आपसभी का स्नेहिल अभिवादन।
शतरंज
शह-मात खेल..?
ये तेरा घर,
ये मेरा घर,
सफेद पर फ़तह,
काले की जंग...
धोखा-छल,
दुख-मौत
क़िस्मत-बदकिस्मती
चालबाजियाँ और षड्यंत्र
जीत-हार,
फिर समय की धार,
आँख में बाल.....
तख़्तापलट
बिसात नई
प्यादे वही,खिलाड़ी पुराने
कोई बचेगा नहीं...
खेल रचेगा नयी...
बारूद के ढेर पर सिंहासन
मिट जाएँगे दोनों ही
जो हारेगा वो भी
जो जीतेगा वो भी...।
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मुक्ति उन्हें भी मिलेगी,
जो पीछे छूट जाएंगे,
वे झूमेंगे-नाचेंगे,
ख़ुश नज़र आएँगे,
तुम देख सकते,
तो भ्रम में पड़ जाते
कि यह क्या है,
तुम्हारी शव-यात्रा या बारात?
पिछले 53 साल का अनुभव है कि बांग्लादेश जब उदार होता है, तब भारत के करीब होता है। जब कट्टरपंथी होता है, तब भारत-विरोधी। शेख हसीना के नेतृत्व में अवामी लीग की सरकार के साथ भारत के अच्छे रिश्तों की वजह है 1971 की वह ‘विजय’ जिसे दोनों देश मिलकर मनाते हैं। वही ‘विजय’ कट्टरपंथियों के गले की फाँस है। पिछले 15 वर्षों में अवामी लीग की सरकार ने भारत के पूर्वोत्तर में चल रही देश-विरोधी गतिविधियों पर रोक लगाने में काफी मदद की थी। भारत ने भी शेख हसीना के खिलाफ हो रही साजिशों को उजागर करने और उन्हें रोकने में मदद की थी। शायद उन्हें इस हिंसा के पीछे खड़ी ताकतों के प्रति आगाह भी किया होगा।
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वाकई दमदार अंक
जवाब देंहटाएंआभार
वंदन
सुंदर अंक। मेरी पोस्ट को स्थान देने के लिए हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंशानदार वेहतर से वेहतर
जवाब देंहटाएंअंक
धन्यवाद, मेरी छोटी सी कहानी को यहां जगह देने के लिए।
जवाब देंहटाएंप्रभावशाली अंक। सारी रचनाएँ अप्रतिम है...
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