में आप सभी का
स्नेहिल अभिनंदन
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हमक़दम के विषयमिलावट की परिभाषा
शब्दों में समेट पाना
मेरे लिए मुमकिन नहीं।
दैनिक जीवन में मिलावट आम समस्या है।
हवा,पानी,भोजन,कपड़े दवा हमारे जीवनोपयोगी
सारी वस्तुओं में मिलावट नहीं अब शुद्ध होना आश्चर्य एवं संदेह का विषय है।
मनुष्य का मन भी मिलावट से अछूता कहाँ है?
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सोचिये न मिलावट कहाँ नहीं है
बिना मिलावट तो जहांं नहीं है
देह,मन,जीवन,सृष्टि कण-कण में
मिलावट की कोई दवा नहीं है।
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हमारे सभी रचनाकारों की
रचनात्मकता को सादर प्रणाम
हमक़दम के हर विषय पर
आप सभी का सहयोग सदैव
उत्साहवर्धक है।
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कालजयी रचना
स्मृतिशेष गोपालदास नीरज
दूरभाष का देश में जब से हुआ प्रचार
तब से घर आते नहीं चिट्ठी पत्री तार
आँखों का पानी मरा हम सबका यूँ आज
सूख गये जल स्रोत सब इतनी आयी लाज
करें मिलावट फिर न क्यों व्यापारी व्यापार
जब कि मिलावट से बने रोज़ यहाँ सरकार
.......
उदाहरणार्थ दी गई रचना
मिलावट ही मिलावट..
रिश्तों मे भी प्यार मिलावट,
सुख के साथी यार मिलावट,
दुख मे साथ कुछ ही चलते हैं,
बाकी सब संसार मिलावट.
संसद मे भी बात मिलावट,
वादों के हालात मिलावट,
सत्ताधारी,निज हितकारी,
नेताओं की जात मिलावट.
- विनोद कुमार पांडेय
नियमित रचनाएँ
कोई नहीं बचा इसकी मार से
जहां जहां पड़े पैर शुद्धता के
मिलावट ने गर्दन पकड़ी पीछे से |
जब गेहूं लाए आटा पिसवाया
जल्दी में बीना नहीं ठीक से
इतनी किसकिसाहट आटे में थी
की वह कूड़ेदान के हुआ हवाले |
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आदरणीय उर्मिला सिंह
जिंदाबाद .....
दवाओं में दुवाओं में दिखती है तूँ रिश्तों की कतारों में
इश्क़ में ईमान में तूँ ही तूँ दिखती धरती से आसमान में
बनावटी मुस्काने,बनावटी मन्दिर मस्जिद की अजाने
श्रध्दा छुप हुई असत्य की गोद में भगवान भी कैसे सुने फ़रियाद
जिंदाबाद -जिंदाबाद.......
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आदरणीय ऋतु आसूजा
मिलावट का सच ...
सौ प्रतिशत सच का ,
मिलावटी सच
पक्के वादों का,
मिलावटी सच
दुग्ध में जल या जल में दुग्ध
मिलावट का अदृश्य सच
चलेगा
होनी चाहिये
मगर
कुछ ना कुछ
शुद्ध
बिना मिलावट
की
कोई भी
आसपास की
रद्दी
की
टोकरी
में
फेंकी गयी
आज का यह आपको कैसा लगा?
आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रियाओं की
प्रतीक्षा रहती है।
हमक़दम का अगला विषय
जानने के लिए कल का
अंक पढ़ना न भूलें।
#श्वेता
व्वाहहहह...
जवाब देंहटाएंबढ़िया लिखा सबने...
सभी को शुभकामनाएं..
सादर..
मिलावट हो गया कोरोना ने सारे सीमांत मिला डाले.. सारे देश को रोना देकर एक रंग में रंग डाला
जवाब देंहटाएंसराहनीय प्रस्तुतीकरण
बहुत सुंदर प्रस्तुति।सभी रचनाकारों की लेखनी में मिलावट के प्रति बेजोड़ मिलावट दिखती है।मिलावट से सभी लोग वाकिफ हैं।या यूँ कहें कि पीड़ित हैं।सभी रचनाकारों को बेजोड़ रचना के लिए हार्दिक बधाई।सादर धन्यबाद।
जवाब देंहटाएंस्वेता जी आज का अंक उम्दा लगा |मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार सहित धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंप्रातः वन्दन आप सभी को,मिलावट पर लिखी सभी रचनाएं बेजोड़ है! श्वेता जी हार्दिक धन्य वाद आपको मेरी रचना को शामिल करने के लिए!
जवाब देंहटाएंआभार श्वेता जी।
जवाब देंहटाएंमेरी ब्लॉग पोस्ट हलचल में शामिल करने हेतु आभार
जवाब देंहटाएंवाह!श्वेता ,सुंदर प्रस्तुति । मेरी रचना को स्थान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंउम्दा अंक, साधुवाद !
जवाब देंहटाएंबढियां प्रस्तुति
जवाब देंहटाएं"उचित कहा आपने -" सारी वस्तुओं में मिलावट नहीं अब शुद्ध होना आश्चर्य एवं संदेह का विषय है।" हमकदम का सुंदर अंक ,मेरी रचना को स्थान देने के लिए दिल से आभार ,सादर नमस्कार श्वेता जी
जवाब देंहटाएंवस्तुओं में मिलावट से भी खतरनाक है स्नेह में मिलावट, प्रेम में मिलावट,विश्वास में मिलावट,भक्ति में मिलावट, देशभक्ति में मिलावट....इस मिलावट का पता भी बड़ी देर से चलता है !!!बहुत सुंदर अंक,एकदम अलग सा विषय और बेहतरीन रचनाएँ।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब प्रिय श्वेता | मिलावट जैसे शुष्क ,नीरस विषय पर अंक सरस और मनभावन बन पड़ा है |सभी ने मिलावट को अपने - अपने ढंग से परिभाषित करने में कोई कसर नहीं छोडी |सभी ने स्नेह , सौहार्द की मिलावट पर जोर दिया , बस यही मिलावट सार्थक है जीवन में | सभी रचनाकारों को सादर , सस्नेह नमन और शुभकामनाएं| तुम्हें भी सार्थक भूमिका और प्रस्तुति की हार्दिक बधाई |अंत में यही कहूँगी , जीवन का यही कटु सत्य समझ में आया --जैसा की कवि नीरज जी ने कहा --
जवाब देंहटाएंकरें मिलावट फिर न क्यों व्यापारी व्यापार
जब कि मिलावट से बने रोज़ यहाँ सरकार
सस्नेह --
बहुत सुंदर अंक।
जवाब देंहटाएंमिलावट आज की जरूरत है
हमारी जिंदगी का अभिन्न अंग है
इसके विशुद्ध आज के मानुष के लिए जहर है।
आभार।