हम सभी आन्दित हैं
सखी रेणुबाला हमारे संग शामिल हैं इस उत्सव में
.....
और अंत श्रद्धासुमन
ब्रम्हलीन सुरेखा सीकरी जी को
......
बस
सादर
दिन भर ब्लॉगों पर लिखी पढ़ी जा रही 5 श्रेष्ठ रचनाओं का संगम[5 लिंकों का आनंद] ब्लॉग पर आप का ह्रदयतल से स्वागत एवं अभिनन्दन...
आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें
आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।
टिप्पणीकारों से निवेदन
1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।
जी ! रविवारीय आलस भरी सुप्रभातम् वाली नमन संग आभार आपका .. "पाँच लिंकों का आनन्द" की आज की अपनी ज़ायक़ेदार लज़ीज़ व्यंजन वाली थाली-सी प्रस्तुति में इक हरी मिर्ची की तरह मेरी बतकही को जगह देने के लिए ...
जवाब देंहटाएंसाथ ही रेणु जी के बहाने पुनः सालगिरह (चौथी - पाँचवीं में थोड़ा confused हूँ 😃😃) की अशेष-असीम शुभकामनाएं मंच से जुड़ी हर उस शख़्सियत को, जिनके योगदान से यह मंच अब तक का सफ़र अनवरत तय करता आया है और .. प्रकृति की गोद में आगे भी करता रहेगा .. बस यूँ ही ...
(सप्ताह में एक दिन शब्द-विशेष पर आधारित वाली प्रस्तुति बेशक़ .. miss करते होंगे, रचनाकार या पाठकवृंद .. शायद ...)
आभार..
हटाएंहम-कदम के दिन भी बहुरेंगे
याद दिलाया आभार
सोच रही हूँ अपने चर्चकारों की राय ज़रूरी है..
सादर..
हार्दिक आभार सुबोध जी | चार साल पूरे हुए हैं | पाँचवा चल पड़ा | और हमकदम बहुत याद आता है सचमुच | हालांकि बाद में समायाभाव के कारण मैंने भी इसमें भाग लेना छोड़ दिया था पर मेरी यादगार रचनाएँ आयीं इसके बहाने | यदि अभी इसे दुबारा लाने की कोशिश है तो स्वागत योग्य है पर महीने में एक या दो बार हो तो प्रभावी रहेगा | सादर
हटाएंआदरणीय दीदी, सुप्रभात !
जवाब देंहटाएंसबसे पहले बड़े और छोटे पर्दे की मूर्धन्य कलाकार दिवंगत रेखा जी सीकरी की पुण्य स्मृति को सादर नमन। वे अपने भावपूर्ण अभिनय के जरिए हमारे बीच हमेशा रहेंगी
मंच को ह्रदय से नमन करते हुए आभारी हूं कि आपने मेरे ब्लॉग की वर्षगांत की खुशी को महत्व दिया। संशोधन करना चाहूंगी, पांचवी नहीं चौथी सालगिरह है ब्लॉग की। नौ जुलाई 2017 को पहली पोस्ट डाली गई थी। उन सभी पाठकों को नमन जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में बराबर ब्लॉग पर उपस्थित रहे। आज की सभी रचनाएँ रोचक और पठनीय हैं। अनुराधा जी की लोक जीवन पर आधारित कहानी सबको जरुर पढ़नी चाहिए। उनके ब्लॉग पर सभी तरह की रचनाएँ मौजूद है । छोटी बडी कहानियां अत्यंत रोचक और भावपूर्ण हैं। बाकी रचनाएं पढ़ ली हैं । बाद में प्रतिक्रियाएं देती हूं। सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई। आपको पुनः आभार 🙏🙏
एक पंक्ति और जुड़ी
हटाएंचौथा वर्ष खर्च कर कदम
पाँचवें की ओर..
सादर..
कहते है इंसान गलतियां जब करता है
हटाएंये समझिये वो सुधर रहा है..
आभार..
सादर..
🙏😀 अच्छा अनुभव है दीदी 🙏😀
हटाएंसुन्दर संकलन हेतु बधाई एवं शुभकामनाएं ♥👌💐
जवाब देंहटाएंआभार दीदी..
हटाएंआप आई अच्छा लगा
आपकी रचना न हो तब भी आइएगा
सादर नमन..
आज की अपनी प्रस्तुति में एक आभासी केक चिपका कर .. और भी ललचा 😛😛 दिया है आप ने .. अब तो online delivery का युग है .. केक ना खिलाने का बहाना भी नहीं चलेगा 😀😀 .. शायद ...
जवाब देंहटाएंज़ियादा लालच
हटाएंसचमुच नुकसान देह होता है
सादर..
सच्ची में !? .. या केक खिलाने के डर से टरका रहीं हैं आप 😢😢😢
हटाएंसुबोध जी , आपने सच कहा कि ऑनलाइन का जमाना है | Zomato app का जमाना है | कोई मुश्किल नहीं है। पता अदद चाहिए बस, केक सस्नेह आप तक पहुँच जाएगा ।😀😊 सादर,सस्नेह आभार आपके स्नेहिल उद्गारों का 🙏💐
हटाएं"आपने कह दिया .. मान लीजिए हमने खा लिया" - फ़िलहाल हम ऐसा नहीं कहने वाले .. पर क्या है ना कि .. अकेले केक पचेगा नहीं .. सब की तथाकथित नज़र लग जायेगी .. कभी क़ुदरत ने आभासी दुनिया वाले मंच से हक़ीक़त की जमीनी सतह पर मिलवाया तो इकट्ठे मिल कर काटेंगे (केक को) और खायेंगे भी .. बस यूँ ही ...
हटाएंउस शुभ दिन की प्रतीक्षा रहेंगी। इस जन्म में जल्द आए।🙏💐😊
हटाएंअपने मंच की आज की प्रस्तुति में सुरेखा सीकरी जी जैसी बहुमुखी प्रतिभा वाली हालिया दिवंगत शख़्सियत को याद करने के लिए साधुवाद कहना भूल ही गया था .. साथ ही इसी बहाने सर्वेश्वर जी की पाँच परतों वाली चाँदनी में नहलाने के लिए भी आभार आपका .. बस यूँ ही ...
जवाब देंहटाएंवाकई..
हटाएंबालिका वधू की दादी सा बहुत याद आएगी
सादर..
बहुत ही सुंदर संकलन और अच्छी रचनाएं...सभी को खूब बधाई।
जवाब देंहटाएंआभार संदीप भाई
हटाएंआपने सराहा
हम भरपाए
सादर..
सुंदर संकलन । प्रिय सखी रेणु जी को बहुत-बहुत बधाई 💐💐💐💐💐बस ऐसे ही खूबसूरत रचनाओं का रसास्वादन करवाती रहिये ।
जवाब देंहटाएंआभार दीदी
हटाएंआप रोज आइए साथ में
एक गीत का लिंक भी लाइए
सादर..
सुंदर सूत्रों का संकलन, प्रिय रेणु जी को ब्लॉग की चौथी सालगिरह की दिल से बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ,
जवाब देंहटाएंसुरेखा सीकरी जी को सादर नमन,
आपको मेरा सादर अभिवादन..शुभकामनाओं सहित जिज्ञासा सिंह..
सखी जिज्ञासा जी
हटाएंकोरोना जा रहा है नैपथ्य में
ऐसे में मुखरित मौन मुखर होने को छटपटा रहा है...
एक ही ब्लॉग से पांच रचनाओं के लिंक
देने का मन है..
राय दीजिएगा
सादर..
प्रिय रेणु के ब्लॉग के चार वर्ष पूरे होने पर रेणु को हार्दिक बधाई ।
जवाब देंहटाएंसुरेखा सीकरी जी की अभिनय क्षमता की हमेशा ही कायल रही हूं । उनकी आत्मा को ईश्वर शान्ति प्रदान करे । नमन 🙏🙏🙏🙏
आज के सभी लिंक्स पर दस्तक दे आयी हूँ ।
क्षितिज पर उत्सव है तो कहीं अंकित यादें ।
बंजारा ऐतवार की बात कह रहा तो कहीं आस के पुष्प अपनी सुगंध फैला रहे और फिर वही अनंत की ओर अग्रसर कदम चंदनीं की पाँच परतों तक ले जाते हैं ।
सुंदर संयोजन
आदरणीय दीदी..
हटाएंसादर नमन
आपके द्वारा की गई अंक की समीक्षा
मन को भा गई..
पुनः आभार..
सादर...
दिवंगत सुरेखा सीकरीजी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके द्वारा निभाए गए कई किरदार याद आ रहे हैं...
जवाब देंहटाएंप्रिय रेणु बहन ने बहुत सुंदर रचना के साथ ब्लॉग क्षितिज के पाँचवें वर्ष में प्रवेश किया। बहुत बहुत शुभकामनाएँ व बधाई।
अनेक सुंदर रचनाएँ पढ़ने के लिए उपलब्ध कराने हेतु आदरणीया दीदी का बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन, मेरी रचना को मंच पर स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीया।
जवाब देंहटाएंसंगीता दीदी , जिज्ञासा जी ,प्रिय मीना , संदीप जी , भारती जी , अनुपमा जी , शुभा जी के साथ यशोदा दीदी --- सभी को सस्नेह आभार अतुलनीय शुभकामनाओं के लिए -- ये स्नेह बना रहे |
जवाब देंहटाएं