जय मां हाटेशवरी......
सादर अभिवादन......
भारत में हर तरफ कमल खिल गया.....
भारतीयों के दिलों में कब कमल खिलेगा?....
सूरत की घटना से मन बहुत आहत है.....
माता-पिता अपने बच्चों के लिये.....
क्या-क्या ख्वाब नहीं देखते.....
अपनी खुशियों का गला घोटकर....
अपने बच्चों की खुशियां पूरी करते हैं.....
सूरत की जैसी घटनाओं में.......
जिनके लाल हमेशा के लिये सो जाते हैं.....
सोचो उन पर क्या गुजरती होगी.....
सूरत हादसा .... भावभीनी श्रद्धांजलि...
व्यवस्था की अनदेखी ने
बनने दिया था उनके लिए
लाक्षागृह जिसमें नहीं था कोई गुप्तद्वार
वे जलते रहे और मुंहचुराती रही व्यवस्था
गाँव पर कविता
वह छोड़ता ही नहीं मुझे,
या शायद मैं ही नहीं छोड़ता उसे.
अकसर ख़यालों में
मैं अपने गाँव पहुँच जाता हूँ,
शहर में बैठकर
मैं गाँव पर कविता लिखता हूँ.
बोनसाई
साथ ही
महंगाई और कमी की कैंचियाँ
कतरती रहती है
जिंदगी की खुशियाँ
बीतते समय व दिनों के साथ
ढूंढे रहे
कुछ कुछ
सब कुछ
आखिर कभी तो जियेंगे
बिना किसी हिदायतों के
अधूरे ख्वाब
यूँ ही रहे गर्दिशों में, बेरहम वक्त के रंजिशो में,
उभरते से रहे, वो ही तस्वीरों में,
एक अक्श है, वही निगाह है...
संसृति की मादकता
कण कण में स्वयं को
खोकर संसृति की मादकता
में झूमती हुई उनके अलौकिक
स्नेह बंधन में बंध घुल गई थी
जो चाँद मुझे भेंट कर गया था.
यह रिश्ता
यह रिश्ता है
आँख झपकते ही जुड़ जाएं
पलकों से आँसूं गिरे !
*
वक्त ...
मोबाइल टेबल पर रखते हुए मैं सोच रही थी -- उम्र भर के नेह और आठ बरस के बिछोह के हिस्से में केवल एक-आध दिन । ---- 'आजकल वक्त बहुत कीमती हो गया
है शायद ।'
आज के लिये बस इतना ही.....
धन्यवाद।
शुभ प्रभात भाई कुलदीप जी
जवाब देंहटाएंअश्रुपूरित श्रद्धांजलि..
अच्छी प्रस्तुति
सादर...
उम्दा प्रस्तुति । सूरत हादसे से हृदय व्यथित है ..., विनम्र श्रद्धाजंलि ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंसूरत हादसे से हृदय व्यथित है कलेज़े के टुकड़ों को विनम्र श्रद्धाजंलि|
सादर
हादसे से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। लगामें जरूरी हैं लगना लालचों के कारोबारों पर।
जवाब देंहटाएंस्तब्धता में जड़ता है
जवाब देंहटाएंअश्रुपूरित श्रृद्धांजलि ,उन सभी खिलते पुष्पों को ,जो असयय ही मुरझा गए 🙏🙏🙏🙏
जवाब देंहटाएंकुछ समय बीतेगा ,बिसर जाएगी बातें ।
ये लालच का कारोबार यूँ ही चलता रहेगा ।
कोई प्रस्तुति और कोई पोस्ट कितनी भी उम्दा हो आज सूरत हादसा दिल से नही निकल रहा अश्रु पुरित श्रद्धांजलि 🙏
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा संकलन।
सभी रचनाएं पठनीय।
सभी रचनाकारों को बधाई।
दिवंगत मासूमों को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि।
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंमौसम आएंगे जाएंगे
वे ना वापिस आएंगे
घर आंगन में नौनिहाल
अब ना खिलखिलाएंगे !
गर्म हवा से भी न कभी
छूने दिया था जिन्हें
सोच ना था अव्यवस्था के
अग्नि कुंड उन्हें भस्म कर जायेंगे
अश्रु पूरित नमन दिवंगत अतमाओं को 🙏🙏🙏
अत्यंत भाव पूर्ण प्रस्तुति
।प्रिय कुलदीप जी हार्दिक शुभकामनाएं और आभार।