हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...
अपने इस छोटे-से सफ़र में हमने दुनिया की कई भाषाओं की कहानियों का वाचन किया है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों की कहानियां। असल में हमारा प्रयास है कहानियों को सुनने की परंपरा को आगे बढ़ाना। ताकि अगर जिंदगी की भागदौड़ में आप पढ़ नहीं पा रहे हैं तो कम-से-कम सुन सकें। तरह तरह के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट हैं, जिनमें आप कहानियों को साथ लेकर चल सकते हैं। सुन-सुना सकते हैं।
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
– फ़िराक़ गोरखपुरी
जो न मिले सन्देश कवि के श्री मुख से,
कविता कहे अनेक सुनोगे क्या कर के,
कर के झूठी बात, किया है घात,
गरीब के साथ, वोट मांगने वालों ने।
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
– जावेद अख़्तर
मंजिल उसी को मिलती है,
जिसके सपने में जान होती है ।
पंखों से कुछ नहीं होता,
हौसलों से उड़ान होती है ।
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
– लाल चन्द फ़लक
स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत,
इस पर हर भारतवासी दे ध्यान,
तभी हो सकती है दुनिया में,
भारत की सबसे अलग पहचान ।
विश्व स्वास्थ्य दिवस का संदेश है,
सारे जग के लिए अनोखा,
अच्छे स्वास्थ्य से ही आती,
किसी इंसान के चेहरे पर मुस्कान ।
न इंतिज़ार करो इन का ऐ अज़ा-दारो
शहीद जाते हैं जन्नत को घर नहीं आते
– साबिर ज़फ़र
भर लो-भर लो अपने दिल में,
मीठी-मीठी मृदुल उमंग।
पृथ्वी कहती धैर्य न छोड़ो,
कितना ही हो सिर पर भार।
नभ कहता है फैलो इतना,
ढक लो तुम सारा संसार।
दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
– जाफ़र मलीहाबादी
सदाबहार अंक
जवाब देंहटाएंसादर प्रणाम
आदरणीया मैम, अत्यंत सुंदर सम- सामयिक प्रस्तुति। सभी रचनाएँ मन को प्रेरित और हमें अपने प्रति व समाज के प्रति जागरूक करने वाली है। रक्षाबंधन व स्वतन्त्रता दिवस को एक साथ जोड़ती हुई हलचल भीत ही सुंदर व उत्साहित करने वाली है। सबसे अच्छी बात कि आज की हलचल में हर आयु
जवाब देंहटाएंके लिए कुछ है, बच्चों के लिए भी। मेरी सबसे प्रिय रचना नारी शिक्षा पर कविता है। बेटी के प्रश्न और माँ का सकारात्मक उत्तर देकर उसे प्रेरित करना बहुत अच्छा लगा । सुंदर प्रस्तुति के लिए आभार व सादर प्रणाम।
* बहुत
हटाएंएक अत्यंत सार्थक और समीचीन सूत्र।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंजी दी,
जवाब देंहटाएंपद्मा सचदेवा जी की कहानी बहुत अच्छी लगी।
बाढ़,नारी शिक्षा,बच्चों के लिए,स्वस्थ तन विविधापूर्ण विषय जिनपर मुख्य रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है जिसके बिना राष्ट्र का उत्थान संभव नहीं और बीच-बीच में वतन को सलाम करते प्रसिद्ध शायरों के एक से बढ़कर एक शेर बहुत अच्छे लगे।
सुंदर प्रस्तुति दी
प्रणाम
सादर।
विविध रचनाओं से परिपूर्ण उत्कृष्ट अंक।
जवाब देंहटाएंरक्षा बंधन और स्वतन्त्रता दिवस की हीरक जयंती पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई।