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सोमवारीय विशेषांक में आपसभी का हार्दिक
स्वागत।
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आज अपनी आहट भी देर तक सुनाई दी
- बशीर बद्र
किस की आहट सुनता हूँ वीराने में
आहट पर कालजयी रचनाएँ ढूँढते समय वेब पर चंद पंक्तियाँ मिली जो कि मिर्ज़ा गालिब के नाम से प्रेषित की गयी हैं। परंतु इसका ज़िक्र दीवान-ए-"ग़ालिब में नहीं और ना ही गालिब़ ऐसा लिख ही सकते है।
ऐसी अनेक रचनाएँ और क़लाम बेवसाइट पर मिलेंगे जिन्हें कालजयी रचनाकारों का नाम देकर छापा जाता है। ये व्यापारी साइट साहित्य और साहित्यिकार की अमूल्य धरोहर को क्षति पहुँचा रहे हैं। इनपर ध्यान देना हमारा दायित्व है।
निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही,
फिर भी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है॥
.....
कुमार रवींद्र
नर्म आहट खुशबुओं की
दबे पाँवों धूप लौटी
और कमरे में घुसी
उँगलियाँ पकड़े हवा की
चढ़ी छज्जे पर ख़ुशी
बात फिर
होने लगी है
फुसफुसाहट खुशबुओं की
आइये अब आपकी रचनाओं का आनंद लेते हैं....
★★★..
आदरणीया साधना वैद
आहट
घटाटोप अन्धकार में
आसमान की ऊँचाई से
मुट्ठी भर रोशनी लिये
किसी धुँधले से तारे की
एक दुर्बल सी किरण
धरा के किसी कोने में टिमटिमाई है !
कहीं यह तुम्हारी आने की आहट तो नहीं !
★★★★★
आदरणीया.कविता रावत
★★★★★★
आदरणीया अनीता सैनी
आहट हुई थी उजली आस पर
दबे पाँव दौड़ती है दावाग्नि-सी,
ख़ुशबू-सी उड़ती है विश्वास पर,
आहट हुई थी उजली आस पर |
★★★★★
आदरणीया कुसुम कोठारी
रश्मियों से ख्वाब
मैं चुनती रही रश्मियां बिना आहट रात भर ,
करीने से सजाती रही एक पर एक धर ,
संजोया उन्हें कितने प्यार से हाथों में,
रख दूंगी धर के कांच के मर्तबान में ,
सपना देखती रही रातों में जाग-जाग के ,
★★★★★
आदरणीय सुजाता प्रिय
तेरे आने की आहट
हवा के झोंके में होती जो सरसराहट है।
यूं लगता है तेरे आने की यह आहट है।
चाँद को देख चाहत का मन लुभाता है,
ऐसा लगता है तेरे प्यार की मुस्कुराहट है ।
आदरणीया मीना शर्मा
दो रचना...
एक कहानी अनजानी
फूलों की खुशबू बिखरेगी,
तो बाग भी सारा महकेगा ।
धीमे से आना द्वार मेरे,
आहट से ये मन बहकेगा !
तुम मेरी कहानी अनजानी
सीने में छुपाकर जी लेना !!!
★★★
आदरणीया मीना शर्मा
रात
सरसराहट पत्तियों की,
कह गई हौले से कुछ,
फिर हुई कदमों की आहट,
रुक गई फिर रात...
मेरी निंदिया को चुराकर,
साथ अपने ले गई,
कौन जाने दूर कितनी,
रह गई फिर रात..
★★★★★
आदरणीया अभिलाषा चौहान
हर आहट चौंका देती है
वक्त ने दबे पांव बदली करवट है,
छीन ली हमसे हमारी मुस्कराहट है।
यादों के घने जंगल से आती आहट,
बढ़ा देती हमारी छटपटाहट है।
अब तो मिलना भी तुमसे मुश्किल है,
सम्हाले सम्हलता अब नहीं दिल है।
मिल न पाएंगे ख्वाबों में भी कभी,
सोच कर होती बहुत घबराहट है।
★★★★★
आदरणीया उर्मिला सिंह
आहट
आज का हमक़दम आपको कैसा लगा/
आप सभी की प्रतिक्रिया सदैव
उत्साह बढ़ा जाती है।
हमक़दम का अगला विषय
जानने के लिए पढ़े
कल का अंक।
#श्वेता
बेहद खूबसूरत सराहनीय संकलन
जवाब देंहटाएंखूबसूरत रचनाएँ..
जवाब देंहटाएंसादर..
कहीं मां सुन रही है बच्चे की आहट,
जवाब देंहटाएंकहीं रात की बैचेन शांति में सरसराहट है
कहीं धुंधली आस के पार जाने का सुराख़ है
और कहीं समाज में फैल रही निरन्तर बुराइयों की आहट जोरों से सुनाई दे रही है।
सब रचनाएं उम्दा हैं।
आज कल ग़ालिब के नाम से नेट जगत में क्या क्या नहीं चलता, किसी से छुपा नहीं हैं। किसी भी अजुल-फजूल बात को ग़ालिब के नाम से बोल दिया जाता है ये उसकी महानता पर दाग लगाने जैसा है। हम उनकी बुक नहीं पढ़ते बल्कि जो कचरा फैला पड़ा है उसको ही यत्र-तंत्र फैलाकर ग़ालिब नाम की सुंदर कसीदे वाली चादर डाल देते हैं।
'हमारे' इस प्रमाणिक ब्लॉग पर मौलिक प्रस्तुतियां ही प्रस्तुत करी जाएं इसका ख़्याल रखना बहोत जरूरी है।
मैं श्वेता जी का आभार व्यक्त करता हूँ। 🙏
खूबसूरत रचनाओं का संकलन..
जवाब देंहटाएंबधाई श्वेता जी।
आज का हमकदम बहुत ही सुंदर लगा।हर कदम पर आहट सुनाई पड़ी।सभी रचनाएँ एक-से बढ़कर एक है। सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका आभार व्यक्त करती हूं. सभी रचनायें बहुत सुन्दर है!
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन रचनाओं का |मेरी रचना शामिल कटाने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंवाह!!श्वेता ,बहुत खूबसूरत संकलन ,सुंदर भूमिका के साथ ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर रचनाएं ! हार्दिक आभार हृदय तल से धन्यवाद मेरी रचना को आज के अंक में सम्मिलित करने के लिए श्वेता जी ! सप्रेम वन्दे !
जवाब देंहटाएंहम-क़दम की पिचानबेवाँ अंक "आहट" की सुन्दर प्रस्तुति में मेरी पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
जवाब देंहटाएंवाह लाजवाब।
जवाब देंहटाएंसुंदर सार्थक भुमिका के साथ सुंदर रचनाओं की प्रस्तुति आहट विषय पर सभी रचनाकारों ने शानदार लिखा है सभी को बधाई।
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए हृदय तल से आभार।
बेहतरीन संकलन...
जवाब देंहटाएंउम्दा संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.
जवाब देंहटाएंमुझे स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार श्वेता दी.
सादर
बहुत सुंदर संकलन, उतनी ही खूबसूरत भूमिका। मेरी रचनाओं को शामिल करने हेतु बहुत बहुत आभार। कुछ निजी कारणों से लेखन को कुछ समय के लिए विराम देने की मजबूरी है। आप सभी को पढ़ते रहने का सौभाग्य मिलता रहे। सादर, सस्नेह।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन, उतनी ही खूबसूरत
जवाब देंहटाएंlatest happy new year 2020 hd wallpapers
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जवाब देंहटाएंvery intresting new years exoctic photosfor family
जवाब देंहटाएं