सभी को यथायोग्य
प्रणाशीष
अंत हाजिर हो जाता है ज्यूँ ही कुछ शुरू होता है
रोज बातें होती है ... प्रलय होगा
खूबसूरत दुनिया का अंत होगा
जब होगा तब होगा
कल होने वाली बात का आज क्यूँ चिंता करें और चर्चा करें
आज चर्चा करते हैं .....
वर्ष के अंत का ...
शुरू होने वाले जन्मदिन का
इस ब्लॉग पर लिंक बनते हुए एक साल पूरे हो जायेंगे
19 जुलाई 2016 को
मेरा बनाया अगला अंक
हैप्पी बर्थ डे मनाने के बाद आयेगा
एक अंत की चर्चा कुछ यूँ भी
अंत करण = ज़मीर की किरणें
मन, बुद्धि, अहंकार व चित्त
वश में रहे , ना तो हम सब
चारो खाने चित
आत्मविश्वास
कालिदास ने कुमारसंभवम में कहा है,
‘प्रायः प्रत्ययमाधत्ते स्वगुणेषूमादरः’
अर्थात् बड़े लोगों से प्राप्त सम्मान अपने गुणों में विश्वास उत्पन्न कर देता है।
ऐसे लोग वही कहते हैं जो जयशंकर प्रसाद जी ने चन्द्रगुप्त में कहा है,
“अतीत की सुखों के लिए सोच क्यों, अनागत भविष्य के लिए भय क्यों,
और वर्तमान को मैं अपने अनुकूल बना ही लूंगा, फिर चिंता किस बात की?”
~**समय**~
समय! कब रुका है किसी के लिए?
वो तो यूँ गुज़र जाता है...
पलक झपकते ही!-
मानो सीढ़ियाँ उतर जाता हो कोई,
तेज़-तेज़,
छलाँग लगाते हुए -
धप! धप! धप! - और बस!-
यूँ गुज़रता है समय!
प्रेम
जब तक सांस है तब तक सबका साथ है
जन्म-जन्म के साथी निस्वार्थ भाव से
करते हैं हम सबको
प्यार बिना शर्तों के
कुछ बोल दे बादल
क्षार सा खारा जल तू पीता,
जिह्वा से तेरी बहता बस मीठा सा जल,
बूंदों में तेरी रचती गंगा-जमुना जल,
तू कितना प्यारा कितना अनमोल बादल,
बोल दे, तू भी कुछ तो दे बोल बादल!
जयपुर की सैर
वाह !!! सब को जैसे पंख लग गए , हम हवा से बाते करने लगे ,
फटाफट सब कपड़े वगैरा निकालने और सजने - सवांरने लगे ,थोड़ी देर पहले फैली ख़ामोशी टूट गई ।
ठीक 6 बजे राजीव अपनी गाडी के साथ प्रकट हुए और हम सब चल दिए
खेड़ापती बालाजी के मंदिर को देखने ...यह जयपुर शहर से 51 km दूर है
जयपुर के शानदार दरवाजो से गुजरती हुई हमारी कार जा रही थी रास्ते में बिड़ला मन्दिर ,
सिटी पैलेस ,हवामहल और जलमहल को पार् करते हुए हम पहुँच गए खड़े गणपति।।।
आज जन्मदिन
सुनो, सुनो, जो सबके जन्मदिन को याद दिलाते हैं, जो अखबारों में छपे हुए ब्लॉग की सूचना सामने लाते हैं, जो ब्लॉगिंग की छुपी हुई ट्रिक्स बताते हैं, जो आने वाले कल की तस्वीर दिखाते हैं और जो ज्ञान विज्ञान की खबरों को हमें सुनाते हैं, उन श्री श्री श्री पाबला जी का आज जन्मदिन है
फिर मिलेंगे ..... तब तक के लिए
आखरी सलाम
विभा रानी श्रीवास्तव
शुभ प्रभात दीदी
जवाब देंहटाएंसादर नमन
पहले वर्ष की अंतिम प्रस्तुति में
आपने जन्म दिन तो मना ही लिया
अच्छी व सटीक रचनाएँ चुनी
आपने आज को लिए
सादर
शुभप्रभात...
जवाब देंहटाएंआप का अंदाज सब से अलग है...
आदरणीय आंटी जी....
बहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति ..सफलता का एक वर्ष पूर्ण होने पर हार्दिक बधाई, शुभकामनाएं सभी सदस्यों को ..
जवाब देंहटाएं365 पूरे करने के लिये बधाई । तीन दिन बाद एक वर्ष भी होने जा रहा है । हलचल टीम को बधाई और शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंदीदी, मेरी कविता "कुछ बोल दे बादल" को यह सम्मान प्दान करने हेतु विशेष आभार।
जवाब देंहटाएंpurushottamjeevankalash.blogspot.com
सभी पाठक / कविगण यहाँ भी आमंत्रित हैं। आपका आशीष वाँछित व प्रार्थनीय है।
दीदी, मेरी कविता "कुछ बोल दे बादल" को यह सम्मान प्दान करने हेतु विशेष आभार।
जवाब देंहटाएंpurushottamjeevankalash.blogspot.com
सभी पाठक / कविगण यहाँ भी आमंत्रित हैं। आपका आशीष वाँछित व प्रार्थनीय है।