अति उतसाहित हूं.....
ब्लौग के पांचवें वर्ष की पहली प्रस्तुति बनाते हुए.....
मैं प्रारंभ से ही इस ब्लौग से जुड़ा हूं....."क्योंकि मैं प्रारंभ से ही इस ब्लौग से जुड़ा हूं.....
पर खेद है..... चौथे वर्ष में.....
नियमित प्रस्तुति नहीं लगा सका......
इस वर्ष अनुपस्थित न रहूं.....
ये वादा है आप सभी से....
आज सबसे पहले.....
आदरणीय....साधना वैद
किताब और किनारे
उसने कितनी घनिष्टता के साथ
अपने प्यार को, अपनी भावनाओं को,
अपने सबसे नर्म नाज़ुक अहसासों को
सदियों के लिये
अपने आलिंगन में बाँध कर रखा है !
ताकि कोई भी उसमें अपने मनोभावों का
प्रतिबिम्ब किसी भी युग में ढूँढ सके ।
आदरणीय "ज्योति खरे"
सावधान हो जाओ
बादल बिजली का यह खेल
हमें कर रहा है सचेत और सर्तक
कि, सावधान हो जाओ
आदरणीय....डॉ टी एस दराल
बाल यौन शोषण
बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए आवश्यक है कि पारिवारिक संबंधों को मज़बूत बनायें। बच्चे के व्यवहार और गतिविधियों पर ध्यान रखें। नियमित रूप से बच्चे के
अध्यापक के संपर्क में रहें। जहाँ तक संभव हो , बच्चे को घर में अकेला ना छोड़ें और किसी भी रिश्तेदार पर आँख मूँद कर विश्वास ना करें। बच्चे को अच्छे और बुरे
स्पर्श के बारे में अवश्य बताएं। यदि कुछ भी विपरीत नज़र आये तो फ़ौरन ध्यान दें और उचित कार्रवाई करें। आवश्यकता पड़ने पर "किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण)
अधिनियम, 2000 (जेजे एक्ट)'' के अंतर्गत स्थापित ''बाल कल्याण समिति'' अथवा ''किशोर न्याय बोर्ड'' की सहायता लें। किसी भी अवस्था में सहायतार्थ १०९८ पर फोन
कर चाइल्ड हेल्पलाइन की सहायता प्राप्त की जा सकती है। यथासंभव इस विषय पर समाज में अधिकाधिक रूप से विचार विमर्श करें ताकि जनसाधारण तक बाल यौन शोषण के बारे
में जानकारी पहुँच सके। तभी बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह पायेगा।
सेक्यूलरिज्म के कमीने दुकानदारों कहां हो तुम
सेक्यूलरिज्म के कमीने दुकानदारों कहां हो तुम ? सुन रहे हो यह सब ? तुम्हारी चुनी हुई चुप्पियां ,चुने हुए विरोध, चुनी हुई विवशताएं तुम्हारी हिप्पोक्रेसी
की इबारत को बहुत तल्खी से बांच रही हैं। इन्हें पढ़ो , शर्म करो और चुल्लू भर पानी में डूब मरो ।
राजस्थान की सेक्यूलर कांग्रेसी सरकार ने चार्जशीट में पहलू खान और उस के बेटे को गो तस्कर लिखा है। क्यों कि वह गो तस्कर ही था। मारा गया , यह दुखद था। लेकिन
तुम कमीनों अपनी सेक्यूलरिज्म की दुकानदारी में तथ्य भूल कर सिर्फ दुकानदारी ध्यान में रखते हो , अपने जहर की फसल का ख्याल रखते हो , यह भी बहुत दुखद है। बंद
करो सेक्यूलरिज्म की यह अपनी जहरीली दुकानें । मनुष्यता कराह रही है , तुम्हारी इन जहरीली दुकानों से। सुनते हैं तुम्हारी जहरीली दुकानों को चलाने वाले तमाम
एन जी ओ को फंडिंग भी बंद है। अब तो अपनी जहरीली दुकानें बंद करो।
आदरणीय....पल्लवी सक्सेना
कैसी प्रगति कैसा विकास
पर क्या वास्तव में सब साथ है शायद नहीं अभी कुछ ही दिनों पहले की ही घटना है मध्यप्रदेश के किसी एक गाँव में एक दलित परिवार ने अपनी बेटी की शादी धूमधाम से
कर दी। तो ऊंचे लोगों को उसमें ही समस्या हो गई किउस वर्ग ने उन लोगों कि बराबरी करने कि हिम्मत कैसे की तो उन्होने उन गरीबों के कुए में मिट्टी का तेल मिला
दिया। बिना कुछ सोचे,समझे,जाने कि इसके बाद उन गरीबों का क्या होगा, उन्हें पीने का पानी कहाँ से प्राप्त होगा। भीषण गर्मी के चलते,उनके मासूम बच्चों का क्या
होगा,उनके घरों कि महिलाओं को पीने का पानी लाने के लिए कितनी दूर तक पैदल चलकर जाना होगा। इस सब से किसी को कोई सरोकार नहीं है। बस बदला लेना था सो ले लिया
गया। उधर चेन्नई में भी जल संकट लोगों का जीना हराम किए हुए है। मानव से लेकर जानवर तक हर कोई आज इस धरती पर जल संकट का सामना कर रहा है। लेकिन इंसान एक ऐसा
जानवर है जिसे यह समझ ही नही आता है कि जहां एक और लोग पानी के संकट से जूझ रहे हैं। पानी ना मिलने के कारण मर रहे हैं। वहाँ ऐसे में कुए में तेल मिला देने
से बड़ा पाप और क्या होगा। पर नही पाप पुण्य का अब मोल कहाँ !
जिन खोजा तिन पाईंयाँ....
अभी दरवाजे पर लगा ताला खोला भी न था कि पीछे से दौड़ती हाँफती शुभी उसकी साड़ी का पल्ला खींचते उसे जल्दी वापस उसके घर चलने को कहने लगी.
जल्दी चलिये . माँ ने बुलाया है. कहते उसने काया को गोद में उठा लिया.
अरे! घबराइये मत. कोई आया है घर पर. माँ आपसे मिलवाना चाहती है.
कौन होगा जिससे मिलवाना इतना जरूरी है कि उसके लिए शुभी इस तरह दौड़ती भागती चली आई. काया और शुभी को पीछे छोड़ लंबे डग भरती हुई माला अगले ही पल में मिसेज वर्मा के सामने थी.
आओ माला. कितनी अच्छी बात है न. अभी कुछ ही समय पहले इसकी बात कर रहे थे हम . तुम जैसे ही बाहर निकली इसका आना हुआ. जानती हो न इसको हाँ , आपकी गली में बच्चों के साथ खेलते इसे कई बार देखा है. चेहरे से पहचानती हूँ.
धन्यवाद।
शुभ प्रभात भाई कुलदीप जी
जवाब देंहटाएंआपका चयन हरदम बेहतरीन रहता है
आपको हम हरदम मिस करते थे..
आभार...
सादर...
सच्चाई
हटाएंसदा कामयाब रहें
जवाब देंहटाएंउम्दा प्रस्तुतीकरण
सुप्रभात वाह बहुत अच्छा संकलन।
जवाब देंहटाएंसूप्रभात🙏। बहुत ही खूबसूरत संकलन ।
जवाब देंहटाएंजारी रहे आपकी यात्रा पाँच लिंकों के आनन्द के साथ अनवरत। शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंबहुत शानदार प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसुंदर लिंकों का चयन।
सभी रचनाकारों को बधाई ।
बहुत सुन्दर संकलन ।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचनाएँ। सादर।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन हलचल प्रस्तुति 👌
जवाब देंहटाएंसादर
आदरणीय कुलदीप जी आपकी प्रस्तुति की सदैव अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। बहुत अच्छी रचनाओं का सराहनीय संकलन है।
जवाब देंहटाएंWow such great and effective guide
जवाब देंहटाएंThank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku AgainWow such great and effective guide
Thank you so much for sharing this.
Thenku Again