सादर अभिवादन
मंगलवार, माह पौष समाप्ति की ओर
पौष नहीं तो ठण्ड नहीं
चलिए चलें आज कुछ नया पढ़ें..
शुरुआत आज श्रीलंका निवासी
दुल्कांति समरसिंह की रचना से
जन्म से शुरू हुई आँसू ,
देखा या न देखा, हैं आँसू।
जाति भेद न जानते हैं,
अनंत, गर्मी आँसू।
स्वप्नों की तरह हैं आँसू,
कितनी हैं, नहीं हैं आँसू।
मुस्कुराहटें के पीछे हैं ,
कोई भी ना देखा हैं वो आँसू।
घर से निकलते ही
ठण्ड से ठिठुरते ही
दिखता है अपना शहर
कुछ भीगे भागे से
कुछ हैं अभागे से
सहते हैं ठंड का कहर
कहने को शब्द नहीं, लिखने को भाव नही
दर्द तो हो रहा है पर दिखाने को घाव नहीं..!!
''संगीता, मैं तुम्हें यह नहीं कहूंगी कि मैं तुम्हें बहू नहीं बेटी ही मानूंगी। बेटी, बेटी होती हैं और बहू, बहू होती हैं! मैं तुम्हें बेटी जैसा प्यार नहीं दूंगी...मैं तुम्हें बहू जैसा प्यार ही दूंगी!!'' रह-रह कर होने वाली सास के ये शब्द मेरे दिमाग में हथौडे की तरह वार कर रहे थे।
पौराणिक कथाओं या तुलसीदास के रामायण के मुताबिक़ हमारे राम कभी पुष्पक-विमान पर उड़ा करते थे। फिर उस विमान के बनाने वाले लोग और फैक्ट्री या विमान भारतवर्ष से गायब हो गए, जैसे मुहावरा है ना .. गधे के सिर से सींग का गायब हो जाना। हमने उसकी फैक्ट्री या निर्माता को नहीं ढूँढ़ा कभी। बस अतीत पर गर्दन अकड़ाये रहे। मालूम नहीं कब और किसने हमारे पुष्पक का हाइजैक कर लिया और हम सभी एक नामी डिटर्जेंट पाउडर - सर्फ-एक्सेल के विज्ञापन में गायब दाग-धब्बे की तरह उसे ढूँढ़ते रह गए। या फिर शायद ढूंढ़ने की कोशिश ही नहीं किए। हम तो बस कथाओं में पुष्पक विमान, गरुड़, हनुमान, उल्लू पर लक्ष्मी .. सब उड़ाते रहे पर वर्त्तमान हवाईजहाज का पहला प्रयास या आविष्कार हुआ अमेरिका में राइट-बंधुओं द्वारा।
आज का विषय
विषय क्रमांक 103
चोट
उदाहरण
लगी है चोट जो दिल पर बता नहीं सकते
ये वो कसक है जो कहकर सुना नहीं सकते
तुम्हारे प्यार को भूलें तो भूल जायें हम
तुम्हारी याद को दिल से भुला नहीं सकते
रचनाकार स्मृतिशेष गुलाब खंण्डेलवाल
प्रविष्ठियां शनिवार दिनांक 11 जनवरी 2020 को
शाम तीन बजे तक ही स्वीकार्य
सुंदर प्रस्तुति।ल
जवाब देंहटाएंशुभ प्रभात...
जवाब देंहटाएंउम्दा रचनाएँ
सादर...
सराहनीय संकलन
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया संकलन। मेरी रचना को "पांच लिंकों का आनंद" में शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, यशोदा दी।
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी हलचल प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंसादर नमन आपको और "पांच लिंकों का आनंद" में मेरी रचना/विचार साझा करने के लिए बहुत-बहुत आभार आपका .. बेहतर संकलन के लिए साधुवाद ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंउम्दा रचनाओं से सजी शानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को स्थान देने हेतु बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
सादर आभार।
उम्दा अंक, बहुत सुंदर प्रस्तुति , शानदार रचनाएं सभी रचनाकारों को बधाई।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना संकलन
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