सादर अभिवादन,
समय का पहिया निरन्तर गतिमान है अपनी धुरी पर…
दिन के बाद रात और रात के बाद दिन…
"पाँच लिंकों का आनन्द" की प्रस्तुति हर दिन की तरह आज
भी आपके सम्मुख पेश है अपने चयनित लिंकों के साथ..
"दीदी पापा की मौत , तुम्हारी शादी और मेरे हॉस्टल जाने के बाद अब माँ अकेली ही तो रह गयी हैं। पिछली बार छुट्टियों में घर आया तो कामवाली आंटी ने बताया की वो किसी- किसी दिन कुछ भी नहीं बनाती। चाय के साथ ब्रेड खा लेती हैं या बस खिचड़ी। पूरे दिन अकेले उदास बैठी रहती हैं। तब उन्हें रोज ढंग का खाना खिलवाने का यही तरीका सूझा। मुझे फोटो भेजने के चक्कर में दो टाइम अच्छा खाना बनाती हैं। फिर खा भी लेती हैं और इस व्यस्तता के चलते ज्यादा उदास भी नहीं होती। "
नील नभ के पार कोई
मंद स्वर में गुनगुनाता,
रूह की गहराइयों में
गीत कोई कसमसाता !
मेरी अम्मा तो (मैं नानी को अम्मा कहती थी ) मुझसे नाराज नहीं हो सकतीं ,जैसे कि गुड्डन और नीरू के घरवाले उन पर होते रहते हैं ,' मुझे यकीन था .मेरा यकीन निराधार भी नही था . जहाँ तक मुझे याद है, पहले नाराज होना तो दूर मैंने अम्मा की आँखों में हल्की सी
रुखाई तक न देखी थी . ऐसे कितने ही मौके आए जब वे नाराज हो सकतीं थीं बल्कि उन्हें नाराज होना ही चाहिये था , पर नहीं हुई . मिसाल के तौर पर एक घटना बताना काफी होगा क्योंकि वह मेरी सचमुच बहुत बड़ी गलती थी ।
डूबा जल में
सुलगता भास्कर
दहकी झील !
फैला चार सूँ
धरा से नभ तक
पिघला सोना !
काश कि उस अँधेरे में
मैं यह समझ पाता
हर दुख के बाद
सुख अवश्य आता।
सुख का प्रकाश
सबको है लुभाता।
पर सच यह है -
सुख- दुख का परचम
सिक्कों के दो
पहलू सा लहराता।
हम-क़दम का नया विषय
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आप सब का दिन मंगलमय हो…
मीना भारद्वाज
व्वाहहहह...
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति..
साधुवाद...
सादर..
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंसादर
शानदार संकलन
जवाब देंहटाएंसुन्दर संकलन
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति के साथ आज का संकलन।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअति उत्तम प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही चुनिन्दा रचनाओं का चयन आज के अंक में ! मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत धन्यवाद एवं आभार मीना जी ! शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंआज की सभी रचनाएं पढ़ीं . सुन्दर संकलन है . मेरी रचना को भी शामिल किया गया है. धन्यवाद मीना जी .
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति मीना जी सभी रचनाएं एक से बढ़कर एक ।
जवाब देंहटाएंसभी रचनाकारों को बधाई।
बहुत सुंदर और सार्थक रचनाओं से सजी आज की प्रस्तुति अच्छी लगी मीना दी।
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