पंच दिवसीय दीपोत्सव श्रृंखला में भाई-दूज पाँचवा त्योहार है,इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाई-बहन के पवित्र स्नेह का प्रतीक यह त्योहार भारतीय संस्कृति के सामाजिक व्यवस्था में पावन रिश्तों की गरिमा का सार्थक संदेश देता है।
चलिए आज की रचनाएँ पढ़ते हैं
★★★
आदरणीय शास्त्री जी
मेरे भइया तुम्हारी हो लम्बी उमर,
कर रही हूँ प्रभू से यही कामना।
लग जाये किसी की न तुमको नजर
दूज के इस तिलक में यही भावना।।★★★★★
पढ़िए आदरणीय पंकज त्रिवेदी जी की क़लम से
बानगी
रिश्तों की कतरन करते हुए निर्ममता से
बेपरवाह होकर, न चेहरे पर कोई शिकन
न उमड़ते प्रसन्नता के भाव और
न आँखों से टपकती नमीं
★★★★★
आदरणीय जफ़र जी
एक इबादत एक दुआ हैं माँ,
मेरी सारी मन्नते मेरा ख़ुदा है माँ,
हार जाती हैं जमाने भर की मुश्किले
हर उलझन को आसा हैं माँ,
क्यो सफ़ेद चादर तूने ओढ़ ली
अब्बा के बाद तुझे क्या हुआ हैं माँ,
कोंपल से सौम्यता
नव कली से अनुराग पाता,
सुवास रंजित पुष्प के
किलकारियों को गुनगुनाता,
खो गया हूँ मैं मधुप, फुलवारियों के गान में;
क्या छिपा रखा प्रिये, इस मधुमयी मुस्कान में?
आदरणीया दीपा जोशी जी
जल निरंतर
अचंचल हर पल।
भोर के
आने तक
तम के धरा से
मिट जाने तक।
★★★★★
और चलते-चलते रवींद्र जी की लेखनी से
वर्ण पिरमिड श्रृंखला में पढ़िए
ये
स्मोग
श्वसन
दमघोंटू
छाया हवा में
धुआँ-केमिकल
प्रदूषण का फल।
★
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हमक़दम के अंक के लिए
यहाँ देखिए
आज के लिए इतना ही
कल आ रही हैं विभा दी
अपनी विशेष प्रस्तुति के साथ
-श्वेता सिन्हा
शुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंभैय्यादूज एवं चित्रगुप्त जयन्ती की
शुभकामनाएँ...
सादर..
सुप्रभात सुंदर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंत्यौहारों के व्यस्त मौसम में भी आप साहित्य साधना के लिए वक़्त निकाल रहे हैं आप सभी तो नमन।
आभार
*आप सभी को नमन
हटाएंभाई दूज की शुभकामनाएं। सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंवाह!!सुंदर प्रस्तुति ,भाईदूज की शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर हलचल प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाह बहुत शानदार प्रस्तुति सुंदर संकलन ।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचनाओं के साथ सभी रचनाकारों को बधाई।