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रविवार, 22 अक्टूबर 2023

3921 ..माँ तो माँ है हर पल हर-दम होती है

सादर अभिवादन
माता रानी को सादर नमन

शब्द रचे जाते हैं,
शब्द गढ़े जाते हैं,
शब्द मढ़े जाते हैं,
शब्द लिखे जाते हैं,
शब्द पढ़े जाते हैं,
शब्द बोले जाते हैं,
शब्द तौले जाते हैं,
शब्द टटोले जाते हैं,
शब्द खंगाले जाते हैं, 
इस प्रकार
शब्द बनते हैं,
शब्द संवरते हैं,
शब्द सुधरते हैं,
शब्द निखरते हैं,
अब रचनाएं दोखें

हाइकु ...आशा सक्सेना



हम अकेले
किससे   कहें व्यथा
सोचते रहे

चंचल मन
विचलित हुआ है
स्थिर न रहा





पढ़ा होगा आपने कभी
नीड़ का निर्माण
अब पढ़ते रहिए
भीड़ का निर्माण
मनोवैज्ञानिक
समाजशास्त्री
करते रहे शोध
भीड़ के चरित्र पर
राजनीति ने लाद दी




समस्या दिखाई भी जा रही है
समस्या बताई भी जा रही है
सब हैं हैरान परेशान नादान,
रिश्ते पर,निभाई भी जा रही है।




आज हमारे अस्पताल में एक आकस्मिक मीटिंग के लिए बुलाया गया था। मीटिंग में हमें बताया गया कि हमारा हॉस्पिटल कोविड के मरीजों को भर्ती करेगा और हमें खुद को इसके लिए मानसिक तौर पर तैयार करना होगा। हम घर परिवार से दूर होंगे। मेरी बेटी एक साल की रिया को छोड़कर कैसे जाऊँ? अस्पताल ने मेरा नाम पुन: राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए भेजा है। नहीं जाऊँ तो श्रम से की गयी सेवा के बदले जो सम्मान मिला है वह धूल धूसरित हो जायेगा!


सदियों से शांति से सोया,
मौन भंग से उद्वेलित तो होगा
रहस्यों के उजागर होने के भय से
भीतर ही भीतर आंदोलित तो होगा
बस्तियाँ बसे न बसे,आशिया सजे न सजे
देवत्व का मिथक टूटता देख
जाने क्या-क्या कह रहा होगा चाँद।





धूप देह पर मद्धम-मद्धम होती है.
माँ की डाँट-डपट भी मरहम होती है.

आशा और निराशा पल-पल जीवन-रत,
माँ तो माँ है हर पल हर-दम होती है.




इमाम की तू प्यास बुझाए
पुजारी की भी तृष्णा मिटाए..
ए पानी बता तेरा मजहब कौन सा है.... ।।

आज बस इतना ही
कल फिर
सादर

4 टिप्‍पणियां:

  1. बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

    जवाब देंहटाएं
  2. माँ को नमन … देवी माँ के चरणों में मेरी स्तुति … आभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए …

    जवाब देंहटाएं

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