हाज़िर हूँ...! अंतिम उपस्थिति दर्ज हो...
आज का मुख्य चर्चा का विषय है कि जब अनुस्वार को
व्यंजन मानते हैं तो इसे वर्ण में किन नियमों के अंतर्गत
परिवर्तित किया जाता है....इसके लिए सबसे पहले हमें
सभी व्यंजनों को वर्गानुसार जानना होगा
किन्तु यदि पाँचवे अक्षर के
आधे उच्चारण के बाद उसी वर्ग का
वर्ण नही आता है तो
हम बिंदु नही लगा सकते।
अंग्रेज़ी में तो शब्दकोश का सहारा लेना पड़ता है,
पर हिन्दी में बस सही उच्चारण मालूम हो,
कुछेक नियमों का ज्ञान हो और सही लिखने की इच्छा हो,
तो सब सही हो जाता है।
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पूर्ण विराम...
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सदा की तरह
जवाब देंहटाएंशानदार अंक
आभार
सादर नमन
आभारी हूँ दी इतने ज्ञानवर्धक सूत्र साझा करने लिए।
जवाब देंहटाएंअभी बस दो ही पढ पाये हैं बाकी पर दृष्टि ही फेर पाये हैं समयानुसार पढ़ते है।
आपका यह प्रयास सीखने के इच्छुकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
प्रणाम
सादर।
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जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रयोग । आज भी अनुस्वार और अनुनासिका का भेद सब नहीं कर पाते । राजभाषा ब्लॉग से लेख लेने के लिए आभार ।
जवाब देंहटाएंसमय तो लगा लेकिन बहुत कुछ सीखा गया। आभार।
जवाब देंहटाएंज्ञानवर्धक संग्रहणीय प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंज्ञान वर्धक पोस्ट
जवाब देंहटाएंआज जिस तरह से अशुद्ध प्ययोग होते है उस हिसाब से बहुत ज़रूरी लेख।
जवाब देंहटाएंप्रयोग
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