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गुरुवार, 29 जुलाई 2021

3104...बड़ी बेचैन हलचल है...

सादर अभिवादन।

गुरुवारीय अंक में आपका स्वागत है।


भारत के पड़ोस में 

सत्ता परिवर्तन की 

बड़ी बेचैन हलचल है,

सीमा से लगे देशों की 

ग़ौर-तलब चहल-पहल है।  

 

आइए अब आपको आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें- 

माई हम नाहीं जैहैं पनियाँ भरन-(भजन)


एक पैर से खड़े, बांकी थी चितवन।

कटि थी  तिरीछी कटि  में करधन।

माई शोभित मुरली उनके अधरन।

हम  भूल गई  माई  पनियाँ भरन।


लक्ष्य बुलाता


मूक न्योता दे रहा

राजसी वैभव छले

बज उठी पायल हठी

लो कई सपने पले

मन मयूरा नाचता

आखिरी झंकार तक।।


देशांतर - -


इस पल

को

समो लो, रूह की अथाह गहराइयों

तक, इस के पहले कि हम और

तुम कालांतर हो जाएं, उम्र

के पल्लव झर जाने से

पहले, आओ इस

सजल निशीथ

में देशांतर

हो जाएं।


वर्षा ऋतु

वन- उपवन सब महके-महके,

चिड़ियाँ , बुलबुल सब चहकें चहकें,

नीर ही है जीवन दाता,

सावन को मौसम सबको सुहाता।


मौन

अक्षर अक्षर जोड़कर

उसने एक वाक्य बनाया

जिसे कोई पढ़ नहीं पाया

फिर उसने कई वाक्य बनाये

और कविताएं रच डाली


चलते-चलते पढ़िए जीवन की महत्त्वपूर्ण सीख- 

प्रत्यापित अनुभव

पति -'माँ और सास में क्या कोई अन्तर है ?'

स्त्री -'उतना ही जितना जमीन और आसमान में है

माँ प्यार करती है, सास शासन करती है। कितनी ही दयालु, सहनशील सतोगुणी स्त्री हो, सास बनते ही मानो ब्यायी हुई गाय हो जाती है। जिसे पुत्र से जितना ही ज्यादा प्रेम है, वह बहू पर उतनी ही निर्दयता से शासन करती है। मुझे भी अपने ऊपर विश्वास नहीं है। अधिकार पाकर किसे मद नहीं हो जातामैंने तय कर लिया है,सास बनूँगी ही नहीं। औरत की गुलामी सासों के बल पर कायम है।

*****

आज बस यहीं तक 

फिर मिलेंगे अगले गुरुवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

 


8 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन अंक..
    वन- उपवन सब महके-महके,
    चिड़ियाँ , बुलबुल सब चहकें चहकें,
    नीर ही है जीवन दाता,
    सावन को मौसम सबको सुहाता।
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. वैविध्यपूर्ण रचनाओं से परिपूर्ण उत्कृष्ट अंक के लिए आपको हार्दिक शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  3. असीम शुभकामनाओं के संग हार्दिक आभार आपका
    श्रमसाध्य प्रस्तुतीकरण हेतु साधुवाद

    जवाब देंहटाएं
  4. विविधता पूर्ण संकलन में हमारे भजन को सम्मिलित करने के लिए आप का बहुत बहुत आभार।साधुवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति अनुज रविन्द्र जी ।

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुंदर अंक भाई रविन्द्र जी ,
    सभी रचनाकारों को बधाई,
    सभी चयनित रचनाएं हृदय ग्राही ।
    मेरी रचना को पांच लिंक पर रखने के लिए हृदय से आभार।
    सादर सस्नेह।

    जवाब देंहटाएं

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