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गुरुवार, 18 जनवरी 2024

💐4009 ..नंगे पांव ही चलकर, स्वामी जगत के आये हैं

 सादर अभिवादन

आज गलती से रवीन्द्र नहीं है
आज की ताबड़-तोड़ रचनाए पढ़ें




आज विराजत राम लला पुर,मंदिर सुंदर निर्मित आज।
मंडप अद्भुत शिल्प मनोहर,संत उमंगित पूरण काज।
विश्व करे जयकार लगे हर ओर सुहावत राम सुराज।
ढोल मृदंग बजे चहुँ ओर गँवे नित
गीत बजें सब साज।





पग-पग पलक बिछाओ रे, प्रेम पुष्प सजाओ रे।
मर्यादा का पाठ पढ़ाकर, जीती लंका मारके ठोकर
नंगे पांव ही चलकर, स्वामी जगत के आये हैं।
सियाराम अवध में आये हैं





सूर्योदय होने में लगभग डेढ़-पौने दो घण्टे शेष थे। डरते-डरते अपने हाथों में थामे शिशु की ओर उसने देखा और एकबारगी काँप उठी। कल ही तो वह दिल्ली के अस्पताल से अपनी माँ व शिशु के साथ लौटी थी। अपने किसी भी परिचित को उन्होंने इस बच्चे के जन्म की भनक तक नहीं होने दी थी। दिसम्बर माह का अन्तिम सप्ताह था। शीत के साथ ही भय की एक लहर ने उसका रोम-रोम खड़ा कर दिया। दिल की गहराई तक उसने यह सिहरन महसूस की और भयाक्रान्त हो चारों ओर नज़र डाली। उसे लगा, जैसे सभी दिशाओं से कुछ अज्ञात शक्तियाँ आँखें फाड़-फाड़ कर उसे घूर रही हैं। एक चीख उसके कण्ठ में घुट कर रह गई। एक बार फिर निद्रामग्न अपने शिशु की ओर देख कर उसने पीछे खड़े टॉमी की ओर देखा। टॉमी अपनी पूँछ हिलाता हुआ चुपचाप खड़ा शायद उसके मनोभाव पढ़ने की कोशिश कर रहा था। अपनी मालकिन के साथ रहना उसकी आदत-सी बन गई थी, इसीलिए वह साथ चला आया था।



काश कि
मेरे जीते जी ही कोई
मेरी आँखो में झाँक कर
हाथों को थाम कर
पूछ लेता
कैसी हूँ मैं...






कर लो फ़तह ये दुनिया,
दिल जीतना यूँ आसां नहीं,
तक़दीर के आसमान पे,
नूरे अल्वी हरदम नहीं होती,

मुझ से न मांग, उम्र भर का
हिसाब चंद अल्फ़ाज़ में,
सिलसिला है मुहोब्बत का,
जो कभी कम नहीं होती,


आज बस
कल सखीआएगी
सादर

6 टिप्‍पणियां:

  1. शुभ प्रभात आदरणीया
    बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम रचनाकारों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार सादर 🙏🌷

    जवाब देंहटाएं
  2. आज व्यस्तता के चलते भूलवश प्रस्तुति हेतु नियमित कार्य छूट गया। आदरणीया बहन यशोदा जी ने समय रहते समय निकालकर आपके समक्ष सुंदर प्रस्तुति प्रस्तुत की है। सादर आभार।

    जवाब देंहटाएं
  3. मेरी कहानी को सुन्दर रचनाओं से सुसज्जित इस संकलन का हिस्सा बनाने के लिए आ. यशोदा जी का हार्दिक धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं

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