आपके प्रिय साहित्यिक ब्लॉग पर कुछ रचनाओं के सूत्र
आपके समक्ष प्रस्तुत हैं --
पूर्व दिशा की अरूणोदय लालिमा और पक्षियों के
कलरव की मनमोहक गुंजन के साथ ---
आज की प्रस्तुति हमारी प्रथम प्रस्तुति है सारी गलतियाँ हमारी और शाब्बाशी हमारी टीम की है
ये रिश्ते ....
हल्की सी ठेस तोड़ जाती पल में काँच से रिश्ते कटु वचन छुईमुई से सच्चे शर्मिन्दा रिश्ते गुस्से की आँधी टहनी से झरते फूलों से रिश्ते
-*-*-*-*- अब बारी है विषय की चौहत्तरवें अंक का विषय विषय
उजाला उदाहरण..
न कोई मीत मिले तो फ़क़ीरी कर ले जलती शमा को बुझा के जुदाई सह ले मिलती नहीं खुशियाँ तन्हाई जब होती स्याह रातों में ग़मों से फिर दोस्ती कर ले लोग ऐसे भी हैं उजाले में नहीं दिखते आज़माएँ उनको भी ग़र अँधेरा कर ले रचनाकार-श्री शशि गुप्त शशि
-*-*-*-*-
मेरा परिचय
मैं मीना भारद्वाज
जन्म और उसके बाद अध्ययन अध्यापन में जीवन का
अधिकांश समय पिलानी (राजस्थान) में ही बीता । फिलहाल
अपने परिवार सहित निवास स्थान बैंगलुरु (कर्नाटक) है ।
फुर्सत के पलों की रिक्तता भरने में किताबों से अधिक
गहरा मित्र भला कौन हो सकता है ? किताबों की दुनिया
मुझे बेहद प्रिय है । शैली चाहे गद्य हो या पद्य लिखना और
पढ़ना मेरे जीवन का अटूट हिस्सा है जो
मुझे पूर्णता प्रदान करता है ।
मीना भारद्वाज
हम अपने "ब्लॉग पाँच लिंकों का आनन्द" में
आपका स्वागत करते हुए उनके
उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं
उनका लेखन स्वस्थ और सुन्दर हो
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंउव्ववाहहहह...
बेहतरीन प्रस्तुतिकरण..
शुभकामनाएँ.. सू-स्वागतम्
सादर...
शुभ प्रभात !
जवाब देंहटाएंआपके भावभीने स्वागत और शुभकामनाओं का हृदय की गहराईयों से आभार...
पाँच लिंकों का आनन्द के सम्पूर्ण परिवार का भी हृदयतल से सादर आभार ।
बेहतरीन प्रस्तुति सभी चयनित रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंशानदार प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंइस नयी चर्चाकारा की भूमिका के लिये बधाई एवम शुभकामनाएं मीना जी और आभार 'उलूक' की बकबक को शीर्षक में देकर सम्मानित करने के लिये।
जवाब देंहटाएंस्व परिचय के साथ सुंदर लिंकों का चयन बहुत बहुत बधाई मीना जी चर्चाकार के रूप में आपका हृदय तल से स्वागत ।
जवाब देंहटाएंभुमिका में आपके अकिंचन के भाव आप को और भी उत्कृष्टता प्रदान करते है ।
शानदार प्रस्तुति।
आज के अंक में शामिल सभी साथियों को बधाई . सभी रचनाएं बेहतरीन हैं .. उलूक टाइम्स तो समय का रुझान बताता ही रहता है ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर एवं मनभावन प्रस्तुति मीना जी ! आपकी शैली मन को लुभा गयी ! सुन्दर रचनाओं का चयन किया आपने ! मेरी रचना को इस अंक में सम्मिलित करने के योग्य समझा हृदय से आभारी हूँ ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंआपका हार्दिक स्वागत और बधाई मीना जी। पहली बार में ही आप बहुत सुंदर प्रस्तुति लेकर आई हैं। 'हलचल' के गौरवपूर्ण मंच से जुड़ना अपने आप में एक उपलब्धि है।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएं सभी।बधाइयां
जवाब देंहटाएंसुस्वागतम मीना दी।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर और सुगढ़ प्रस्तुति है सराहनीय संयोजन है।
प्रथम प्रस्तुति की बधाई और मेरी अशेष बधाई स्वीकार करें।
सादर।
प्रिय सखी मीना जी, हार्दिक अभिनंदन है आपका पांच लिंकोकी चर्चाकारा के रूप में। ये नयी भूमिका आपके लिए अत्यंत शुभता भहो और इसके माध्यम से आप यश अर्जित करे ,मेरी यही दुआ और कामना है। इस मंच से हम पाठकों की गहरी भावनायें जुडी हैं। इससे जुड़ना अपने आप में गर्व की अनुभूति करवाता है आज के सभी रचना कारों को हार्दिक बधाई। आपको एक बार फिर बधाई। शुभकामनाओ के फूल आपके लिए। 💐💐🌹🌹🌹💐🌹💐💐इसके साथ मेरा प्यार। 😊😊
जवाब देंहटाएंआपका सनेह और शुभकामनाएं अनमोल हैं रेणु जी हृदयतल से आभार 🙏🙏 आपके स्नेह ने यह अवसर दे दिया कि मैं आपके साथ मंच के सभी आदरणीय सदस्योंं के उत्साह वर्धन का हृदय की गहराईयों से शुक्रिया अदा करती चलूं...आप सबका हौसलाअफजाई के लिए अत्यंत आभार🙏🙏
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जवाब देंहटाएंप्रिय मीना जी ,शशि भाई ने उनकी रचना से
हम कदम का नया विषय लेने के लिए यशोदा दीदी और पाँच लिंको को हार्दिक आभार भेजा है । वे गम्भीर रूप से अस्वस्थ हैं,सो ब्लॉग से दूर हैऔर यहाँ उपस्थित होने में असमर्थ हैं। उनकी रचना का लिंक भी खुल नहीं पा रहा। कृपया ध्यान दें।
शशि भाई जल्द स्वस्थ्य हों यह कामना करती हूँ । पहले मैं ब्लॉग से संबंधित समस्या समझ नही पाई थी लेकिन अब समझ गई कि रचना का लिंक नही खुल रहा... मैं प्रातः सखी यशोदा जी तक आपका संदेश प्रेषित करती हूँ ।
हटाएंवाह !बहुत ही सुंदर प्रस्तुति मीनाजी। बेहतरीन रचनाओं का संगम । आपकी पहली प्रस्तुति के लिए आपको हृदय तल से बधाई। निरंतर तरक्की की ओर अग्रसर हों ।विशेष शुभकामनाएँ।
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