भी पल एक जैसा नहीं होता है।
जी सके जिसमें रोटी,कपड़ा और छत की सुविधा हो। पर यह सब
इतना आसान तो होता नहीं न, अपनी साधारण इच्छाओं की पूर्ति
के लिए अनेक उद्योग करता मनुष्य कभी जरुरतों की उलझन,
कभी भावों की उलझन, खोने-पाने की उलझन ,आजीवन उलझन
के धागों को सुलझाते खट्टे-मीठे अनुभवों को जीता हुआ
जीवन का हर पड़ाव पार करता है।
क्रम में कर्म के चक्रव्यूह में,सवाल जवाब की पहेलियों में पिसकर
जो भाव या हालात उत्पन्न होते हैं उसे ही उलझन, चिंता,
असमंजस कहते हैं।
रचनाकार भला कैसे पीछे रहते।
विषय कोई भी हो उनकी लेखनी से निसृत भावों की सरिता
मन को शीतल कर जाती है।
आइये पढ़ते है आपकी लिखी हुई रचनाएँ-
टेढ़े मेढ़े रास्तों पर मंजिल के निशां मिले,
खारेपन में कोई तलब रही होगी वर्ना यूँ,
उलझनों में उलझी गंगा ढूं ढे न सागर के निशां,
जो भाव या हालात उत्पन्न होते हैं उसे ही उलझन, चिंता,
जवाब देंहटाएंअसमंजस कहते हैं।
सुंदर रचनाएं और खूबसूरत प्रस्तुति
कभी कभी उलझने यूँ भी राह दिखलाती है कि मानव बुद्ध बन जाता है। स्वयं के विकल मन को ही वह न सिर्फ शांत करता है, वरन् अनेकों के लिये प्रकाशपुंज बन जाता है,उलझने बढ़ती है तो मानव यदि उचित चिंतन करे तो सृष्टि का हर रहस्य प्रत्यक्ष हो जाता है, फिर वह संत हो जाता है। उलझने सैदव राह दिखलाती है.. वह तो एक सामान्य इंसान को जमीन से उठा एक ऐसा रचनाकार भी बना सकती है, जो अपनी लेखनी से कुछ खास लिख जाता है।
बहुत ही
जवाब देंहटाएंखूबसूरती से
सुसज्जित किया है
इन रचनाओं को
साधुवाद
सादर
उलझन
जवाब देंहटाएंमकड़जाल
कहाँ निकल पाते हैं
–जो चित्त चंचल हो
सुंदर संकलन
शुभ प्रभात आदरणीया
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर संकलन,
सभी रचनाकारों को हार्दिक बधाई
मेरी रचना को स्थान देने हेतु आपका अति आभार
खुबसुरत रचनाओं से सजी आज की ये हलचल लाजवाब है.
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकार बधाई के पात्र
"किसी गद्य या पेराग्राफ को छोटी छोटी पंक्तियों में बांट देना कविता सृजन नहीं"
वाह!!श्वेता ,बहुत खूबसूरत संकलन । मेरी रचना को स्थान देने हेतु बहुत बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार श्वेता जी मेरी रचनाओं को स्थान देने के लिए बहुत सुंदर हलचल प्रस्तुति शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंहमेशा की तरह व्यापक विषय वस्तु के साथ सुंदर प्रस्तुति, उलझन उधर्वमुखी हो तो आंइस्टाईन बनाती है अधोमुखी हो तो पतन और अंतरमुखी हो तो महावीर बनाती है।
जवाब देंहटाएंऔर एक साधारण श्रेणी भी है आम मानव की जो रोज जूझता है उलझनों से छोटे छोटे हल ढ़ूढता है और जीवन के पथ पर चलता रहता है निरंतर अगली उलझन को सुलझाने के लिये।
सभी रचनाकारों के व्यक्तिगत भावों से सुसज्जित सुंदर रचनाऐं,
सभी रचनाकारों को बधाई
एक बात की अत्यन्त खुशी हुई आज का अंक देखकर कि हमारा पुरुष वर्ग उलझनों से परे है सारी उलझने प्रभु ने समर्थ नारी वर्ग को दी है जो सुघडता से निपट लेती है😆।
मेरी रचनाओं को स्थान देने का तहेदिल से शुक्रिया।
सस्नेह।
प्रिय कुसुम बहन -- आपकी बात से सहमत हूँ पर नारी मन कोमल भावुक - हर उलझन कहने को आतुर और आदरणीय पुरुष वर्ग की उलझने सुलझाने के लिए भी नारी शक्ति को ही अदम्य साहस प्रदान किया है ईश्वर ने 😆| हर मोर्चे पर डटी है |
हटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुन्दर सोमवारीय हमकदम अंक। आभार श्वेता जी 'उलूक' की पुरानी कतरन 'यूज ऐंंड थ्रो करना आना भी बड़ी बात है' को स्थान देने के लिये।
जवाब देंहटाएंवाह.. बहुत सुंदर प्रस्तुति उलझन की। सभी की रचनात्मक शैली विशेष है बहुत बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद।
बहुत ही सुन्दर संकलन उलझनों से सुलझनों की
जवाब देंहटाएंओर प्रेरित करता हुआ । जीवन की परिवर्तन शीलता
का सबसे बड़ा रास्ता उलझनों में से ही निकलता है ।धन्यवाद श्वेता जी प्रस्तुति के लिए और आभार मेरी
रचना को स्थान देने के लिए 🙏
बहुत ही सुन्दर संकलन आज का ! सभी रचनाएं अत्यंत हृदयग्राही ! मेरी रचना के चयन के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार श्वेता जी ! बड़ी खूबसूरत प्रस्तुति आज की !
जवाब देंहटाएंवाह श्वेता जी. कितनी खूबसूरत उलझनें हैं !
जवाब देंहटाएंजोश साहब ने मिर्ज़ा ग़ालिब के अंदाज़ में अपना पहला शेर कहा था -
हाय, मेरी मुश्किलों, तुमने भी क्या धोखा दिया,
ऐन दिलचस्पी का आलम था कि, आसां हो गईं.
आपकी उलझनों में भी जब हमको लुत्फ़ आने लगा तो वो ख़त्म हो गईं. गब्बर सिंह के शब्दों में - 'बहुत नाइंसाफ़ी है.'
प्रिय श्वेता -- हमेशा की तरह नियत विषय पर आपकी लघुनिबंधात्मक भूमिका के साथ हमकदम का शानदार चालीसवां अंक बहु मनभावन है | उलझन विषय पर अद्भुत सृजन| हमेशा की तरह सभी सहभागियों ने बहुत उम्दा रचनाएँ लिखते हुए अतुलनीय भूमिका निभाई | सभी को सस्नेह शुभकामनायें और बधाई |मेरी छोटी सी रचना को स्थान देने हेतु आभारी हूँ | आपको सुंदर प्रस्तुतिकरण के लिए बधाई के साथ मेरा प्यार |
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंलाजवाब प्रस्तुति करण....बहुत ही सुन्दर उलझने...
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को हार्दिक बधाईएवं शुभकामनाएं।