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बुधवार, 1 मई 2019

1384..जो वक़्त की बिसात ..


।।प्रातः वंदन।।
प्रिय यामिनी जागी।
अलस पंकज-दृग अरुण-मुख
तरुण-अनुरागी।


खुले केश अशेष शोभा भर रहे,
पृष्ठ-ग्रीवा-बाहु-उर पर तर रहे,
बादलों में घिर अपर दिनकर रहे,
ज्योति की तन्वी, तड़ित-
द्युति ने क्षमा माँगी..!!



सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
〰️〰️





आज शुरुआत अमित मिश्रा जी की खूबसूरत रचना जो  सारगर्भिता से परिपूर्ण है..जरूर पढ़ें✍
जो वक़्त की बिसात पे 
तू हौसले बिछाएगा
फ़लक नही है दूर फिर 
सितारे तोड़ लाएगा
आँधियों के वेग में 
अडिग खड़ा रहा अगर..

〰️〰️


पंकज प्रियम जी की भावाभिव्यक्ति.. 



तू किसी और के जो अब पास है
मेरा मन इसलिए बहुत उदास है।



देख लेना झांक कर तुम अंदर
दिल मेरा भी तुम्हारे ही पास है।



तेरा दावा की नूर छीन लिया मैंने
मेरा भी चैन तुम्हारे आसपास है।..

〰️〰️


आदरणीय अजित गुप्ता जी के 
समसामायिक विषय पर विचार
एक जमाना था जब अंगुली पर स्याही का निशान लगने पर मिटाने की जल्दी रहती थी लेकिन एक जमाना यह भी है कि अंगुली मचल रही है, चुनावी स्याही का निशान लगाने को! कल उदयपुर में वोट पड़ेंगे, तब जाकर कहीं अंगुली पर स्याही का पवित्र निशान लगेगा। देश में लोकतंत्र है, इसी बात का तो सबूत है यह निशान! सदियों से मानवता लोकतंत्र के लिये तड़पी है..

〰️〰️


संस्कारों का पहन गहना 
बड़ी  शान  से चलने लगी 
समेटे होठों की मुस्कान
 गीत प्रीत के गाने लगी 
इंतज़ार में सिमटते दिन
 वही रात गुजरने लगी


〰️〰️


अब मैं कुसुम कोठारी जी की रचना के साथ थमती हूँ
 शीर्षक है..



निशिगंधा की भीनी
मदहोश करती सौरभ
चांदनी का रेशमी
उजला वसन
आल्हादित करता
मायावी सा मौसम
फिर झील का अरविंद
उदास गमगीन क्यों
सूरज की चाहत

〰️〰️
हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए
〰️〰️



।।इति शम।।
धन्यवाद
पम्मी सिंह 'तृप्ति'..

12 टिप्‍पणियां:

  1. व्वाहहहहह..
    बेहतरीन रचनाएँ पढ़वाई आपने
    मजदूर दिवस पर शुभकामनाएं
    सादर...

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति 👌
    बेहतरीन रचनाएँ, मुझे स्थान देने के लिए तहे दिल से आभार प्रिय सखी पम्मी जी
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह!!सुंदर प्रस्तुति!!मजदूर दिवस पर शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुंदर संकलन प्रिय पम्मी जी। सभी सूत्र देखे बहुत ही शानदार और पठनीय ।सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनाएं। अभी किसी पर भी लिखा नही है। शाम तक जरूर लिखूँगी। सभी को सुप्रभात और अभिवादन। आपको हार्दिक बधाई इतने सुंदर अंक ढूढ़ ने के किए। शुभकामनाओं के फूल आपके व। 💐🌹🌷💐

    जवाब देंहटाएं
  5. हार्दिक बधाई उम्दा संकलन
    मजदूर दिवस की शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  6. सुंदर प्रस्तुति....मेरी रचना को शामिल करने के लिए हार्दिक आभार आपका

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत ही सुंदर मनमोहक भूमिका की पंक्तियाँ.. वाहह्हह..
    सभी रचनाएँ बहुत अच्छी हैं..सुंदर प्रस्तुति पम्मी जी।

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर संकलन!!! बधाई और आभार!!!!

    जवाब देंहटाएं
  9. बहुत सुंदर प्रस्तुति सभी रचनाकारों को बहुत बहुत बधाई

    जवाब देंहटाएं
  10. बहुत सुंदर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं

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