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शनिवार, 2 सितंबर 2023

3868... हिन्दी की महत्ता

एक राष्ट्र में हो एक राष्ट्रभाषा

हिन्दी है हिंदुस्तान की परिभाषा

बस हिन्दी पर बड़ी-बड़ी बातें हैं

पता कर लो सभी की औकातें हैं

  हाज़िर हूँ...! पुनः उपस्थिति दर्ज हो...   

शुरू है हिन्दी माह अकबर के दरबार के नौं रत्नों में एक थे रहीम, अवधी और बृज दोनों भाषा में लिखते थे। उनकी रचनाओं में कई रस मिलते हैं। उनके लिखे दोहे, सोरठे और छंद बेहद मशहूर हैं। रहीम मुसलमान थे और कृष्ण भक्त भी। रहीम ने बाबर की आत्मकथा का फ़ारसी में अनुवाद भी किया था।

बटुकदत्त से कह रहे, लटुकदत्त आचार्य

सुना? रूस में हो गई है हिन्दी अनिवार्य

है हिंदी अनिवार्य, राष्ट्रभाषा के चाचा-

बनने वालों के मुँह पर क्या पड़ा तमाचा

दोहरे मापदंड अपनाके

हिन्दी में चलचित्र बनाके

राजनीति में देशी भाषा

निजता में इंग्लिश बतियाके

छद्म भेष धर यूँ ना डोलो

कई भाषाओ को आश्रय देकर , 

कुनबा अपना बढ़ा रही ।

बोलने, पढ़ने, लिखने में जचती ,

ऐसी मधुर आवाज है हिन्दी ।।

हिन्दी  भाषा नहीं भावों की अभिव्यक्ति है,

यह मातृभूमि पर मर मिटने की भक्ति है।

सम्मानित हमारी राष्ट्रभाषा,

हम सबकी है यही अभिलाषा।

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पुनः भेंट होगी...
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2 टिप्‍पणियां:

  1. हिंदी भाषा क सूक्ष्म विवेचन
    आभार
    सादर वंदे

    जवाब देंहटाएं
  2. ज्ञानवर्धक लेख और अति सुंदर रचनाओं से सुसज्जित आज का अंक बेहद सराहनीय है।
    कितनी अजीब बात है जिस हिंदी के समर्थन में नारे देते नहीं थकते हम,हिंदी की दुर्दशा का गाना गाते कंठ अवरुद्ध हो जाते हैं उसी पर आधारित अंक हिंदी प्रेमी पाठकों से वंचित है।
    जी दी आपका निरंतर प्रयास प्रेरणादायक है।
    सस्नेह प्रणाम दी
    सादर।।

    जवाब देंहटाएं

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