सादर अभिवादन..
एक शुभ सूचना...
पाँच लिंकों का आनन्द परिवार नें
एक सितम्बर से......
एक नया ब्लॉग जोड़ा है अपने परिवार में
ये सांध्य दैनिक है..
इसमें आप पाएँगे..
खट्टी, मीठी, कड़वी और फीकी
रचनाएँ..नमकीन नहीं है इसमें
नाम है विविधा.....
यह ब्लॉग आप सभी के लिए खुला है....
आज की पढ़ी रचनाओँ से.....
एक वादा था तुमसे
जो खेल खेल में कर दिया
जमीं पे तारे और पूनम के चाँद का ।
काम जरा मुश्किल सा था
कमल कितने ही जीवन के खिलते हैं इसकी जल में,
शान्त लगती ये जितनी उतनी ही प्रखर तेज उसके,
मौन आहट में उसकी स्वर छुपते हैं जीवन के,
बात अपने मन की कहने को ये आतुर नही समुन्दर से।
सज के आए हैं महफ़िल में मेरे सनम ।
इक नज़र भर मेरी फेरने के लिए ।।
कहकशां से भी आवाज़ आई बहुत ।
चाँद क्यों छल रहा जीतने के लिए ।।
मेरी-तुम्हारी सोच से कही परे था...
अमृता,साहिर और इमरोज़ को समझना...
इक ऐसी उलझन,
जिसे जैसे कोई सुलझाना ही ना चाहता हो..
शमशीरें निकल पड़ीं, वो देखती रही,
हश्र क्या होगा इसका? जानती थी वो।
अंजाम कुछ भी, उसे फ़र्क नहीं पड़ता,
जीत उनकी तय थी, ये जानती थी वो।
मन की पाँखी में...देहरी
अंजुरी भर
तृप्ति की चाह लिये
अतृप्ति के अनंत
प्यास में तड़पता है
नादान है कितना
समझना नहीं चाहता
विविधा में....गुरु
ये उर्वर पृथ्वी,
ये खुला आकाश,
ये बहती हवाऐं,
ये जलती आग,
ये बहता पानी,
ये तैरती मछलियाँ
ये सुबह उठता सूरज,
ये रात बिताता चांद,
उलूक टाईम्स की एक कतरन
लिख वही जो तू
खुद लिख सकता है
छंद अलंकार व्याकरण
को बीच में लायेगा
जो है वो भी नहीं रहेगा
जो बनेगा उसको
कोई सरकस वाला
जरूर उठा के ले जायेगा
ये लेखन की दुनिया
बहुत बडी़ भूलभुलईया है
:: आज के रचनाकार ::
मीना भारद्वाज, पुरुषोत्तम सिन्हा, नवीन मणि त्रिपाठी,
सुषमा वर्मा, राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही", श्वेता सिन्हा,
अलकनन्दा सिंह एवं डॉ. सुशील जोशी
सुप्रभात दीः),
जवाब देंहटाएंआज दो नयी चीजें ब्लॉग की सूचना और रचनाकारों का नाम अलग से प्रकाशित करना।
बहुत सुंदर रचनाओं का गुलदस्ता आज के संयोजन में दी,मेरी रचना को स्थान देने के लिए हृदय से आभार आपका।
आपकी पोस्ट शायरी बहुत बहुत अच्छी है 👌👌
हटाएंसुप्रभात,
जवाब देंहटाएंअत्यन्त सुन्दर प्रस्तुतीकरण . आज के संयोजन में बहुत सुन्दर सुन्दर रचनाएँ और एक नए ब्लॉग की जानकारी मिली . इस संयोजन में मेरी रचना सम्मिलित कर मान देने के लिए तहेदिल से आभार .
शुभ प्रभात।
जवाब देंहटाएंआज का वैचारिक लिंकों से सजा आकर्षक अंक "विविधा " की सुखद सूचना के साथ।
आदरणीय यशोदा बहन जी का प्रस्तुतीकरण सदैव कुछ न कुछ नयापन लिए होता है।
बधाई।
"विविधा" को शुभकामनाऐं।
सभी चयनित रचनाकारों को हमारी ओर से बधाई एवं शुभकामनाऐं।
आभार सादर।
शुभ प्रभात दीदी आज बहुत कुछ नया
जवाब देंहटाएंनये ब्लॉग 'विविधा' का प्रारम्भ
रचनाकारों के परिचय का तरीका
आज सब कुछ बेहतर
रचनाओं का चयन उम्दा ! शुभकामनाओं सहित ,
आभार ''एकलव्य"
शुभ दोपहर..
जवाब देंहटाएंनये ब्लॉग 'विविधा' को शुभकामनाएं.. बहुत अच्छी प्रयास और सुंदर प्रस्तुति।
सभी चयनित रचनाकारों को बधाई..
बहुत ही आनंदमयी रचनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर, उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंआज की मनमोहक हलचल में 'उलूक' की एक पुरानी कतरन को जगह देने के लिये आभार यशोदा जी।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन । देर आए दुरुस्त आए....।
जवाब देंहटाएंआने में देर हुई पर पढ़ने में नहीं
अत्यंत सुंदर रचनाएँ पढ़वाने के लिए हार्दिक आभार यशोदा दीदी ।
"पाँच लिंकों का आनन्द" परिवार के सभी सदस्यों एवं पाठकगण को एक नया ब्लॉग "विविधा" के लिए हार्दिक बधाई। इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाओं के रचनाकार को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई।
जवाब देंहटाएंजानकार बनाने के लिए और जानकारी देने के लिए, नए ब्लॉग और आपका आभार !
जवाब देंहटाएंजानकारी देने का आभार ..
जवाब देंहटाएंअच्छी हलचल आज की ...