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शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

371...रास्ते मुश्किल सही मंजिलें खुशगवार रहें...


जय मां हाटेशवरी...

आज मन बहुत आनंदित है...
इतना आनंदित शायद पहली बार...
शायद आनंद अपने बस में नहीं है...


 जल्द ही बनने जा रहा है दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर. लेकिन आपको बता दें कि यह मंदिर भारत में नहीं बल्कि सात समंदर पार यहां से करीब दस हजार किलोमीटर दूर  America में बन रहा है. लगभग एक हजार करोड़ रुपये की लागत से न्यू जर्सी के राबिंसविल में बन रहा अक्षरधाम मंदिर, क्षेत्रफल के हिसाब से (162 एकड़) विश्व का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. अभी तक का सबसे बड़ा हिन्दू मंदिर तमिलनाडु के श्रीरंगम में 156 एकड़ में बना श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर है. यूं तो America में अक्षरधाम मंदिर कई शहरों में बने हैं जैसे एटलांटा, शिकागो, ह्यूस्टन, लॉस एंजिलिस सहित टोरंटो-कनाडा में भी यह मंदिर हैं लेकिन इसकी मूल
संस्था बोकसंवासी श्रीअक्षर पुरूषोत्तम स्वामी नारायण द्वारा गांधी नगर गुजरात और दिल्ली के यमुना तट पर बने मंदिर विशाल हैं. गुजरात गांधी नगर का अक्षरधाम मंदिर 23 एकड़ जबकि दिल्ली का 60 एकड़ जमीन में बना है. लेकिन बन रहा राबिंसविल का अक्षरधाम मंदिर न केवल इनसे बड़ा बल्कि विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है.

विश्व के सबसे बड़े अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कार्य साल 2010 में शुरू हुआ था और अगस्त 2017 में इसका विधिवत उद्घाटन होगा. 1830 में दिवंगत हुए संस्था के स्वामी नारायण भगवान को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 95 वर्षीय प्रमुख स्वामी महाराज की देखरेख में चल रहा है. चार मंजिले इस मंदिर में भारतीय की संस्कृति एंव इतिहास संबंधी म्यूजियम तथा युवा केंद्र का निर्माण भी किया जाएगा. संयुक्त रूप से यह मंदिर भारत के उत्तर में बने मंदिरों तथा दक्षिण भारतीय वास्तुकला पर आधारित है.

इसके पिलर्स पर महाभारत, रामायण तथा प्राचीन भारतीय संस्कृति संबंधी चित्र बनाए गए हैं. इस मंदिर के लिए दीवारों और पिलर में लगने वाली मूर्तियां राजस्थान के डुंगरपुर के संगवाड़ा व पिंडवाड़ा में 2000 कारीगरों द्वारा बनाई जा रही हैं. गौर हो इस भव्य मंदिर में सभी हिंदू देवी – देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गई हैं. संस्था के धार्मिक विद्वानों की आदमकद मूर्तियां भी लगाई गई हैं. मंदिर के जरिये भारतीय संस्कृति मुख्यत: प्रेमभाव, प्रार्थना, अहिंसा तथा नि:स्वार्थ सेवा का संदेश दिया जाएगा. बर्चवुड में रहने वाले उत्तराखंड एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ America के सचिव अमित पांडे कहते हैं कि न्यू जर्सी में भारी तादाद में भारतीय रहते हैं और यहां बहुत से मंदिर हैं लेकिन विश्व का सबसे बड़ा मंदिर यहां बनने से हम सब उत्साहित हैं.
अब चलते हैं आज की चयनित कड़ियों की ओर...

आखिर ये प्रश्न उठा ही क्यूँ ?
पर मैं ऑस्ट्रेलियन लोगों को विश्वास देती हूँ कि हम जो भी कर रहे है वो सिर्फ़ ऑस्ट्रेलिया के लोगों के हित में कर रहे हैं । हम यहाँ इंग्लिश बोलते है ना कि अरब ..
इसलिए अगर इस देश में रहना होगा तो आपको इंग्लिश सीखनी ही होगी ।
ऑस्ट्रेलिया में हम JESUS को भगवान मानते हैं, हम सिर्फ़ हमारे CHRISTIAN-RELIGION को मानते है और किसी धर्म को नहीं, इसका यह मतलब नहीं कि हम सांप्रदायिक है
अगर आपको हमारे ध्वज से, राष्ट्रीय गीत से, हमारे धर्म से या फिर हमारे रहन-सहन से कोई भी शिकायत है, तो आप अभी इसी वक़्त ऑस्ट्रेलिया छोड़ दें " । जूलिया गिलार्ड -

गज़ल (तुमने उस तरीके से संभारा भी नहीं होगा)
s400/cartoon-girl-looking-in-mirror-1313648                             
तुमसे दूर रह करके तुम्हारी याद आती है
मेरे पास तुम होगें तो यादों का फिर क्या होगा
तुम्हारी मोहनी सूरत तो हर पल आँख में रहती
दिल में जो बसी सूरत उस सूरत का फिर क्या होगा

फिर तुम्हारा साथ मिले न मिले - अनुषा मिश्रा
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आज जब मिले हो तुम मुझे
इतने सालों बाद तो
जी करता है कि आने वाले
हर पल को बिताऊं तुम्हारे साथ
तुम्हारेचेहरे को बसा लूं अपनी आंखों में

हूं मैं एक फूल सी..........तरसेम कौर
s320/tarsem-kaur
जैसा सांचा मिलता है
उसी में ढल जाती हूं
कभी मोम बनकर
मैं पिघलती हूं
तो कभी दिए की जोत
बनकर जलती हूं

कुछ नहीं तो दिल में बेकरारी पालो
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छुप कर ज़िन्दगी भी क्या जीना
जो हो सरे आम दोस्ती यारी पालो
सारे ख़ज़ाने यहीं मिट्टी में मिल जायेंगे
अपने लिए कुछ नहीं तो खुद्दारी पालो

रास्ते मुश्किल सही मंजिलें खुशगवार रहें...
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इबादत में है भला। लाओ अपने सारे चढ़ावे, सारी मन्नतें, व्रत, उपवास सब इन स्कूलों को मजबूत बनाने में लगाओ। बच्चों को प्यार करना, समझना, उनके साथ प्यार और
सम्मान से पेश आना सीखो। इस देश का भविष्य कैसे न जगमगायेगा फिर। वापसी में मौसम बहुत नर्म हो चला था...
ये पा उधर बढ़ें न जिधर तेरा घर नहीं
इस शह्र के हैं लोग अजब ही ख़याले ख़ाम
दुश्मन भी गर मिले तो मिले मातिबर नहीं
भड़केगी आग और हो जाएगा ख़ाक तू
आतिशजनी से होगा अलग अब भी गर नहीं


आज बस इतना ही...
हम तो मिलते ही रहेंगे...
कभी यहां
कभी वहां
धन्यवाद।
















6 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात भाई कुलदीप जी
    आभार
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. शुभ प्रभात
    प्रयास अकारथ नहीं गया
    बधाइयों के हकदार हैं आप
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति कुलदीप जी ।

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात
    आज सुबह ब्लॉग खोला तो दिखा रहा था कि ब्लाग रिमूव कर दिया गया है। विश्वास भी नही हुआ । लेकिन अब वापस से खुलने लगा ।
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति हेतु धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  6. हमेशा आश्चर्यचकित रह जाती हूँ
    सस्नेहाशीष संग अशेष शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं

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