।।भोर वंदन।।
"सूरज ने भेजी है वसुधा को पाती,
संदेसा लाई है धूप गुनगुनाती।
हाथ में ले हाथ सुबह सुना दे प्रभाती।
उषा की विमलता निज आत्मा में धार,
दुपहरी प्रखरता पर जान सके वार,
संध्या हो आशा के दीप टिमटिमाती,
कल्पना ले अल्पना हो नर्मदा बहाती..!!"
संजीव वर्मा 'सलिल'
लिंकों की पेशकश में आज हम रूबरू होतें हैं ब्लॉग 'चाँद पराया है' शब्द, अहसास और अनुभवों के तालमेल से रचीं रचना..✍️
जब जर्रे जर्रे में समा कर सिमटने लगी हो
दूर कहीं बादलों, नदियों, पहाड़ों के पीछे
सुनहला सूरज जब अगड़ाईंयां लेने लगा हो..
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अंतहीन है समुद्र का किनारा,
उतरे तो सही वो एक
बार घने बादलों
के हमराह,
उभर
जाए कदाचित डूबा हुआ साँझ तारा,
अंतहीन है समुद्र का किनारा।
उसे समझने की चाह
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उनका हृदय बहुत समय से चिंतित था। यूँ तो चिंतित होना उनके लिए कोई नई बात नहीं थी पर इस बार चिंता अत्यधिक उच्च स्तर तक पहुंच चुकी थी। इस चिंता की चिंता में उन्होंने महल की हर ..
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नहीं आती थी उसे
गिनती पहाड़ा
पर !
उसने जिन्दगी के हिसाब किताब में
कभी गलती नहीं की ।
दिलों को जोड़ना,
बैरीपन घटाना,
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अब लगी, तब ये लगी, लग ही गई लत तेरी I
कब हुई, कैसे हुई, हो गई आदत तेरी I
ख़त किताबों में जो गुम-नाम तेरे मिलते हैं,
इश्क़ बोलूँ के इसे कह दूँ शरारत तेरी I
तुम जो अक्सर ही सुड़कती हो मेरे प्याले से,..
।। इति शम ।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति '..✍️
बेहतरीन आगाज़
जवाब देंहटाएं"सूरज ने भेजी है वसुधा को पाती,
संदेसा लाई है धूप गुनगुनाती।
हाथ में ले हाथ सुबह सुना दे प्रभाती।
उषा की विमलता निज आत्मा में धार,
दुपहरी प्रखरता पर जान सके वार,
संध्या हो आशा के दीप टिमटिमाती,
कल्पना ले अल्पना हो नर्मदा बहाती..!!"
सलिल जी की रचना ने रंग जमा दिया..
आभार..
सादर..
सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंसुंदर सराहनीय तथा पठनीय अंक ।
ख़ूबसूरत रचनाओं से सज्जित ५ लिंकों का आनंद मुग्ध करता है, मुझे शामिल करने हेतु आपका असंख्य आभार आदरणीया। नमन सह
जवाब देंहटाएंलत कब आदत बन जाती है , पता ही नहीं चलता ,
जवाब देंहटाएंपहली गुरु के साथ बुद्ध होना लगता है कि निरुद्देश्य रास्तों पर भटकते भटकते पिघली चांदनी से अहसास होता है ।
आज कुछ नए ब्लॉग्स का पता मिला ।
शुक्रिया पम्मी ।
बेहतरीन संकलन
सुंदर व उम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर रचनाएं, भानुमती का पिटारा को इस संकलन में शामिल करने के लिए आपका आभार 💐💐.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन
जवाब देंहटाएंसुन्दर लिंक्स ...
जवाब देंहटाएंआभार मेरी गज़ल को जगह देने के लिए ...