निवेदन।


फ़ॉलोअर

बुधवार, 27 नवंबर 2024

4320..छांव में छिपे रंग..

।।प्रातःवंदन।।

 नये-नये विहान में

असीम आस्मान में-

मैं सुबह का गीत हूँ।

मैं गीत की उड़ान हूँ

मैं गीत की उठान हूँ

मैं दर्द का उफ़ान हूँ

मैं उदय का गीत हूँ

मैं विजय का गीत हूँ

सुबह-सुबह का गीत हूँ

मैं सुबह का गीत हूँ..!!

डॉ धर्मवीर भारती

बुधवारिय प्रस्तुतिकरण में शामिल रचना...✍️

सन् सत्तावन के बाद....

 क्या सन् सत्तावन के बाद किसी

सिहनी ने तलवार लिया नहीं कर मे

या माँ ने जननी बन्द कर दी

लक्ष्मीबाई अब घर-घर में..

✨️

लौटती नहीं नदियां

नदियां

नहीं निकलती

किसी एक स्रोत से 

कई छोटी बड़ी धाराओं के मिलने से

बनती है नदी

✨️

छांव में छिपे रंग


एक दिन तुम

गहरी नींद से जागोगे 

और पाओगे

मिथ्या, कल्पना जैसा कुछ नहीं होता,

जो सभी कुछ होता है, यथार्थ होता है।

✨️

कैंसर में जागरूकता जरूरी

आजकल एक पोस्ट बहुत वायरल हो रही है कि प्राकृतिक चिकित्सा से फोर्थ स्टेज का कैंसर ठीक हो गया। मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानती हूँ जिन्होंने अपना एलोपैथी इलाज बीच में छोड़कर आयुर्वेदिक या नेचुरोपैथी अपनाया और नहीं बच सके। मेरी राय है कि कैंसर पेशेंट को पहले किसी अच्छे डॉक्टर से पूरा इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन वगैरह जो वो बताएं वह करवाना चाहिए,

✨️

वक़्त

मैंने बचपन से कहा -

“चलो ! बड़े हो जाए !”

उसने दृढ़ता से कहा - 

ऐसा मत करना ! 

।।इति शम।।

धन्यवाद 

पम्मी सिंह 'तृप्ति'...✍️


5 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर लिंक्स. बधाई और हार्दिक शुभकामनायें आपको

    जवाब देंहटाएं
  2. बेहतरीन अंक, सभी को प्रणाम 🙏 आज के इस बेहतरीन अंक में मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत आभार महोदया 🙏

    जवाब देंहटाएं
  3. बेहतरीन सूत्रों से सजा सुन्दर अंक ।आज की प्रस्तुति में “मंथन” को सम्मिलित करने के लिए सादर आभार सहित धन्यवाद पम्मी जी !

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर सराहनीय संकलन।
    हार्दिक आभार आपका।
    सादर

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...