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बुधवार, 16 अक्टूबर 2019
1552..सर्दियों का मौसम लगभग आरंभ हो गया है
10 टिप्पणियां:
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आज विश्व खाद्य दिवस है। किसी भी प्राणी को जीवित रहने के लिये भोजन चाहिए।
जवाब देंहटाएंकवियों ने भी भुखमरी पर खूब रचनाएँ लिखी हैं।
आज भी इस विषय को प्रमुखता देना उनका दायित्व है।
अपना देश भी कभी खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर नहीं रहा, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने " जय जवान जय किसान" का नारा दिया था। 60 के दशक में हरित क्रांति ने अपने देश में कृषि क्षेत्र में सुधार लाई । लेकिन, भुखमरी गयी नहीं है साथ ही युवावर्ग का रोजी-रोटी के लिये ग्रामीण क्षेत्रों से महानगर की ओर पलायन हो रहा है। अन्नदाता कर्ज में डूबकर आत्महत्या कर रहे हैं।
सरकार उनकी समस्या ठीक से नहीं समझ पा रही है और जुमलेबाजी से किसानों का विकास हो रहा है। अतः स्थिति ठीक नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कांफ्रेस ऑफ द फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) ने वर्ष 1979 से विश्व खाद्य दिवस मनाने की घोषणा की थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य विश्व भर में फैली भुखमरी की समस्या के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ाना और भूख, कुपोषण और गरीबी के खिलाफ संघर्ष को मजबूती देना था। 1980 से 16 अक्टूबर को 'विश्व खाद्य दिवस' का आयोजन शुरू किया गया था।
प्रस्तुति और लिंक्स प्रभावशाली हैं। सभी को सादर प्रणाम।
शुभ प्रभात..
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति..
सादर..
समकालीन विषयों पर आधारित रचनाओं से सजी आदरणीया पम्मी जी की सुन्दर प्रस्तुति। भूमिका में कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान जी की मनमोहक काव्य-पंक्तियाँ।
जवाब देंहटाएंसभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाएँ।
बहुत सुंदर प्रस्तुति मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हार्दिक आभार पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने के लिए तहेदिल से धन्यवाद एवं आभार पम्मी जी !
बहुत सुंदर आगाज़ प्रस्तुति का।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा अंक पम्मी जी।
बहुत सुंदर भूमिका और शानदार सूत्रों.से सजा आज का अंक बहुत अच्छा लगा पम्मी जी।
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुति।
वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंसभी रचनाएँ लाजवाब,सब को ढेरों बधाई
सादर नमन
got talent this post, very beautiful article bro, help for hindi
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