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शुक्रवार, 3 मार्च 2023

3686....बस चुटकीभर रंग

शुक्रवारीय अंक में
आप सभी का स्नेहिल अभिवादन
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सखि रे!गंध मतायो भीनी
राग फाग का छायो...

जीवन में खूबसूरती, रुचि और विविधता से सामंजस्य स्थापित 
करते रंग जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करते हैं।
प्रकृति के विविध रंगों से श्रृंगारित यह संसार 
मानव मन में जीवन के प्रति अनुराग उत्पन्न करते हैं।
शोध से ज्ञात हुआ है कि
रंग व्यक्ति के मन मस्तिष्क पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ते है।
जीवन में समय के अनुरूप
एक से दूसरे पल में 
परिवर्तित होते रंग प्रमाण है 
जीवन की क्रियाशीलता का...।

उत्सव का इंद्रधनुषी रंग 
हाइलाइट कर देता है जीवन के
कुछ लटों को
खुशियों के रंगों से ...।
तो फिर चलिए हमसब मिलकर
प्रकृति के साथ मिलकर 
रंगों के त्योहार की महक तन-मन में
भरकर खुशियों का आनंद लें।

रंगों की अपनी भाषा है और उत्सव के गीतों को परिभाषित करने की आवश्यकता नहीं 
तो आइये आज की इंद्रधनुषी रचनाओं के संसार में..

शहर में बस गए बचपन के साथी गाँव सूने हैँ
अबीरें रख के तन्हा है मेरा घर द्वार होली में 

नहीं अब फूल टेसू के मिलावट रंग, गुझिया में
कहो मौसम से अब कोई न हो बीमार होली में 



सरसों का उबटन मला, मला रगड़कर तैल।

जला होलिका मध्य सब,तन-मन-धन का मैल॥


होली में घर आ गये, दूर बसे परिवार।

लाए हैं सबके लिए, कुछ न कुछ उपहार॥




उमंग छाया हर दिशा,खुशियाँ है सब ओर।
दिवस बहुत प्यारा लगे, लगता सुंदर भोर।।

रंगों   से  हैं  शोभते ,  सबके  सुंदर  गाल।
बस चुटकी भर रंग का,ऐसा दिखे कमाल।।



और आनन्द में भय
उसका समापन .
कोई क्षण जब सामने आता है ,
देखें उससे परे ..उस पार सुहाना..
वह पीड़ित है .
मलता है हाथ,



भ्रम पाले अनेक  अंतर में 

एक-एक  कर टूटा करते,

सुख की  उम्मीदें ही रहतीं 

दुःख के बादल फूटा करते !


जिसका यह विस्तार पसारा

वह अनंत जो जान रहा है 

लेक़र उससे कुछ उधार पल 

यह मानस  संसार रहा है !


और चलते-चलते पढिए एक सुंदर

शोधपरक लेख

मातृभाषा के प्रति कृतज्ञता


भारत ७०० से अधिक भाषाओं की जन्मस्थली है । विश्व के सभी भाषाओं की जननी "संस्कृत" और उसके बाद समकालीन भारत में बोले जाने वाली सभी प्रांतीय भाषाओं और लोक -बोली का जन्म यहीं हुआ । जहाँ हमारी राष्ट्र भाषा हिन्दी पूरे देश को एक मजबूत धागे से जोड़ी रखती है तो वहीं भारत में बोले जाने वाली सभी प्रांतीय  भाशाएँ हमें हमारे देश की विविधतापूर्ण संस्कृति से अनुभव कराती है  और "विविधता में एकता " के भाव को पोषित करती है । भारत की संस्कृति और महान विचारों को सहेजे हुए , हर भारतीय भाषा अपने आप में सजीव और सम्पन्न है । 
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आज के लिए इतना ही

कल का विशेष अंक लेकर

आ रही हैं प्रिय विभा दी।

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27 टिप्‍पणियां:

  1. उत्सवपूर्व अलख जगा कर
    प्रस्तुत इस अंक प्रस्तोता
    आदरणीय सखी श्वेता सिन्हा को
    बधाई, शुभकामनाएं
    आज के दिन अवतरित सखी श्वेता
    को मेरी ओर से ढेरों आशीर्वाद उनके अवतरण दिवस पर,
    शानदार अंक प्रस्तुति
    आभार,
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो पर आपका स्नेह और आशीर्वाद सदा मिला है बहुत बहुत आभार दी शुक्रिया आपके साथ के लिए।

      हटाएं
  2. फागुन भर फगुआ
    सरस्वती पूजा से शुरू हो जाता है रंग अबीर
    बेहद पसन्द है होली का त्योहार, हालाँकि बिहार का छठ का पर्व में भी जाति धर्म का परहेज नहीं होता
    शुभकामनाओं के रंगीन रहे जिन्दगी का हर पल के आशीष के संग बधाई
    उम्दा प्रस्तुति

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. हृदय से आभार दी।
      बहुत बहुत शुक्रिया आपका आशीर्वाद बना रहे।

      हटाएं
  3. आदरणीया मैम, सादर चरण स्पर्श।
    सब से पहले तो जन्मदिन की अनेकों अनेकों बधाई आपको। बार-बार दिन ये आये, आप जियें हज़ारों साल, ये मेरी है आरज़ू।
    आज का दिन और आने वाला आपका हर दिन आनन्दकर हो। आपने तो अपने जन्मदिन पर मुझे ही उपहार दे दिया मेरे लेख को साझा कर। रंगोत्सव का उल्लास जगाती इस रँगीली प्रस्तुति में आपके द्वारा मेरी रचना को सम्मिलित करना मेरे लिए आपका अमूल्य आशीष है। आपने मुझे सदैव ही स्नेह और प्रोत्साहन दिया है और मुझे प्रेरित करती रहीं हैं। आपको पुनः प्रणाम और जन्मदिन की अनेक बधाइयाँ।❤️💖💐🌹🌹🥞🎂🍰🍫🍬🍡🍧🍩🍮🍯🌺🌻🌼🌸💮🏵️

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रिय अनंता,
      तुम्हारा निश्छल स्नेह ईश्वर के आशीर्वाद की तरह है। सदा खुश रहो ,स्वस्थ रहो और सफलता के नित नये सोपान चढ़ो।
      स्नेह।

      हटाएं
  4. जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएँ प्रिय श्वेता 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷माँ सरस्वती की कृपा ऐसे ही आप पर बनी रहे ।
    सुंदर प्रस्तुति ।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. प्रिय दी प्रणाम, बहुत बहुत आभार शुक्रिया मन से।
      सादर।

      हटाएं
  5. सुप्रभात! जन्मदिन मुबारक हो, इंद्रधनुष के रंगों से सजे इस अंक में मन पाए विश्राम जहां को शामिल करने के लिए आभार श्वेता जी!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभारी हूँ अनीता जी। दिल से बहुत शुक्रिया ।
      सादर।

      हटाएं
  6. सबसे पहले प्रिय श्वेता जी आपको जन्मदिन की आकाश भर बधाई और अनंत शुभकामनाएं 🎉🎉🎊🎊💫💫
    होली की रचनाओं के साथ साथ सुंदर और पठनीय सूत्रों का संकलन। मेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार और अभिनंदन।
    सपरिवार आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई💐💐

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी जिज्ञासा जी ,
      आपका स्नेह पाकर मन को बहुत अच्छा लगा।
      आपको भी रंगोत्सव की अशेष बधाई जी।
      बहुत बहुत आभर शुक्रिया।

      हटाएं
  7. आपका हार्दिक आभार. ढेर सारे रंग आपकी खुशियों में शामिल हों

    जवाब देंहटाएं
  8. प्रिय श्वेता सबसे पहले जन्म दिन की ढेरों बधाईयाँ और शुभकामनाएं ।माँ सरस्वती की इस लाड़ली बेटी के सर पर माँ की कृपा सदैव रहे।तुम्हारी लेखनी को यश मिले और सदा सपरिवार सानंद और सकुशल रहो यही दुआ है।मेरा आशीर्वाद तुम्हारे सर पर हर पल है।सदा खुश रहो

    🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈
    ❤❤❤❤❤❤❤❤
    अधरों पर सजे सदा ही हास,
    तुम्हें मिले कभी ना प्यास,
    जग उलझा रहे भले तम में,
    तुम्हें जन्म जन्म मिले प्रकाश!!
    💖💖 🎍🎍🎁🎁🎊🎊🎉🎉♥️♥️❤❤🎀🎀💖💖💖🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈🎈

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपका इतना सारा प्यार पार मन भावुक हो गया दी। क्या कहूँ इतने सारे अनमोल आशीर्वाद के फूल हमपर बरसाने के लिए.. आपका स्नेह अमूल्य है जो मुझे सदैव.चाहिए।
      आपका स्नेहिल साथ और आशीर्वाद वाला हाथ ऐसे ही बना रहे मेरे साथ आजीवन।
      हृदय से अत्यंत आभार बहुत बहुत शुक्रिया दी।
      सस्नेह।

      हटाएं
  9. रंगों से महत्व को दर्शाती भावपूर्ण और सार्थक प्रस्तुति प्रिय श्वेता!
    रंग और गंध जीवन में दो आधार हैं जिनसे जीवन की शोभा कई गुणा बढ़ जाती है।ये जीवन में ऊर्जा का स्तर बढ़ाकर जीने की नयी उमंग जगाते हैं।हमारे पूर्वजों और ऋषि मेधाओं ने इन चीजों का महत्व जानकर इन्हें मौसमी त्योहारों से जोड़कर जड़ता में उत्साह भरने का स्थायी उपक्रम किया।तभी रंगो और गंध के पर्व होली के महत्व को सबने जाना है।भले आज होली मनाने की परम्परागत शैली समाप्त होती जा रही जिसका शब्दांकन ब्लॉग जगत के गीत शिरोमणि तुषार जी ने अपनी रचना में भली-भांति किया है।फिर भी स्थिर स्थिति में कहीं न कहीं उमंग जगा ही जाती है होली।आज की सुन्दर रचनाओं के लिए सभी शामिल रचनाकारों को शुभकामनायें।सभी को होली मुबारक हो।सभी के लिए होली उमंग और उत्साह लेकर आये।सभी से आग्रह है कि जल का संरक्षण करें।फूलों और सूखे ऑर्गेनिक रंगों को प्राथमिकता दें।अपने स्वास्थ्य का खयाल रखें 🌹🌹🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. जी दी,सभी बातें अनुकरणीय है आपकी।
      सादर.स्नेह बहुत बहुत शुक्रिया दी।

      हटाएं
  10. अप्रतिम अंक
    आभार...
    हार्दिक शुभकामनाएँ
    सभी को यथा-योग्य सादर अभिवादन
    सभी स्वस्थ रहें, मस्त रहें
    सादर..

    जवाब देंहटाएं
  11. उत्कृष्ट लिंकों से सजी लाजवाब प्रस्तुति प्रिय श्वेता ! जन्मदिन की बधाई असीम शुभकामनाएं । होली के रंगों सी रंगीन प्रस्तुति एवं ऊर्जावान करती सार्थक भूमिका के लिए साधुवाद ।
    आप सभी को होली की अग्रिम शुभकामनाएं ।

    जवाब देंहटाएं
  12. प्रिय दी,
    बहुत बहुत शुक्रिया और.हृदय से आभार । आपका स्नेह पाकर मन प्रसन्न हुआ।
    साथ बनाये रखें दी।
    सस्नेह आभारी हूँ।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  13. प्रिय दी,
    बहुत बहुत शुक्रिया और.हृदय से आभार । आपका स्नेह पाकर मन प्रसन्न हुआ।
    साथ बनाये रखें दी।
    सस्नेह आभारी हूँ।
    सादर।

    जवाब देंहटाएं
  14. प्रिय श्वेता जी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें आपको,परमात्मा आप पर और आपके पुरे परिवार पर अपनी कृपा बनाये रखें ,
    आप सभी को होली की हार्दिक शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  15. बस चुटकीभर रंग का सवाल है रमेश बाबू
    इतनी पुरानी पिक्चर का डायलॉग कहां से सूझा आपको,
    ओम शान्ति ओम, श्रीमति खेर और अन्य
    होलिकोत्सव की शुभकामनाएं
    आभार,

    जवाब देंहटाएं
  16. प्रिय श्वेता जी को जन्मदिन मि हार्दिक बधाई,साथ ही होली की ढेरों शुभकामनाएं।

    जवाब देंहटाएं

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