सादर अभिवादन।
रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ।
भारतीय जीवन पद्यति का सांस्कृतिक त्योहार रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की यादों को
हमारी परंपरा से जोड़े रखता है। आजीवन भाई-बहन के बीच यह त्योहार नये रंग भरता रहता
है। रक्षाबंधन से जुड़े ऐतिहासिक संदर्भ भी बड़े रोचक और मार्मिक हैं। समाचार, व्यापर, फ़िल्म उद्योग से लेकर साहित्य तक रक्षाबंधन से जुड़े आयामों
को संरक्षित करते हुए समृद्ध करते रहते हैं। सावन मास की पूर्णमासी अर्थात सावन की विदाई और भादों मास का आगमन।
आइए अब पढ़ें आज की पसंदीदा रचनाएँ-
सूत या रेशम की
छोटी सी एक डोरी
कह देती है वह
जो शब्द नहीं कह सकते
कुछ चिड़ियों के
टूटे पंखों से लिखे गये
प्रेम पत्रों की
खुशबू से
बदलता रहा ऋतुओं की
किताब का पृष्ठ...।
जैसे करते थे तुम मेरी रक्षा।
सब नारियों को देना सुरक्षा।
दुःशासन तुम कभी न बनना।
लाज किसी की कभी न
हरना।
गोलू को यह आदेश देने के बाद भरमदास
सूखी रोटी चबाते हुए मालपुआ के मीठे स्वप्न में खो गए।
डेढ़ इंच मुस्कान - क्षणिका संग्रह-समीक्षा
क्षणिकाओं में कभी तुकांत का प्रयोग मनभावन है तो कभी अतुकांत में सधी लेखनी
चली है| रचनाओं को पढ़ते समय मुस्कान
भी सहज रूप से आती है| आपने सत्ता और सत्ताधारियों
पर चुटीले तंज किए हैं जो हर आदमी मुस्कुराते हुए स्वीकार कर ले| कथ्य और शिल्प का निर्वहन है और भाव भी भरपूर है|
बेहतरीन अंक,
जवाब देंहटाएंआभार,
सादर
बहुत अच्छी सामयिक हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन पर्व की सबको हार्दिक शुभकामनाएं!
शुभकामनाओं के संग बधाई
जवाब देंहटाएंउम्दा सामयिक लिंक्स चयन
सुप्रभात व सभी रचनाकारों और पाठकों को रक्षा बंधन के पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ! पठनीय रचनाओं के सूत्र देती प्रस्तुति, आभार!
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंइस हलचल से बढ़िया लिंक्स मिले पढ़ने के लिए । आभार
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिंक्स
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंकों से परिपूर्ण उत्कृष्ट अंक।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाओं से सजे अंक में मेरी रचना सम्मिलित करने के बहुत बहुत आभार.आपका।
जवाब देंहटाएंसादर।