।। उषा स्वस्ति ।।
"प्राची के दिकपाल इन्द्र ने
छिटका सोने का आलोक।
विहगों के शिशु-गन्धर्वों के
कण्ठों में फूटे मधु-श्लोक।
वसुधा करने लगी मन्त्र से वासन्ती रथ का आह्वान !
उतरे कंचन-सी बाली में बरस पड़ें मोती के धान !!"
--नरेश मेहता
भोर की सुकुमारता साथ ही सूर्य की किरणों की
हल्की - हल्की स्पर्श.. अलग ही बानगी है,
जिसे कई रचनाकार अलग ही अंदाज में उकेरा है..
तो फिर अपने भीतर इन खूबसूरत शब्दों को
उतरने दे...और लिंको पे गौर फ़रमाये..✍️
ताल-लय हर हृदय प्रकटे
बड़ी मुश्किल से , मैंने हवाओं से
होड़म-होड़ करना छोड़ा था
फिरी हुई सिर लेकर , सबसे यूँ ही
बिन बात के भी , टकराना छोड़ा था
अपने बौड़मपन को , बड़े प्यार से
समझा-बुझाकर , बहला-फुसलाकर
शांत , गूढ़ और गंभीर बनाया था
पर ये क्या ? किसने मुझे भरमा दिया ?
या शायद बसंत ने मुझे फिर से बहका दिया !
विश्वमुखी ट्विटाचार्य
श्री श्री श्री आठ सौ चालीस राहुल जी
"बोल के लब आज़ाद हैं तेरे ,बोल के सच ज़िंदा है अब तक ,
वो डरे हैं...... देश नहीं..
दिशा रवि मामले की पृष्ठभूमि
बेंगलुरु की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को 14 फरवरी को दिल्ली की एक अदालत ने
पांच दिनों की पुलिस-रिमांड में भेज दिया है। दिल्ली पुलिस ने उन्हें
टूलकिट केस में गिरफ्तार किया था। दिशा पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।
बेहतरीन...
जवाब देंहटाएंवसंत यानि
वसंतोत्सव..
यानि होली
होली..
यानि होलाष्टक
आठ दिनों का..
इन आठ दिनों में
वो सब कुछ हो जाता है
फाग हुड़दंग ..
प्यारा उत्सव..
शुभकामनाएँ..
सादर..
सराहनीय प्रस्तुतीकरण
जवाब देंहटाएंसुंदर भूमिका के साथ पठनीय रचनाओं का चयन, वसंतोत्सव की बधाई और आभार !
जवाब देंहटाएंकहीं भीतर गहराई तक उतरती हुई सूत्रों का संकलन हेतु हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ । साथ ही अनकहे को कहने के लिए बसंत है ही ना ।
जवाब देंहटाएंबसंत की तरह सुन्दर मनोभावों का चित्रण करता सुन्दर संकलन..बसंत उत्सव की हार्दिक शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत रचना प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर संकलन ! सभी को मंगलकामनाएं
जवाब देंहटाएंशानदार भूमिका के साथ
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर लिंक संयोजन
मुझे सम्मलित करने का आभार
सुंदर अंक। अंतिम लिंक 'प्रेम' पर क्लिक करने से वहाँ कविता नहीं मिली।
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