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शुक्रवार, 19 जुलाई 2019

1463...प्रश्न को उत्तर से निकलते देखा है...


सादर अभिवादन। 

प्रश्न को उत्तर से निकलते देखा है, 
कहाँ रहती आयी ग़रीबी की रेखा है,
अवसर की तलाश में बैठे मत रहना, 
गुज़रा हुआ कारवाँ किसने देखा है!  
-रवीन्द्र 


आइए आपको अब आज की पसंदीदा रचनाओं की ओर ले चलें-


 

किन यादों को धरती के, आंचल में दबा कर तज दूँ
किन स्मॄतियों को हदय के, पन्नों में अंकित कर लूँ
क्या विरक्त हो जायेंगी, या नवप्रभा भोर की देखेंगी
क्या मेरी बचपन गाथा में, अनुरक्ति किसी की होगी
नवप्रभात का आगमन, कुछ संशय भी संग लाया है
कुछ दुविधा में मन मेरा, क्या छोडूं और क्या बांधू


My photo 

   दिल्ली की सडकों पर रोड़ रेज बहुत है
किन्तु सड़क पर यह समाजवाद देखकर ,
हमारी आँखों में कम्बख्त आंसू भर आये।  


 

एहसास है मुझे,

उन आंसुओं का..
जो तेरी आंख से बहे..
उस टूटे हृदय का..
उस वेदना का..
उस तड़प का..


 

रेशम की डोरी वो मखमल का आलना
कुहके तो मन के सब तारों का हालना
चुन-चुन के काँटें मैं अँचरा में भर लूँगी
बिटिया तू पाँव दूब राहों में डालना


बरगद का पेड़नीचे लोग बैठे हैं। रात में क्रांति के घर से मारपीट की आवाज आ रही थी उसका भाई उसे मार रहा था। वही जायदाद वाला कहानी । देखो कहानी कैसे खत्म हुई।  अच्छी लड़की थी। ......  वो।    नायरा तू इतना नमक क्यों डालती है खाने में ?    घर के सभी लोगों का बी पी बढ़ा देगी।  कम नमक डाला कर।
माँ….बिना नमक मजा नहीं आता खाने में।  ठीक है जल्दी से काम कर सारा दिन घर में बैठी रहती है। कभी कहीं बाहर भी जाया कर।

 दरवाजे पर आवाज आई नायरा है क्या?



हम-क़दम का नया विषय

यहाँ देखिए

आज बस यहीं तक 
फिर मिलेंगे अगले गुरूवार। 

रवीन्द्र सिंह यादव 

8 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात..
    आज आप...
    अच्छा लगा..
    अच्छी रचनाएँ पढ़वाया..
    नमक न डालें तो स्वास्थ्य सही रहता है
    आभार...
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  2. वाहः सुंदर प्रस्तुतीकरण

    मुक्तक की चारों पँक्तियों को बराबर रखने की कोशिश की जाए तो?
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सादर नमन दीदी.
      कोशिश करूँगा आपकी सलाह के अनुसार...

      हटाएं
  3. वाह!!रविन्द्र जी ,सुंदर प्रस्तुति !!👍

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत ही सुन्दर संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय 🙏

    जवाब देंहटाएं
  5. समसामयिक विषय पर सुंदर मुक्तक सभी रचनाएँ बहुत अच्छी हैं रवीन्द्र जी। बहुत अच्छा संकलन।
    मेरी रचना को शामिल करने के लिए सादर आभार।

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति सभी लिंक बहुत सुंदर।
    सभी रचनाकारों को बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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