स्वागत है आपका
अंक क्रमांक बारह बीस में
सादर अभिवादन....
आइए चलें रचनाओं की ओर....
ताक रही निगाहें, सुख अंबर बरसायेगा,
मेहनत करेगा कौन ज़ब मुफ्त में खाना मिल जायेगा ?
ठिठुर रही जिंदगी, धूप का आलम आएगा !
दुबक रहे घरों में, चिराग़ कौन जलायेगा ?
कैसे जानूँ ,कैसे समझूँ
किससे कैसा नाता है
जुड़ ना पाया हिय से
कोई कोई तो कुछ कुछ भाता है
देखूँ नातों को और उबरूं
क्यूँ व्यर्थ करूँ अभिमान
मेरी 'स्व' से हुई पहचान....
न मेरे ज़हर में तल्ख़ी रही वो पहली सी
बदन में उस के भी पहला सा ज़ाइक़ा/ज़ायका न रहा
हमारे बीच जो रिश्ते थे सब तमाम हुए
बस एक रस्म बची है शिकस्ता पुल की तरह
है बेहद अजीब सा मन!
सब है हासिल,
पर अजीज है, बस चाह वो,
है अजनबी,
पर है खास वो,
दूर है,
पर है पास वो,
ख्वाब है,
कर रहा है बेताब वो,
कुछ फासलों से,
यूँ गुजर रहे हैं चाह शायद!
कुछ नहीं हो सकता है एक पक चुकी सोच का
डॉ. सुशील कुमार जी जोशी
कुछ नहीं
हो सकता है
माटी के पक चुके
इस घड़े का
जिसपर
अपनी सोच की
कलाकारी नक्काशी
उकेर देने वाले
अब नहीं भी कहीं
बस उनके मीठे
अहसास बचे हैं
उसके पास
उसकी रूह के
बहुत पासपास
.....*.....
कल हलवाई की दुकान पर
एक पन्ने पर हमें कचौड़ी परोस दी गई
पन्ने को देखा तो आँखे चौंधिया गई
सोचे हम...फिर एक नया पन्ना माँगकर
कचौड़ियों को नए पन्ने में स्थानान्तरित कर
पहले वाले पन्नें को सीधा कर जेब के हवाले किया...
पढ़िए आप भी....क्या है उस पन्नें में..
क्यों
झल्लाता है
अगर
तेरे लिखे को
किसी से
भूल वश
कविता है
कह दिया
जाता है ।
आदेश दें दिग्विजय को
यदा-कदा मिलते रहेंगे
सादर
वाह...
जवाब देंहटाएंआभार...
सादर...
शुभ प्रभात आदरणीय,
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर हल चल प्रस्तुति,
सभी रचनाकारों को हार्दिक शुभकामनायें,
मेरी रचना को स्थान देने हेतु सह्रदय आभार आदरणीय,
सादर
सुप्रभात। आदरणीय दिग्विजय जी की सीमित और सुंदर प्रस्तुति। रविवार की सुबह मेरी अपनी होती है इसलिए मन भरकर पठन पाठन.... खूबसूरत सुबह का आगाज़, गुलाबी ठंड, गर्म चाय की प्याली और पाँच लिंकों का आनंद !!! आज और भी बहुत सा पढ़ना है। आप सभी का दिन शुभ हो। सादर।
जवाब देंहटाएंबहुत आभार मेरी रचना को शामिल करने के लिए 🙏🙏🙏🌷🌷
जवाब देंहटाएंसुन्दर रविवारीय हलचल प्रस्तुति। आभार दिग्विजय जी 'उलूक' के टेढ़े मेढ़े और कच्चे पक्के को भी हलचल में जगह देने के लिये।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर हलचल प्रस्तुति ,सुंदर संकलन,सभी रचनाकारों को बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर हलचल प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर हलचल प्रस्तुति
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