निवेदन।


फ़ॉलोअर

मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023

3899...इस अधर्म को.रोके कौन..

 मंगलवारीय अंक में आप
 सभी का स्नेहिल अभिवादन।
----------
ऋतुओं का संधिकाल सृष्टि के अनुशासनबद्ध परिवर्तन चक्र का प्रतिनिधित्व करता है।
भादो के साँवले बादल, लौटती बारिश की रिमझिम झड़ी क्वार यानि आश्विन की पदचाप की धीमी-सी सुगबुगाहट से हरी धरा की माँग में कास के श्वेत पुष्षों का शृंगार  
अद्भुत स्वार्गिक अनुभूति देती है।
नरम भोर ओर मीठी साँझ के बीच में धान के कच्चे दानों सा दिन।
शारदीय नवरात्र के उत्सव के पूर्व आपने कभी देखा है नौजवान ढाकियों को अपने तासे में कास के फूल खोंसकर तन्मयता से  झूमते हुए? 

चलिए आज की रचनाओं के संसार में


सभी बन्दर
नहीं खा पाते, 
चने और देसी घी के लडडू।
अधिकांश तो
रोटी के लिए
मारे-मारे फिरते हैं
छत-छत, टेशन-टेशन


सुना है…,

उनकी लिस्ट में अपना

नाम नहीं है 

 दुनियादारी की परिपाटी 

कहती है कि..,

रस्म अदायगी तो अब

अपनी तरफ से भी बनती है 

निभाने की परम्परा 

सभ्य होने की परिचायक है ।



विरह वेदना अपनों की, अधीर व्याकुल करती होगी,
संसारिक आमोद प्रमोद को, भावनाएं उमड़ती होगी,
पर गीता में हाथ रखकर, प्रण सौगंध जो लिया होता,
परिणीता प्रणय से पहले, प्रणय भारत माता से होता।


वो सच्ची है सोने सी खरी
वो साथी सखा राधा से बढ़कर
वो ग़म अपना छुपाना चाहती है
पर आंसू गिरते पलकों पे चढकर
जितना खुश वो मिलन से है, उतनी ही बिछड़ने से हताश
हाँ है वो मेरे लिए खास





अपने देवता के साथ ऐसा  व्यवहार करने का महान कार्य अपना हिन्दू उर्फ सनातन धर्म ही कर सकता है । तस्वीरे देखिये,  जिस गणपति को दस दिन भक्तिभाव से पूजा और रोते खुश होते नाचते गाते विदा किया । उसे किस दुर्दशा मे समुद्र किनारे छोड़ आये हैं । 

-----
आज के लिए इतना ही
फिर मिलते है 
अगले अंक में।






6 टिप्‍पणियां:

  1. आज के इस अंक में वजन है
    सत्कार करती हूं..
    आभार..
    सादर

    जवाब देंहटाएं
  2. सदैव की भाँति सुन्दर सारगर्भित भूमिका के साथ लाजवाब सूत्रों के साथ अति सुन्दर प्रस्तुति । “क्षणिकाओं” को संकलन में स्थान देने के हृदयतल से हार्दिक आभार श्वेता जी ! सस्नेह सादर वन्दे !

    जवाब देंहटाएं
  3. "हाँ है वो मेरे लिए खास " मेरी इस रचना को आज के अंक मे स्थान दे कर आपने उसे और भी खास बना दिया, आपका बहुत-बहुत आभार 🙏
    बांकी सभी रचनाकारों की रचनाओं से भी बहुत कुछ सीख मिली, सभी को बधाईयाँ

    जवाब देंहटाएं
  4. मंगल की मांगलिय मंगल ध्वनि के साथ उत्कृष्ट रचनओं का संकलन, एक सैनिक की कलम को जगह देने का आभार आदरणिया 🙏🙏🙏

    जवाब देंहटाएं

आभार। कृपया ब्लाग को फॉलो भी करें

आपकी टिप्पणियाँ एवं प्रतिक्रियाएँ हमारा उत्साह बढाती हैं और हमें बेहतर होने में मदद करती हैं !! आप से निवेदन है आप टिप्पणियों द्वारा दैनिक प्रस्तुति पर अपने विचार अवश्य व्यक्त करें।

टिप्पणीकारों से निवेदन

1. आज के प्रस्तुत अंक में पांचों रचनाएं आप को कैसी लगी? संबंधित ब्लॉगों पर टिप्पणी देकर भी रचनाकारों का मनोबल बढ़ाएं।
2. टिप्पणियां केवल प्रस्तुति पर या लिंक की गयी रचनाओं पर ही दें। सभ्य भाषा का प्रयोग करें . किसी की भावनाओं को आहत करने वाली भाषा का प्रयोग न करें।
३. प्रस्तुति पर अपनी वास्तविक राय प्रकट करें .
4. लिंक की गयी रचनाओं के विचार, रचनाकार के व्यक्तिगत विचार है, ये आवश्यक नहीं कि चर्चाकार, प्रबंधक या संचालक भी इस से सहमत हो।
प्रस्तुति पर आपकी अनुमोल समीक्षा व अमूल्य टिप्पणियों के लिए आपका हार्दिक आभार।




Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...