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बुधवार, 17 अक्टूबर 2018

1188...उत्सव प्रिय: खलु मनुष्या अर्थात मनुष्य उत्सव प्रेमी होते हैंं..


।।प्रात:वंदन।।

नवरात्रि के दौरान ये देखना

 खासा मजेदार है कि उत्तर भारतीय निर्लिप्त भाव से शाकाहारी हो जाते है जबकि बंगाली 
मांसाहारी व्यंजनों के तलाश में पंडालों की ओर लपकते है। हिंदुत्व बहुत विविधतापूर्ण है।

इसके लिए देवी का आभार।

देवदत्त पटनायक

यही विविधता हमारी खूबसूरती भी है।

उत्सव प्रिय: खलु मनुष्या अर्थात मनुष्य उत्सव प्रेमी होते है।

इन्हीं सबों के बीच अब नजर डालते हैंं आज की लिंकों पर..✍

🎆


तुम नही समझोगे कि

कब मैंने गुजरते तुम्हारे लम्हो से,
हमारे लिए कुछ लम्हे चुरा कर साथ,
जीना क्या होता है...
तुम नही समझोगे कि..
🎆


ब्लॉग क्रांति स्वर..इन्द्र - अहल्या, कृष्ण - राधा जैसे प्रसंग उत्तरदाई हैं महिला उत्पीड़न के 

जब किसी समाज को ध्वस्त करना होता है तब उसके पूर्वज महापुरुषों के चरित्र - हनन की कहानियाँ गढ़ी जाती हैं। ऐसा ही विदेशी शासन - काल में भारत में भी हुआ था। पुराणों के माध्यम से विदेशी शासकों ने यहाँ के पोंगा - पंथियों  द्वारा जनता को भ्रमित करके विकृत ज्ञान दिलवाया था। चंद्रमा जो पृथ्वी का छाया ग्रह है को मुर्गा बन कर बांग देने का वर्णन प्रक्षेपित कराया गया है जिसके अनुसार इन्द्र..

🎆


बड़ा अच्छा धंधा है, शिक्षा का न फंदा है।

न ही कोई परीक्षा है, लेनी बस दीक्षा है।

बन जाओ किसी बाबा के चेले।

नहीं रहोगे तुम कभी अकेले।

इस धंधे में मिली हुई सबकोआजादी

कोई कितना बड़ा चाहे हो अपराधी..

🎆



छन्दों का जिनको नहीं, लेशमात्र भी ज्ञान।

नहीं परोसें छन्द में, निज मन का विज्ञान।।

छन्द नहीं जो जानते, सुन लो एक सुझाव।

मुक्तछन्द में ही रचो, निज मन के अनुभाव।।

गणना अक्षर-शब्द की, होती है क्या चीज।

छन्दों की कैसे भला, होगी उन्हें तमीज।।

🎆


बुखार ... खुमारी ... या जंगली गुलाब ...

बेहोशी ने अभी लपेटा नहीं बाहों में

रुक जाती है रफ़्तार पत्थर से टकरा कर 
जाग उठता है कायनात का कारोबार
नींद गिर जाती है उस पल
नींद की आगोश से...
🎆
साफ साफ 
हर जगह का 
हर रंग का 

नशे का गणित 
बेहोशी का गणित 
होश का गणित 

पढ़ने का गणित 
पढ़ाने का गणित 
पढ़वाने का गणित 
लिखने का गणित 
लिखवाने का गणित 

🎆

हम-क़दम के इक्चालीसवें क़दम
का विषय...
यहाँ देखिए.

🎆

।।इति शम।।
धन्यवाद

पम्मी सिंह 'तृप्ति'..✍


16 टिप्‍पणियां:

  1. वेहतरीन प्रस्तुति
    साधुवाद
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात,
    वाह
    बहुत आनंदमयी प्रस्तुती
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  3. शुभ प्रभात सखी

    सुन्दर प्रस्तुती

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, बेहतरीन रचनाएं, सभी चयनित रचनाकारों को बधाई मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए आपका सादर आभार पम्मी जी

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर प्रस्तुति पम्मी जी सुन्दर रचनाएं सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह ... लाजवाब हलचल आज की
    आभार मुझे शामिल करने के लिए आज की हलचल में ...

    जवाब देंहटाएं
  7. बेहतरीन प्रस्तुतिकरण उम्दा लिंक संकलन...

    जवाब देंहटाएं
  8. बढ़िया अंक। आभार पम्मी जी आज की हलचल में 'उलूक' के गणित और हिसाब को स्थान देने के लिये।

    जवाब देंहटाएं
  9. वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति पम्मी जी भुमिका बहुत लुभावनी है सभी रचनाऐं उत्कृष्ट,रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  10. सांस्कृतिक विविधता ही हमारी पहचान है. सुन्दर प्रस्तुति आदरणीया पम्मी जी द्वारा. बधाई.
    रचनाओं का प्रसंशनीय चयन.
    सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवम् शुभकामनाएं.

    जवाब देंहटाएं
  11. जय माता की🙏
    अनोखे अंदाज़ में लिखी गयी भूमिका ध्यान आकृष्ट कर रही है पम्मी जी...यही विविधतापूर्ण संस्कृति भारत की विशिष्ट पहचान है।
    रचनाओं पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाये हैं हम पर सभी रचनाएँ बहुत अच्छी है।
    सभी रचनाकारों को बहुत बधाई और शुभच्छायें भी।

    जवाब देंहटाएं

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