निवेदन।


फ़ॉलोअर

गुरुवार, 25 अक्तूबर 2018

1196....अगर कहीं तुम मिल जाओ तो...


सादर अभिवादन। 

आस्था के जटिल प्रश्नों  
और अंध धार्मिकता से परे  
कोई पसीना बहा रहा है 
जोत रहा है खेत
कोई ले रहा है साँस में 
पत्थर-क्रशर की महीन रेत   
किसी के बेहतर कल के लिये
कोई उतर रहा है 
मज़बूरन सीवर में
अपने अबोध बच्चों के 
अनिश्चित कल के लिये.......!!!  

आइये अब आपको चाँद पर सृजन के विविध रगों से परिचय कराते हैं। शरद पूर्णिमा का चाँद हमारे सांस्कृतिक, धार्मिक एवं साहित्यिक सरोकारों में रचा-बसा है-



कल छल कल मधुर राग सुनावत
हिम गिरी  रजत  सम  दमकत
शरद स्वागतोत्सुक मंयक की
आभा अपरिमित सुंदर श्रृंगारित
शोभा न्यारी अति भारी सुखकारी।
             


अगर कहीं तुम मिल जाओ तो
कह दूँ जो मुझको कहना है 
या फिर उस वादे की खातिर
अपने नयन भिगो लूँ ? बोलो !!!




गोरी के  तरसे   नयन  पिया  बिन -
धीरज  पाते   तुझसे अपार ; 
तुझमे छवि पाती श्याम - सखा की 
खिल खिल  जाता  रे मन का  कमल !!
ओ शरद पूर्णिमा के शशि नवल !!!!!!!!




मुक्ता मणि सी शीतल चाँदनी 
झर झर बरसी पूरी रात 
खग मृग वृंद जड़वत है गये 
वर्णि ना जाये शोभा आज !



जमना तट कंदब वट झुरमुट,
नेह बरसे मधु अंजुरी भर-भर।
बिसराये सुध केशव-राधा,
रचे रास मधुकुंजन गिरधर।


My photo

धरा-गगन की मूक मनुहार
एक-दूजे को रहे निहार
ह्रदय से होती ह्रदय की बात
लगती प्यारी-मनोहारी आज ....

ज्वलंत बिषयों पर आदरणीया अपर्णा बाजपेयी  जी का नज़रिया कुछ इस तरह होता है जैसे जीवित मछली धारा के विपरीत तैरती है -



राधे! आज मंदिर की शीतल सिला पर
सुकून की सांस लो,
सृष्टि की अनुगामिनी हो,
लाज का नहीं, गर्व का कारण है ये,
रजस्वला हो,





 घोषणा इस प्रकार थी विश्वजीत सिंह ने अपने पूरे होशो-हवास में अपनी चल-अचल संपत्ति को वृद्धाश्रम चलाने वाली संस्था को दान में दे दी है और तुम लोगों के पास एक महीने का वक्त है इस घर को खाली करने का एक महीने बाद संस्था यहां वृद्धाश्रम चालू करेगी।



 


हमक़दम के विषय के लिए
यहाँँ देखिए

आज बस तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 

शुक्रवारीय प्रस्तुति - आदरणीया श्वेता सिन्हा जी

रवीन्द्र सिंह यादव 

12 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात...
    बेहतरीन प्रस्तुति
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभप्रभात सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाएं बहुत सुंदर है सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई मेरी कहानी को स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार रवीन्द्र जी

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत खूबसूरत प्रस्तुति रवींद्र जी।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर संकलन सभी चयनित रचनाकारों को बधाई

    जवाब देंहटाएं
  5. सारगर्भित भूमिका के साथ बेहद सुंदर मनमोहक और सराहनीय रचनाएँ है आज के अंक में।
    आदरणीय रवींद्र जी बहुत बधाई एक सुंदर संग्रहणीय संकलन के लिए।
    सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है।

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर प्रस्तुति रवींद्र जी, आभार, इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  7. शानदार प्रस्तुतिकरण उम्दा पठनीय लिंक्स.....

    जवाब देंहटाएं
  8. मानवीय संवेदनाओं को स्पर्श करती प्रभावशाली भुमिका।
    सुंदर रचनाओं का संकलन, सुंदर लिंक, मेरी रचना को सामिल करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया। सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...