका आनन्द लेकर हम भी भाव- विभोर हुए।
जवाब देंहटाएंये हमारा सौभाग्य है कि आज हम गुलाम भारत में नहीं आजाद भारत में खुल कर साँस ले रहे हैं । तो जिन वीरों ने अपनी शहादत दी उनको श्रद्धांजलि तो बनती है साथ ही अगली पीढ़ियों को भी इसके प्रति जागरूक करना हमारा पावन कर्तव्य है ।
बहुत उत्कृष्ट और श्रमसाध्य, लिंक्स का सुंदर संकलन-प्रस्तुति… सभी रचनाएं बहुत भावपूर्ण और देश भक्ति के चिंतन से परिपूर्ण हैं ।बहुत सुन्दर, सार्थक व ज्ञानवर्धक कविता, आलेख, और कहानियों का संकलन किया आपने।
शास्त्री जी, कुसुम जी, ज्योति खरे, श्वेता सिन्हा, वीरेन्द्र सिंह जी, मोनिका शर्मा, अनीता सैनी जी, विश्वमोहन जी, देवेन्द्र पान्डे जी, गिरिजा जी, कामिनी सिन्हा जी , श्वेता सिन्हा जी, समीर लाल दी कविता रावत जी, अभिलाषा चौहान, गगन शर्मा जी की सभी रचनाएं बेहतरीन । इस विशेष पर्व पर मेरी रचना का चयन करने के लिए आपका हृदय से आभार 🙏💐💐💐🇮🇳🇮🇳🇮🇳
प्रिय उषा जी
हटाएंआपने हर रचना का निचोड़ प्रस्तुत कर दिया । मेरे श्रम को सार्थक करने के लिए हार्दिक धन्यवाद । आप सब की सराहना पा कर अनंत ऊर्जा का संचार हो जाता है ।
अमृत महाउत्सव के अवसर पर , आपकी पांचों रचनाएं बहुत सुन्दर है । श्रम सार्थक है
जवाब देंहटाएं- बीजेन्द्र जैमिनी
पानीपत - हरियाणा
बहुत शुक्रिया ।
हटाएंसंगीता दी, मेरे ब्लॉग की लिंक पकांच लिंको में शामिल करने की जानकारी वाली आपकी टिपणी स्पैम में चली जाने के कारण मैं देख नही पाई थी। वो तो स्वेता दी ने बताया कि शायद उनकी टिपणी स्पैम में होगी इसलिए सैम में चेक किया तब अन्य कई टिप्पणियां दिखी। अब बराबर चेक करती रहूंगी।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को पांच लिंको का आनन्द में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
शुक्रिया ।
हटाएं